अब जबकि राजनीतिक मुकाबले इतने करीबी होने लगे हैं, तो भाजपा समेत सभी दलों के हित में होगा कि वे NOTA पर भी एक राजनीतिक प्रतिस्पर्धी के तौर पर ध्यान दें।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण की शुरुआत केंद्रीय और राज्य के चुनाव आयोग और सुरक्षाबलों का इस चुनाव के आयोजन के लिए धन्यवाद के साथ की। नरेंद्र मोदी ने कहा, "सेंट्रल हॉल की यह घटना असामान्य घटना है।
बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने बीजेपी संसदीय दल के नेता के रूप में नरेंद्र मोदी के नाम का प्रस्ताव रखा। इस प्रस्ताव का राजनाथ सिंह और नितिन गडकरी ने समर्थन किया।
हालाँकि, वोटों का ये अंतर 2019 में सबसे ज्यादा है, मगर भारत के चुनावी इतिहास में यह दूसरी सबसे बड़ी जीत है। पूर्व केंद्रीय मंत्री गोपीनाथ मुंडे की बेटी प्रीतम मुंडे ने अक्टूबर 2014 में उप चुनाव के दौरान महाराष्ट्र की बीड सीट पर 6.96 लाख वोटों से जीत हासिल की थी। पाटिल के जीत का आँकड़ा इससे थोड़ा सा ही कम है।
"तुमने जिस ख़ून को मक़्तल में दबाना चाहा, आज वह कूचा-ओ-बाज़ार में आ निकला है। कहीं शोला, कहीं नारा, कहीं पत्थर बनकर" शायर साहिर लुधियानवी ने ये पंक्तियाँ 23 मई 2019 की सुबह को ध्यान में रखकर नहीं लिखी थीं। ये पंक्तियाँ लिखी जा चुकी हैं, ठीक उसी तरह जिस तरह नरेंद्र मोदी को एक बार फिर देश ने सर आँखों पर बिठा लिया है।
भाजपा कभी भी 200 का आँकड़ा नहीं छू पाएगी और बीजेपी इस वक्त बौखलाई हुई है। इसीलिए वो एग्जिट पोल को अपने पक्ष में दिखाने के लिए सेटिंग कर रही है, ताकि छोटे-मोटे दल उनके साथ खड़े हो सकें।
चांदनी चौक की मशहूर स्वीट शॉप से विशेष प्रकार की 50 किलो कमल बर्फी बनाने का ऑर्डर भी दिया गया है। इस बर्फी की खासियत होगी कि इसका आकार पार्टी के चुनाव चिह्न कमल फूल की तरह होगा।