Sunday, September 8, 2024
Homeदेश-समाजकैफे से लेकर सड़क तक चाकू घोंपता रहा साकिब, चीखती-चिल्लाती भागती रही बीवी: बंगाल...

कैफे से लेकर सड़क तक चाकू घोंपता रहा साकिब, चीखती-चिल्लाती भागती रही बीवी: बंगाल में लोगों के सामने ही 22 साल की महिला की हत्या

साकिब ने एक चाकू से अरीबा के सर पर हमला किया जिससे वह गंभीर रूप से चोटिल हो गई। इसके बाद अरीबा अपनी जान बचाने के लिए कैफे से बाहर भागी। साकिब ने तब भी उस पर हमला करना नहीं छोड़ा। साकिब ने उसे सड़क पर दौड़ा कर चाकुओं से लगातार हमला किया और अरीबा की हत्या कर दी।

कोलकाता में साकिब नाम के एक युवक ने अपनी 22 साल की पत्नी को सड़क पर दौड़ा कर मार दिया। उसे पहले एक कैफे के भीतर चाकू मारा गया और फिर जब वह बचने के लिए सड़क पर भागी तब उसे यहाँ दौड़ा कर चाकू मार दिया। हत्यारा पति पुराना अपराधी बताया जा रहा है।

जानकारी के अनुसार, सोमवार (6 मई, 2024) शाम को कोलकाता के बेक बागान इलाके में स्थित एक कैफे में इर्तिका साकिब अपनी पत्नी अरीबा से मिलने आया था। थोड़ी देर बाद दोनों के बीच किसी मुद्दे को लेकर बहस चालू हो गई। थोड़ी देर बाद साकिब ने अरीबा पर हमला कर दिया।

साकिब ने एक चाकू से अरीबा के सर पर हमला किया जिससे वह गंभीर रूप से चोटिल हो गई। इसके बाद अरीबा अपनी जान बचाने के लिए कैफे से बाहर भागी। साकिब ने तब भी उस पर हमला करना नहीं छोड़ा। साकिब ने उसे सड़क पर दौड़ा कर चाकुओं से लगातार हमला किया और अरीबा की हत्या कर दी।

अरीबा को उसने लगातार मारना जारी रखा, इसके बाद आसपास के लोगों ने घायल अरीबा को बचाया। वह उसे अस्पताल लेकर गए जहाँ उसे मृत घोषित कर दिया गया। साकिब को घटनास्थल से पकड़ लिया गया। बताया गया कि आसपास खड़े लोगों ने साकिब को धुना भी।

टाइम्स ऑफ़ इंडिया की रिपोर्ट में बताया गया है कि साकिब और अरीबा की कुछ समय पहले शादी हुई थी लेकिन दोनों के बीच झगड़ा रहता था। साकिब पहले भी अरीबा को मारता पीटता था और इसको लेकर अरीबा ने घरेलू हिंसा का मामला भी दर्ज करवाया था। साकिब को इस मामले में गिरफ्तार करके भेज दिया गया था।

उसे बाद में जमानत मिल गई थी। बताया गया कि साकिब इस कैफे में अरीबा से बातचीत करने आया था, इसी के बाद वह हमला करने लगा और अरीबा को मार दिया। पुलिस ने साकिब को गिरफ्तार कर लिया है, अरीबा का पोस्टमार्टम करवाया गया है।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

ग्रामीण और रिश्तेदार कहते थे – अनाथालय में छोड़ आओ; आज उसी लड़की ने माँ-बाप की बेची हुई जमीन वापस खरीद कर लौटाई, पेरिस...

दीप्ति की प्रतिभा का पता कोच एन. रमेश को तब चला जब वह 15 वर्ष की थीं और उसके बाद से उन्होंने लगातार खुद को बेहतर ही किया है।

शेख हसीना का घर अब बनेगा ‘जुलाई क्रांति’ का स्मारक: उपद्रव के संग्रहण में क्या ब्रा-ब्लाउज लहराने वाली तस्वीरें भी लगेंगी?

यूनुस की अगुवाई में 5 सितंबर 2024 को सलाहकार परिषद की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि इसे "जुलाई क्रांति स्मारक संग्रहालय" के रूप में परिवर्तित किया जाएगा।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -