Saturday, November 30, 2024
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‘अल्लाहु अकबर’ के नारे लगाते हुए संभल में पुलिस पर टूटी इस्लामी भीड़, हिंसा में 14 साल के लड़के से लेकर 72 साल का मोहम्मद तक शामिल: FIR से खुलासा, खून-खराबे की मंशा से जुटे थे उपद्रवी

इंस्पेक्टर संभल कोतवाली का दावा है कि भीड़ 'अल्लाहु अकबर' का नारा लगा रही थी। इस भीड़ को आगे बढ़ कर कुछ पुलिसकर्मियों ने रोकना चाहा। इन्हें समझाने की बहुत कोशिश की गई। पुलिस ने बताया कि मस्जिद को किसी भी तरह का नुकसान नहीं किया जा रहा। हालाँकि भीड़ में से कोई बी यह दलील सुनने को तैयार नहीं था।

उत्तर प्रदेश के संभल जिले में रविवार (24 नवंबर 2024) को मुस्लिम भीड़ ने पुलिस पर हमला कर दिया था। यह हमला उस समय किया गया था जब कोर्ट के आदेश पर एक टीम जामा मस्जिद का सर्वे करने गई थी। हमले में 2 दर्जन से अधिक पुलिसकर्मी घायल हुए थे और भीड़ में शामिल 5 लोगों की संदिग्ध हालातों में मौत भी हुई थी।

पुलिस घटना के बाद से आरोपितों का पता लगाने में जुटी थी। अब इसी जाँच के क्रम में सामने आया है कि घटना वाले दिन हिंसक भीड़ अल्लाहु अकबर का नारा लगाते हुए आगे बढ़ी थी और आरोपितों के पास तमंचे और कारतूस भी थे। पुलिस ने आरोपितों की गिरफ्तारी के साथ इन हथियारों को बरामद कर लिया है। आरोपितों की उम्र 14 से 72 वर्ष के बीच है।

इस हिंसा की विस्तृत FIR SHO संभल कोतवाली इंस्पेक्टर अनुज कुमार तोमर ने दर्ज करवाई है। रविवार को दी गई अपनी तहरीर में SHO ने बताया कि 24 नवंबर को वो अपने हमराह पुलिसकर्मियों के साथ संभल की जामा मस्जिद पर ड्यूटी दे रहे थे। सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनजर एहतियातन पुलिसकर्मी कारतूस, टीयर गैस सेल और अन्य दंगा निरोधक उपकरणों से लैस थे। तभी अचानक ही मस्जिद की तरफ 800 से 900 लोगों की भीड़ तेजी से बढ़ने लगी।

अल्लाहु अकबर चिल्ला रही थी भीड़

इंस्पेक्टर संभल कोतवाली का दावा है कि भीड़ ‘अल्लाहु अकबर’ का नारा लगा रही थी। इस भीड़ को आगे बढ़ कर कुछ पुलिसकर्मियों ने रोकना चाहा। इन्हें समझाने की बहुत कोशिश की गई। पुलिस ने बताया कि मस्जिद को किसी भी तरह का नुकसान नहीं किया जा रहा। हालाँकि भीड़ में से कोई बी यह दलील सुनने को तैयार नहीं था। सुबह 8:45 पर भीड़ ने पुलिस पर पत्थरबाजी शुरू कर दी और मस्जिद से महज 100 मीटर की दूरी तक पहुँच गई।

भीड़ ने सुरक्षा पंक्ति बनाकर खड़े पुलिसकर्मियों को पीटना शुरू कर दिया। उनमें से कई के हथियारों को लूट लिया गया। हमले में कई पुलिसकर्मियों को गंभीर चोटें आईं। हालात गंभीर होता देखकर अतिरिक्त फ़ोर्स की माँग की गई। कुछ पुलिस वालों को अपने घायल सिपाहियों के इलाज की जिम्मेदारी पर लगा दिया गया। खुद SHO ने भीड़ से लूटे गए हथियारों को वापस करने की अपील की। हालाँकि बदले में उन पर भी पत्थरबाजी शुरू कर दी गई।

सिपाही से ले कर SDM तक, किसी को नहीं छोड़ा

पत्थरबाजी में कोतवाली संभल के साथ कैलादेवी, रजपुरा और कुढ़फतेहगढ़ के भी SHO घायल हो गए। भीड़ द्वारा हिंसा जारी रही और इसकी चपेट में SDM रमेश बाबू भी आ गए। कुछ ही देर में हिंसक भीड़ ने DSP अनुज चौधरी और SP संभल के PRO (जनसम्पर्क अधिकारी) को भी मार कर घायल कर दिया। सर्वे टीम तक पहुँचने पर आमादा हिंसक भीड़ को रोकने में रैपिड एक्शन फ़ोर्स (RAF) के कांस्टेबल सोनू सहित उत्तर प्रदेश पुलिस के कई अन्य जवानों को भी चोटें आईं।

तहरीर में आगे बताया गया है कि चोटिल होने के बावजूद भीड़ को निषेधाज्ञा लागू होने का हवाला दिया गया। साथ ही उन्हें न मानने पर बल प्रयोग की चेतावनी भी मिली। इस बात पर भीड़ ने अपनी हिंसा तेज कर दी। पुलिस पर पत्थरों के साथ गोलियों की भी बौछार कर दी गई। सार्वजनिक सम्पत्तियों में भी तोड़फोड़ शुरू हो गई। इसी दौरान एक संरक्षित दीवार को भी तोड़ दिया गया और टायरों को जला कर आगजनी शुरू कर दी गई।

पुलिस का मानना है कि भीड़ की इन करतूतों से शांति व्यवस्था भंग हो गई थी और आम लोगों के मन में आतंक का माहौल बन गया था। तमाम दुकानदारों ने अपने शटर गिरा दिए और लोगों ने अपने घरों की खिड़कियाँ बंद कर दीं। बल प्रयोग के तौर पर पुलिस ने भीड़ पर वाटर कैनन से पानी की बौछार की लेकिन उपद्रवी टस से मस नहीं हुए और पथराव जारी रहा। तभी जिले के DM ने हल्का बल प्रयोग करने का आदेश दिया।

दंगाइयों में 14 वर्षीय नाबालिग से 72 साल का का बुजुर्ग तक

पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए रबर बुलेट और आँसू गैस के गोले छोड़े। बदले में हमलावरों ने पत्थरबाजी के साथ गोलियाँ बरसानी जारी रखीं। इसी दौरान पुलिस ने हमला कर रहे 21 उपद्रवियों को गिरफ्तार भी किया। इन पकड़े गए लोगों में 19 साल के मोहम्मद शादाब और इतनी ही उम्र के मोहम्मद रिहान शामिल हैं। ये दोनों आरोपित संभल की जामा मस्जिद के आसपास मौजूद बाजारों के निवासी हैं। पकड़े गए तीसरे आरोपित का नाम गुलफाम है।

पुलिस की कार्रवाई में पकड़ा गया चौथा आरोपित अमान है। पाँचवे आरोपित का नाम मोहम्मद सलीम है। 30 वर्षीय मोहम्मद सलीम की तलाशी में 5 प्लास्टिक पैलेट बरामद हुई। माना जा रहा है कि इसे पुलिस से लूटा गया था। 19 साल के छठवें आरोपित का नाम मोहम्मद समीर है। पकड़ा गया सातवाँ आरोपित 37 साल का याकूब है जिसके पास से 12 बोर का एक तमंचा और उसकी नली में फँसा एक कारतूस बरामद हुआ है।

दबोचा गया 8वाँ आरोपित 19 वर्षीय सलमान है। 9वें आरोपित 30 साल के रिहान अली के पास से पुलिस से लूटी गई 2 रबर बुलेट मिली है। 10वाँ आरोपित 72 साल का बुजुर्ग मोहम्मद बाबू है। 22 साल का 11वाँ आरोपित मोहम्मद हैदर है जिसकी तलाशी के दौरान उसके पास पुलिस से लूटा गया 3 ब्लैंक कारतूस बरामद हुआ है। 12वाँ आरोपित 22 वर्षीय यामीन है। यामीन के पास से पुलिस को 12 बोर के 2 कारतूस मिले हैं। 13वाँ आरोपित 30 साल का सलीम है।

पुलिस द्वारा दबोचे गए 14वें आरोपित 32 वर्षीय आफ़ताब के पास से एक तमंचा व 2 कारतूस मिले हैं। इसमें से एक कारतूस आफताब ने तमंचे में लोड कर रखा था। 15वें आरोपित की पहचान 58 वर्षीय बुजुर्ग मोहम्मद नदीम के तौर पर हुई है। 16वें और 17वें आरोपितों की पहचान क्रमशः 22 वर्षीय फ़िरोज़ और इसी उम्र के फरदीन के तौर पर हुई है। गिरफ्तार हुआ 18वाँ आरोपित 25 वर्षीय मोहम्मद तहजीब है जिसके पास से .315 बोर का एक तमंचा और 2 कारतूस बरामद हुए हैं। इसमें से एक कारतूस तमंचे में लोड था।

बताते चलें कि संभल हिंसा में मारे गए अधिकतर लोगों के पोस्टमार्टम रिपोर्ट में .315 बोर की ही गोली लगना पाया गया है। गिरफ्तार हुआ 19वाँ आरोपित 46 साल का नईम है। इन सभी के अलावा पकड़े गए दंगा आरोपितों में 2 नाबालिग भी शामिल हैं। इनमें से एक की उम्र 16 वर्ष जबकि दूसरे की महज 14 साल है।

पुलिसकर्मी ही नहीं उनके वाहन भी टारगेट पर

गौरतलब है कि हिंसा के दौरान उपद्रवियों ने पुलिस वालों की 3 प्राइवेट कारों को भी जलाकर निशाना बनाया। इसके साथ सुरक्षा बलों की 4 निजी बाईकों को भी आग के हवाले कर दिया गया। ये सभी पुलिसकर्मी अलग-अलग थानाक्षेत्रों से इमरजेंसी ड्यूटी पर जामा मस्जिद क्षेत्र में भेजे गए थे। सरकारी गाड़ियों में भी आगजनी का प्रयास किया गया। पत्थरबाजी करके DSP की गाड़ी का शीशा तोड़ डाला गया। उपद्रवियों का इतना खौफ था कि उनके खिलाफ डर से कोई स्थानीय व्यक्ति गवाही देने के लिए तैयार नहीं हुआ।

पुलिस ने 24 नवंबर को ही इन सभी 21 आरोपितों को शाम 5:10 पर आधिकारिक तौर पर गिरफ्तार कर लिया। इनके खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 191 (2), 191 (3), 190, 109 (1), 125 (a), 125 (b), 221, 132, 121 (1), 121 (2), 324 (4), 223 (b), 326 (f) और 317 (3) के साथ आपराधिक कानून संसोधन 1932 की धारा 7 व सार्वजानिक सम्पत्ति नुकसान निवारण अधिनियम 1984 के सेक्शन 3/4 के तहत कार्रवाई की गई है। इन सभी पर आर्म्स एक्ट की धारा 7/3/4 भी लगाई गई है।

ऑपइंडिया के पास FIR कॉपी मौजूद है। पुलिस मामले की जाँच व अन्य जरूरी कानूनी कार्रवाई में जुटी हुई है। CCTV फुटेज व अन्य माध्यमों से अन्य हमलावरों की तलाश की जा रही है। भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच बीते शुक्रवार (29 नवंबर) की जुमे की नमाज़ अदा की गई है। घायल पुलिसकर्मियों का इलाज चल रहा है।

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राहुल पाण्डेय
राहुल पाण्डेयhttp://www.opindia.com
धर्म और राष्ट्र की रक्षा को जीवन की प्राथमिकता मानते हुए पत्रकारिता के पथ पर अग्रसर एक प्रशिक्षु। सैनिक व किसान परिवार से संबंधित।

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