शाहरुख ने जिस पिस्टल से जाफराबाद में फायरिंग की थी वह मुंगेर से मँगाई थी। उसका ननिहाल बरेली में है। वहॉं के ड्रग तस्करों से उसके अब्बा और उसकी अम्मी इन्नो के अच्छे ताल्लुकात हैं। इसी वजह से वह छिपने के लिए बरेली चला गया था।
ताहिर 15 से ज्यादा लोगों के साथ अपने घर में घुसते दिख रहा है। इन सबके हाथ में पिस्टल है। उसके पीछे सैकड़ों दंगाइयों के चलने का फुटेज भी सामने आया है। इन दंगाइयों के हाथ लाठी-डंडे और तबाही के अन्य सामान हैं।
"रवीश कुमार बेशर्मी का सबसे बड़ा उदाहरण हैं। उन्होंने मोहम्मद शाहरुख़ को अनुराग मिश्रा बताया और कहा कि वो कपिल मिश्रा का कोई सम्बन्धी हो सकता है। मोहम्मद शाहरुख़ ने उन दंगों में 8 राउंड फायरिंग की थी। फोटोशॉप कर के मेरे साथ उसकी तस्वीर वायरल की गई, जो झूठ निकली।"
शाहरुख़ टिक-टॉक पर वीडियो बनाता और मॉडल बनना चाहता था। उसने दो साल पहले अपने एक दोस्त से पिस्टल ख़रीदी थी। पूछताछ के दौरान उसने बताया है कि वो बस रौब झारने के लिए पिस्टल का इस्तेमाल किया करता था और उसने इसीलिए इसे ख़रीदा था।
दोनों भाजपा नेताओं के प्रयासों के कारण अब तक जनता ने दिल्ली दंगों में मारे गए हिन्दुओं के परिवारों के लिए 72 लाख रुपए का सहयोग दिया है। हालाँकि, उन्होंने 71 लाख रुपए का ही लक्ष्य रखा था लेकिन उससे 1 लाख रुपए ज्यादा ही लोगों ने दिए हैं।
'अल जज़ीरा' के 'AJ+' ने लगातार कई ऐसे लेख, वीडियो और ख़बरें प्रकाशित किए हैं, जिससे दिल्ली हिंसा में उसका भी हाथ होने से इनकार नहीं किया जा सकता। इसके माध्यम से भारत ही नहीं, बल्कि यूरोप में भी हिन्दू-घृणा फैलाई जा रही है। उसके कंटेंट्स हिन्दू-घृणा से सने होते हैं।
हिंदुओं के डर के 5 खौफनाक सबूत - 1) हिंदू विरोधी हिंसा में मारे गए राहुल ठाकुर का सुनसान बृजपुरी इलाका 2) शिव विहार में मारे गए आलोक तिवारी के परिवार की FIR से मनाही 3) गायब हुए धर्मेन्द्र की गली में लटके ताले 4) जोहरीपुर में माथे में ड्रिल घुसे विवेक की माँ का बात करने से इंकार 5) जाफराबाद से किराएदारों का पलायन!
"सोशल मीडिया पर यूजर्स का कहना है कि शाहरुख की गिरफ्तारी के बाद एनडीटीवी पर मातम छा गया है। रवीश ने बहुत मेहनत की थी उसे अनुराग मिश्रा बताने में। लेकिन अब हकीकत का खुलासा होने के बाद हो सकता है कि रवीश कुमार स्क्रीन काली कर दे।"
अलकायदा ने जम्मू कश्मीर को 'हिन्दुओं से आज़ाद' करा के यहाँ शरिया क़ानून लागू करने की बात कही है। संगठन ने कहा कि जब तक जेरुसलम का मस्जिद-ए-अक़्सा और अयोध्या का बाबरी मस्जिद 'काफिरों' से मुक्त नहीं हो जाता, तब तक जंग जारी रहेगी।
'द वायर' ने इन दोनों स्कूलों को लेकर अपनी 'ग्राउंड रिपोर्टिंग' में झूठ फैलाया है। प्रोपेगंडा पोर्टल ने दावा किया है कि दोनों स्कूलों के मालिक समुदाय विशेष से ही हैं। बता दें कि डीआरपी स्कूल के ओनर पंकज शर्मा हिन्दू हैं।