पाकिस्तान के रावलपिंडी शहर में हाल ही में एक हिन्दू मंदिर पर हमला किया गया और उसमें आग लगाने का भी प्रयास किया गया। रावलपिंडी में शनिवार की रात को ‘पुराना किला माता मंदिर’ में लगभग एक दर्जन की संख्या में युवकों ने हमला कर दिया।
पुलिस की एक विशेष टीम आरोपितों को पकड़ने में लग गई है। मूर्ति देख पुलिस ने आशंका जताई है कि मूर्ति पर तेजाब डाला गया या फिर हो सकता उस पर आग लगाई गई हो।
विजयवाड़ा के सीताराम मंदिर में देवी सीता की मूर्ति खंडित पाई गई थी। उससे पहले विभिन्न मंदिरों में भगवान गणेश, राम, वेंकटेश और सुब्रमण्येश्वर स्वामी की प्रतिमाओं को नुकसान पहुँचाया गया था।
सैंकड़ों की भीड़ वहाँ मौजूद है। आस-पास अल्लाह-हू-अकबर के नारे लग रहे हैं। इस्लामी झंडा लहरा कर मंदिर को तोड़ा जा रहा है। जगह जगह से धुआँ उठ रहा है। गोले दगने की आवाजें भी वीडियो साफ सुनाई पड़ रही हैं।
हर राष्ट्र में कानून बहुसंख्यकों के हिसाब से होता है और अल्पसंख्यकों को उसी दायरे के अनुकूल बनना पड़ता है। यहाँ हमेशा उल्टा होता आया है क्योंकि सर्वसमावेशन और सहिष्णुता की बात सिर्फ हिन्दुओं की ही जिम्मेदारी बन गई है।
मंदिर में जब प्रतिमा को तोड़ा गया तब हालात देखकर ये अंदाजा लगाया गया था कि उपद्रवी मंदिर में छिपे खजाने की तलाश में आए थे और उन्होंने कम सुरक्षा व्यवस्था देखते हुए मूर्ति तोड़ डाली।
"शिव शक्ति मंदिर में लगभग दर्जन भर देवी-देवताओं का सर कलम करने वाले विधर्मी दुष्ट का दूसरे दिन भी कोई अता-पता नहीं। हिंदुओं की सहिष्णुता की कृपया और परीक्षा ना लें।”