Saturday, May 4, 2024
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‘हिन्दुओं’ को नहीं मिलने चाहिए वोटिंग राइट्स: नागरिकता विधेयक पर ‘सेक्युलर’ बनी शिवसेना

संजय राउत ने 'बीच का रास्ता' निकालने की कोशिश करते हुए कहा कि हिन्दुओं (पड़ोसी देशों के प्रताड़ित) को भले ही नागरिकता दे दी जाए, लेकिन उन्हें मताधिकार नहीं देना चाहिए। ये शिवसेना के पुराने रुख के एकदम विपरीत है, जब वो हिन्दुओं को सभी अधिकार देने की बात करती थी।

नागरिकता संशोधन विधेयक (CAB) पर शिवसेना पेंडुलम की तरह झूलती नज़र आ रही है। जहाँ एक तरफ़ कुछ नेता इसका विरोध कर रहे हैं, शिवसेना ने कहा था कि वो अपने सहयोगी दलों कॉन्ग्रेस व एनसीपी से अलग रुख अख्तियार करते हुए विधेयक का समर्थन करेगी। अब संजय राउत ने ‘बीच का रास्ता’ निकालने की कोशिश करते हुए यह दिखाने की कोशिश की है कि उनकी पार्टी अपनी विचारधारा को त्यागे बिना ‘सेक्युलर’ हो गई है। राउत ने कहा कि हिन्दुओं (पड़ोसी देशों के प्रताड़ित) को भले ही नागरिकता दे दी जाए, उन्हें मताधिकार नहीं देना चाहिए। ये शिवसेना के पुराने रुख के एकदम विपरीत है, जब वो हिन्दुओं को सभी अधिकार देने की बात करती थी।

संजय राउत ने कहा कि अवैध घुसपैठियों को निकाल बाहर किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि शरणार्थी हिन्दुओं को भारत की नागरिकता देने का उनकी पार्टी समर्थन करती है। लेकिन, साथ ही उन्होंने जोड़ा कि शरणार्थी हिन्दुओं को वोट देने का अधिकार न मिले। शिवसेना मुखपत्र ‘सामना’ के एग्जीक्यूटिव एडिटर संजय राउत ने ट्विटर पर लिखा:

“केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह जी, आरोप लग रहे हैं कि शरणार्थी हिन्दुओं को भारत की नागरिकता देकर भाजपा अपना वोट बैंक तैयार कर रही है। इन आरोपों को थामने का सबसे अच्छा उपाय ये है कि उन हिन्दुओं को वोटिंग राइट्स ही न दिए जाएँ। और हाँ, उन कश्मीरी पंडितों का क्या? क्या अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त किए जाने के बाद वो अपने घर वापस जाने में कामयाब हुए हैं?”

उधर ‘सामना’ में ये आशंका जताई गई है कि भारत सरकार अपने इस क़दम के हिन्दुओं व दूसरे मजहब के बीच अदृश्य विभाजन को बढ़ावा देते हुए विभिन्न धर्मों के बीच युद्ध की स्थिति पैदा करना चाहती है। बता दें कि इस बिल के पास होने से शरणार्थी विदेशी हिन्दुओं को भारत की नागरिकता मिलने का मार्ग प्रशस्त हो जाएगा। शिवसेना ने ‘सामना’ के जरिये पूछा कि क्या भारत में पहले से समस्याओं की कमी थी जो CAB के रूप में एक नई समस्या खड़ी कर दी गई है? शिवसेना ने दावा किया कि उत्तर-पूर्वी राज्यों के अलावा बिहार में भी इस विधेयक का विरोध हो रहा है, जहाँ भाजपा सत्ता में है।

शिवसेना ने कहा कि हिन्दू शरणार्थियों की संख्या की पुष्टि होनी चाहिए। पार्टी ने पूछा कि लाखों की संख्या में भारत में आए इन हिन्दू शरणार्थियों को देश में कहाँ बसाया जाएगा? पार्टी ने भाजपा पर तंज कसते हुए कहा कि कर्नाटक और गुजरात जैसे राज्यों को इन शरणार्थी हिन्दुओं को बसाने के लिए पहल करनी पड़ेगी।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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