Thursday, May 2, 2024

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प्रिय मीडिया गिरोह, हर दलित जीतेन्द्र की मौत जातिवाद के कारण नहीं होती

सामाजिक समारोह में इस प्रकार की झड़प और हिंसा जौनपुर-जौनसार में आम बात है और यही वजह है कि समय-समय पर यहाँ पर 10-15 गाँव मिलकर शादी-विवाह में शराब और DJ को प्रतिबंधित करते आए हैं लेकिन ऐसे में किसी व्यक्ति की मृत्यु होना बेहद चौंकाने वाला प्रकरण है।

भीमा कोरेगाँव: बाबासाहेब अंबेडकर ने नहीं दी थी ब्राह्मणों को गाली, झूठ बोलते हैं अर्बन नक्सली

कोरेगांव की लड़ाई की प्रशंसा ब्रिटेन की संसद तक में हुई थी और कोरेगाँव में एक स्मारक भी बनवाया गया था जिस पर उन 22 महारों के नाम भी लिखे हैं जो कम्पनी सरकार की ओर से लड़े थे। यह प्रमाणित होता है कि कोरेगाँव की लड़ाई दलित बनाम ब्राह्मण थी ही नहीं, यह तो दो शासकों के मध्य एक बड़े युद्ध का छोटा सा हिस्सा मात्र थी।

लोकतंत्र का लहसुन: रावण से रा.टू होने तक मायावती का मनुवादी होना ज़रूरी है

हिंसक आंदोलनों की नाजायज़ औलादें, लाशों पर पैर रख कर संसद तक पहुँचती है। ऐसी भीड़ें ही इन नाजायज़ बच्चों को जनती है जो बाद में इन्हीं के लिए बने संसाधनों को पत्थर से बने पर्स में, और पार्कों के पिलर पर बने हाथियों में खपा देते हैं।

कॉन्ग्रेस ने दलित होने की वजह से कर्नाटक का मुख्यमंत्री बनने से 3 बार रोका: जी. परमेश्वर

कॉन्ग्रेस नेता परमेश्वर ने कहा कि कॉन्ग्रेस पार्टी मेरे जैसे ही अन्य दलित नेताओं से भी भेदभाव करती है। "कॉन्ग्रेस ने बी. बासवलिंगप्पा, के.एच. रंगनाथ, मल्लिकार्जुन खड़गे को भी प्रदेश के सीएम की कुर्सी तक पहुँचने नहीं दिया।

कांशीराम की चेली हूँ, जैसे को तैसा जवाब देना जानती हूँ: मायावती

मायावती ने कहा कि हम दब्बू किस्म के लोग नहीं हैं, जो सुनकर बैठ जाएँगे, घबरा जाएँगे। उसका मुँहतोड़ जवाब देना भी हमें आता है।

35-A का वह पहलू जिसका भार उठाते जम्मू-कश्मीर में दलितों की पीढ़ियाँ खप गईं

14 मई 1954 को एक ऐसा संवैधानिक आदेश भारत के राष्ट्रपति द्वारा जम्मू कश्मीर राज्य में लागू करवाया गया जिसने भारत के संविधान में एक नया अनुच्छेद जोड़ दिया।

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