Wednesday, June 26, 2024
Homeदेश-समाजभोजशाला में ASI सर्वे में मिला पाषाण अवशेष, भगवान सूर्य के आठों पहर के...

भोजशाला में ASI सर्वे में मिला पाषाण अवशेष, भगवान सूर्य के आठों पहर के बने हैं चिन्ह: मजार बना मुस्लिम पढ़ने लगे नमाज, माँ सरस्वती का है मंदिर

भोजशाला में चल रहे सर्वे में एक पाषाण अवशेष मिला है, जिसमें सूर्य के आठों पहर के चिन्ह बने होने की बात कही गई है। यह 1x3.5 वर्ग फीट आकार का है। हिन्दू पक्ष का कहना है कि इस अवशेष पर मिले चिन्ह भोजशाला के खम्भों पर मिले चिन्हों से मिलते हैं।

मध्य प्रदेश के धार जिले में स्थित भोजशाला में चल रहे भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) सर्वे में पाषाण अवशेष मिले हैं। ASI सर्वे के 65वें दिन यह अवशेष टीम को मिले हैं। भोजशाला में चल रहे इस सर्वे के बीच मुस्लिमों ने एक बार फिर हाई कोर्ट के निर्णय के बाद भी विरोध किया है।

मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया है कि भोजशाला में चल रहे सर्वे में एक पाषाण अवशेष मिला है, जिसमें सूर्य के आठों पहर के चिन्ह बने होने की बात कही गई है। यह 1×3.5 वर्ग फीट आकार का है। हिन्दू पक्ष का कहना है कि इस अवशेष पर मिले चिन्ह भोजशाला के खम्भों पर मिले चिन्हों से मिलते हैं। इससे पहले यहाँ सर्वे में स्तम्भ भी मिला था।

भोजशाला में सर्वे के लिए अब जमीन के नीचे क्या है, इसका पता लगाने के लिए ग्राउंड पेनेट्रेटिंग राडार का इस्तेमाल किया जा रहा है। इसे हैदराबाद से लाया गया है। इसके जरिए मंदिर को अलग अलग ब्लॉक्स में बाँट कर सर्वे किया जा रहा है।

जहाँ एक ओर सर्वे आगे बढ़ रहा है, वहीं दूसरी तरफ मुस्लिम समाज हाई कोर्ट के आदेश के बावजूद इसका विरोध कर रहा है। मुस्लिमों ने ASI सर्वे का विरोध काली पट्टी बाँध कर किया। उन्होंने नमाज पढ़ने के दौरान काली पट्टी बाँधी। उन्होंने आरोप लगाया कि ASI यहाँ खुदाई कर रही है, जिसकी अनुमति नहीं है।

वहीं हिन्दू पक्ष का कहना है कि कोर्ट के आदेश में केवल यह कहा गया है कि संरचना में कोई बदलाव ना हो, ऐसे सर्वे किया जाए। ASI सर्वे के लिए कोई भी तरीका अपना सकती है। हिन्दू पक्ष ने मुस्लिमों पर कोर्ट के निर्णय की गलत व्याख्या करने का आरोप लगाया है।

गौरतलब है कि मध्य प्रदेश के धार जिले में स्थित विवादित भोजशाला में ASI सर्वे को लेकर 11 मार्च, 2024 को मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने आदेश दिया था। हाई कोर्ट ने इस संबंध में रिपोर्ट 6 हफ़्तों में दाखिल करने की बात कही थी। कोर्ट ने आधुनिक तकनीक से यहाँ सच्चाई पता लगाने को कहा था।

भोजशाला विवाद बहुत पुराना विवाद है। हिंदू पक्ष का मत है कि ये माता सरस्वती का मंदिर है जहाँ देवी-देवताओं के चित्र और संस्कृत में श्लोक आज भी लिखे हुए हैं। सदियों पहले मुसलमानों ने इसकी पवित्रता भंग करते हुए यहाँ मौलाना कमालुद्दीन की मजार बना दी थी जिसके बाद यहाँ मुस्लिमों का आना जाना शुरू हो गया और अब इसे नमाज के लिए प्रयोग में लाया जाता है।

भोजशाला के बाहर लगे बोर्ड में सूचना के तौर पर साफ लिखा है कि मंगलवार सूर्योदय से सूर्यास्त तक हिंदुओं को वहाँ प्रवेश मिलेगा। वहीं शुक्रवार दोपहर 2 बजे से लेकर तक 3 बजे तक नमाजियों के लिए प्रवेश होगा। बाकी बचे दिन कोई भी जगह को देखने के लिहाज से जा सकता है।

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

अयोध्या में बनेगा मंदिरों का म्यूजियम, ₹750 करोड़ होगा खर्च: टाटा संस ने ली निर्माण की जिम्मेदारी, योगी सरकार ने लगाई मुहर

टाटा संस ने कहा है कि वह CSR फंड से 650 करोड़ रुपए खर्च कर टेंपल म्‍यूजियम बनाएँगे। साथ ही आसपास इंफ्रा पर 100 करोड़ खर्च करेंगे।

पश्चिम से बन-ठन कर आई रोगग्रस्त वेश्या की हो रही पूजा… आपातकाल के खिलाफ आत्मदाह करने वाले प्रभाकर शर्मा, पत्र में लिखा था –...

जानिए कौन थे सर्वोदय कार्यकर्ता प्रभाकर शर्मा, जिन्होंने इंदिरा गाँधी द्वारा लगाए गए आपातकाल के विरोध में आत्मदाह कर लिया था। उन्होंने कॉन्ग्रेस सरकार पर पशुबल के इस्तेमाल का आरोप लगाते हुए कहा था कि ऐसे शासन में ज़िंदा रहने की बजाए वो कीड़ा-मकोड़ा बन कर मल-मूत्र में रेंगना पसंद करेंगे।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -