कॉन्ग्रेस शासनकाल में कई भीषण दंगे हुए, जिनको लेकर उन पर सवाल नहीं दागे गए। भाजपा शासनकाल में देश अपेक्षाकृत शांत है और ऐसी घटनाओं में कमी आई है। अगर हम 2011-2013 की बात करें तो उस दौरान भी कॉन्ग्रेस शासित राज्य सांप्रदायिक हिंसा की चपेट में सबसे ज्यादा थे।
राहुल गाँधी के वायनाड लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने के औपचारिक ऐलान के बाद वाम दलों में हलचल मच गई। वाम दलों ने इसे भाजपा के ख़िलाफ़ लड़ाई को कमजोर करने का प्रयास बताते हुए राहुल को हराने का दावा किया।
आईटी विभाग ने स्पष्ट किया है कि उन्हें वेल्लोर के ज़िला निर्वाचन अधिकारी द्वारा बुलाया गया था और राज्य पुलिस प्रमुख द्वारा जारी आधिकारिक ज्ञापन प्राप्त करने के बाद ही छापेमारी की गई।
हार के बाद इंदिरा गाँधी ने दक्षिण भारत का रुख किया। अपना पहला चुनाव लड़ रही सोनिया के लिए दक्षिण में 'सेफ सीट' खोजी गई। अब हार से डरे राहुल भी दक्षिण भारत भाग खड़े हुए हैं। चिकमंगलूर, बेल्लारी और अब वायनाड- क्या है इनमें समान?
जामा मस्जिद के शाही इमाम द्वारा किसी खास पार्टी के समर्थन की घोषणा करने से लेकर जनेऊ और शिव-भक्त बनते हुए भारतीय राजनीति ने लंबा सफर तय कर लिया है। इस सफर में मजार पर चढ़ते चादर से लेकर गंगा आरती तक के स्टेशन आए। लेकिन अब जो आया है, वो 'रंगीला' है, 'खूबसूरत' है।
जिस तरह की पार्टी है, और जैसे चाटुकार लोग हैं, वो लोगों की गालियों वाले ट्वीट को भी 'चर्चा में तो हैं हमलोग' मानकर निकल ले रहे हैं। मालिक तो पहले ही मूर्ख है, वो तो पेपर देखकर पढ़ नहीं पाता, उसको कुछ भी कह दो, क्या फ़र्क़ पड़ता है!
मोदी विरोध के लिए देश की उपलब्धियों को झुठलाने वाली कॉन्ग्रेस व विपक्षी दल फिर कटघरे में हैं। आज नहीं कल, लोग उनसे हिसाब माँगेंगे और पूछेंगे कि देश को मजबूत बनाने वालों की संदिग्ध मौत और भारत को असुरक्षित बनाने वाली कॉन्ग्रेस पार्टी के इतिहास में इतने ब्लैक होल क्यों हैं?
ऑपइंडिया ने इस तरफ अपना ध्यान केंद्रित किया और सबूतों को प्राप्त करने की दिशा में क़दम आगे बढ़ाए जिससे यह पता चल सके कि कहीं सोनिया गाँधी और उनका इटैलियन परिवार बोफोर्स घोटाले में शामिल तो नहीं था और फिर उनके नाम सार्वजनिक रूप से छिपा दिए गए हों।
इक़बाल अंसारी ने कॉन्ग्रेस द्वारा अपने 60 वर्षों के शासन के दौरान अयोध्या की अनदेखी पर हमला किया। उन्होंने कहा कि शहर में कॉन्ग्रेस द्वारा कोई विकास कार्य नहीं किया गया, न तो रोज़गार उत्पन्न हुआ और न ही कोई मिल या कारखाना स्थापित किया गया।