24 सितंबर को गाँधी जी की आगामी 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में संयुक्त राष्ट्र में विशेष समारोह होगा। कई देशों के राष्ट्राध्यक्षों ने समारोह में शामिल होने के लिए हामी भरी है। इनमें संयुक्त राष्ट्र के महासचिव ऍन्तोनिओ गुतेरेश के अलावा सिंगापुर, कोरिया, न्यूज़ीलैंड आदि के राष्ट्राध्यक्षों के भी शमिल होने की उम्मीद है।
2014 में पीएम बनने के बाद ह्यूस्टन इवेंट भारतीय-अमेरिकियों को संबोधित करने का पीएम मोदी का तीसरा बड़ा कार्यक्रम होगा। मई 2019 में दोबारा चुने जाने के बाद अमेरिका में यह इस तरह की पीएम की पहली रैली है।
भारतीय राजनयिक हर्षवर्धन श्रृंगला ने जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि यह एक अराजकतावादी प्रावधान था, जिससे अर्थव्यवस्था का दम घुट रहा था और पाकिस्तानी आतंकवाद को बढ़ावा मिल रहा था।
"वॉशिंगटन पोस्ट की पक्षपातपूर्ण रिपोर्टिंग में इस सच को नजरअंदाज किया गया कि अनुच्छेद 370 और 35ए के कारण अल्पसंख्यक, महिलाएँ और समाज के कमजोर वर्ग के लोग लोकतांत्रिक अधिकारों से वंचित रहे जबकि कश्मीर भ्रष्टाचार, अलगावववाद की जमीन बन गई।"
अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा कि चीन में उइगुर मुस्लिमों को सामूहिक रूप से कैद में रखा जा रहा है। उन्होंने कहा कि जिस तरह से उइगरों के साथ बर्ताव कर रहा है, वह दुनिया पर बदतरीन धब्बा है। उन्होंने इस मसले को चीन की राष्ट्रीय सुरक्षा से इतर बताया और कहा कि....
UAPA क़ानून के तहत मौलाना मसूद अजहर, हाफ़िज़ सईद, दाऊद इब्राहिम, ज़कीउर्रहमान लखवी को आतंकवादी घोषित करने के बाद बाद अमेरिका ने भी भारत के इस रुख़ का समर्थन किया है। अमेरिका का कहना है कि...
कश्मीर भारतीय लोकतंत्र का आंतरिक मुद्दा है और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को अपने बयानों को शांत करने की जरुरत है एवं उन्हें भारत से युद्ध और संघर्ष को बढ़ावा नहीं देना चाहिए।"
"अनुच्छेद 370 में इन संशोधनों की आवश्यकता थी, क्योंकि इसके कारण लगभग सभी कश्मीरी अल्पसंख्यकों (जैसे शिया, दलित, गुर्जर, कश्मीरी पंडित, कश्मीरी सिखों) के साथ हद से ज्यादा भेदभाव हो रहा था। लेकिन अब उन्हें कानून के समक्ष बराबरी का अवसर मिलेगा।"
पाकिस्तान को दी जाने वाली यह धनराशि ‘पाकिस्तान एन्हांसमेंट पार्टनरशिप एग्रीमेंट (PEPA) 2010’ के तहत मिलती थी। 90 करोड़ डॉलर की बची हुई अमेरिकी मदद पाने के लिए पाकिस्तान ने पिछले सप्ताह ही PEPA की समय-सीमा बढ़ा दी थी।
UNSC की अध्यक्ष द्वारा पाकिस्तान पर 'नो कमेंट्स' वाली टिप्पणी करने से पहले अमेरिका के दो नेता भी पाकिस्तान को भारत के ख़िलाफ़ कार्रवाई करने से बचने की बात बोल चुके हैं और उन्हें कह चुके हैं कि वह अपनी सरजमीं पर पल रहे आतंकी गुटों से निबटने पर ध्यान दें।