Sunday, April 28, 2024

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राजदीप जी, थोड़ी शरम बची हो तो हथेली पर थूक कर उसी में नाक डुबा के मर जाइए

जब तक इन्हें छीलेंगे नहीं, ये अपनी हरकतों से बाज़ नहीं आएँगे। इसलिए, इनके ट्वीट तो छोड़िए, एपिडर्मिस, इन्डोडर्मिस से लेकर डीएनए तक खँगालते रहिए क्योंकि बाय गॉड, ये लोग बहुत ही बेहूदे क़िस्म के हैं।

चिदंबरम इंटरव्यू ‘कांड’: बेइज्जती सहेंगे लेकिन पैरवी उन्हीं की करेंगे

ज्योति मल्होत्रा को पी चिदंबरम ने जैसे धमकी दी, ऐसा अगर भाजपा के किसी मंत्री ने किया होता तो 'लोकतंत्र खतरे में' और 'मीडिया पर अंकुश' या 'सुपर-इमर्जेंसी' जैसा कुछ भयंकर ट्रेंड कर गया होता ट्विटर पर।

ट्विटर के भूत बातों से नहीं मानते, संसदीय समिति ने कहा ‘जाओ अपने मालिक को लेकर आओ’

संसदीय समिति ने सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया है कि वे ट्विटर के किसी भी अधिकारी से तब तक नहीं मिलेंगे जब तक कि समिति के समक्ष कोई वरिष्ठ सदस्य या ट्विटर के सीईओ पेश न हों।

लप्रेकी रवीश कुमार! घर लौट आओ, तुम्हें कोई कुछ नहीं कहेगा

जिस तरह तमाम माया-मोह को त्यागकर अर्जुन ने गाण्डीव उठाया था, आप क़लम उठाइये, आप शब्दों के जादूगर हैं। राजनीति नहीं, बस अपने हिस्से की पत्रकारिता शुरू कर दीजिए, TV पर सच सुनने और मीडिया में सच पढ़ने के इच्छुक व्यक्ति की ये बहुत बड़ी जीत होगी।

पुलिसकर्मी पर गौ तस्करों ने चढ़ाई गाड़ी, आरोपित मुजीब गिरफ़्तार

कैंटर में कुल 8 गौ-वंश बरामद किए गए, बताया जा रहा है कि इन्हें राजस्थान ले जाया जा रहा था। मामले में फिरोज़पुर झिरका थाने में 2 लोगों के ख़िलाफ़ केस दर्ज किया गया है।

कैलाश विजयवर्गीय के ‘चॉकलेट’ को चाट गई मीडिया, परोस दिया झूठ – यहाँ देखें पूरा Video

देश के तमाम बड़े मीडिया हाउस ने इस वीडियो के आधार पर जो ख़बर बनाई, उसमें गच्चा खा गए। ऐसा कई कारणों से हो सकता (कई बार जान-बूझकर भी) है।

प्रतीक सिन्हा की घटिया करतूत और इस्लामी कट्टरपंथियों की धमकी के पीड़ित नवयुवक का ट्विटर अकाउंट सस्पैंड

जिस पीड़ित पर हिंसक हत्या से लेकर परिवार को भद्दी गालियाँ देते हुए कई ट्विटर अकाउंट साफ़ दिख रहे हैं, उसी को ट्विटर ने सस्पैंड कर दिया है। ट्विटर की कार्यप्रणाली लोगों की समझ से बाहर है!

AltNews के संस्थापक प्रतीक सिन्हा, फ़ैक्ट-चेक की आड़ में कितना गिरोगे?

साइबर क्राइम की बात होने पर कानून और स्पष्ट कानूनी ढाँचे के अभाव में, प्रतीक सिन्हा जैसे लोगों का ऑनलाइन स्टॉकिंग और उत्पीड़न जैसे अपराधों में शामिल होने के बाद भी बच निकलना आसान हो जाता है।

उत्तेजित मीडिया मोशाय, शांत हो जाइए; प्रियंका कभी अपने ही गढ़ में फेल हो चुकी हैं

2012 में 15 दिनों से भी ज्यादा दिन के गहन प्रचार-प्रसार के बाद प्रियंका ने अकेले अपने दम पर अमेठी-रायबरेली में कॉन्ग्रेस के सीटों की संख्या 7 से 2 पहुँचा दी थी।

इम्तियाज़ और अब्दुल ने कॉन्स्टेबल प्रकाश को पिकअप ट्रक चढ़ाकर मार दिया, कहीं ख़बर पढ़ी?

अब आप इसी हत्या की कहानी के नाम बदल दीजिए, प्रकाश को ट्रक पर बिठा दीजिए, फ़ैयाज़ और क़ुरैशी को पुलिस बना दीजिए। तब ये घटना, भले ही इसमें घृणा का एंगल न हो, साम्प्रदायिक हो जाएगी।

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