Monday, May 6, 2024

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तालिबान

‘अफगान फौज ही लड़ना नहीं चाहती तो हम क्यों मरें’ अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा- हम वहाँ देश बनाने नहीं, अपने लिए गए थे

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बायडेन ने कहा, "अफगानिस्तान में हमारे मिशन का सिर्फ और सिर्फ एक ही लक्ष्य था - अमेरिका पर होने वाले हमले को रोकना।"

सपा सांसद शफीकुर्रहमान बर्क ने किया तालिबान का बचाव, कहा- ‘अपने देश को आजाद कराने के लिए उठाया उचित कदम’

सपा सांसद ने कहा कि तालिबान एक ऐसी ताकत है, जिसने रूस और अमेरिका जैसे शक्तिशाली देशों को भी अपने देश पर कब्जा नहीं करने दिया।

जिहाद के रंग: तालिबान सफेद झंडे और ISIS काले झंडे का इस्तेमाल क्यों करता है? जानें क्या है पूरा माजरा

तालिबान के झंडे में एक सफेद पृष्ठभूमि होती है, जिस पर इस्लामिक शहादा काले रंग में छपा होता है। जबकि आईएसआईएस के झंडे की पृष्ठभूमि काली है और सफेद रंग में इस्लामिक शहादा (Islamic Shahada) छपा हुआ है।

काबुल के आखिरी पुजारी पंडित राजेश ने रतन नाथ मंदिर छोड़ने से किया इनकार, कहा- ‘तालिबान ने मार दिया तो यह भी मेरी सेवा’

"मेरे पूर्वजों ने सैकड़ों सालों तक इस मंदिर में सेवा की है। मैं इसे छोड़कर नहीं जाऊँगा। अगर तालिबान मुझे मार देता है तो यह भी मेरी सेवा ही होगी।"

तालिबान से बचने के लिए काबुल एयरपोर्ट पर प्लेन के टायरों पर लटके 3 अफगानी, आसमान से गिरे: देखें वीडियो

सोशल मीडिया पर काबुल एयरपोर्ट का एक वीडियो वायरल हो रहा है। वीडियो में एयरपोर्ट से उड़ान भरने वाले अमेरिका के एक प्लेन में जब जगह नहीं मिली तो अफगान के तीन नागरिक उसका टायर पकड़कर ही लटक गए।

क्या CNN ने की अफगानिस्तान में हमले के दौरान मास्क पहनने के लिए तालिबान की प्रशंसा? – Fact Check

सीएनएन न्यूज चैनल की एक रिपोर्ट का स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। इसमें चैनल को हमले के दौरान मास्क पहनने के लिए तालिबान की तारीफ करते हुए देखा जा सकता है।

तालिबानी हुकूमत के लिए ‘अल्लाह का शुक्रिया’ करते जामिया के आसिफ इकबाल तन्हा को सुनिए, दिल्ली दंगों का भी है आरोपित

ट्विटर स्पेस पर चर्चा हो रही थी- क्या भारत में मुस्लिम आजाद हैं। इसी दौरान आसिफ इकबाल तन्हा तालिबान से प्रेरणा लेने की बात कही।

जब बामियान में बुद्ध को डायनामाइट से उड़ाया, 9 गाय काट कर मना जश्न: तालिबान लौट आया तो मिर्जा हुसैन से भी मिल लीजिए

पहले धमाके के बाद जब बुद्ध की मूर्ति को तोड़ने में तालिबानी असफल रहे तो उन्होंने डायनामाइट लगवाए और विस्फोट के बाद नाचते हुए जश्न मनाया।

‘7वीं शताब्दी में मुहम्मद, 21वीं सदी में तालिबान’: ‘जमीन कब्जाने वालों’ पर ट्वीट कर ‘मुनाफ़िक़ीन’ बनीं तस्लीमा नसरीन

बांग्लादेशी लेखिका तस्लीमा नसरीन ने तालिबान की तुलना मुहम्मद से करते हुए ट्विटर पर लिखा कि ये हमारे आधुनिक समय में एक 'मध्यकालीन युग' है।

काबुल एयरपोर्ट पर भेड़-बकरी की तरह इंसान, फायरिंग में मौतें: तालिबान के आते ही बुर्के के लिए भी मारामारी

अफगानी महिला कहती है, “मुझे यकीन नहीं हो रहा, पूरी दुनिया ने हमें छोड़ दिया है। हमारे दोस्त मारे जा रहे हैं। वह हमें मार देंगे। हमारी महिलाओं के पास कोई अधिकार नहीं बचेगा।”

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