रणनीतिकारों और विशेषज्ञों ने यह मानना शुरू कर दिया था कि देश में 21 दिनों के राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग के जरिए वुहान कोरोना वायरस पर काफी हद तक काबू पा लिया जाएगा, लेकिन रुढ़िवादी इस्लामी संगठन तबलीगी जमात ने देश के विभिन्न हिस्सों में कोरोना वायरस संक्रमण का भारी मात्रा में प्रसार किया। नतीजा यह हुआ कि भारत की बड़ी आबादी को कोरोना वायरस से बचाने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और देश के स्वास्थ्य सैनिकों की कोशिशों पर काफी हद तक पानी फेर दिया। इस एक मामले ने कोरोना की लड़ाई में देश को कई दिन पीछे धकेल दिया है।
भारत में पिछले दो दिनों में रिपोर्ट किए गए कोरोनवायरस के 95% से अधिक मामलों में दिल्ली में तबलीगी जमात संगठन के साथ ताल्लुकात पाए गए हैं। हालाँकि इससे जुड़े लोगों की पहचान करने और उन्हें तत्काल प्रभावी ढंग से क्वारंटाइन करने के सरकार के अथक एवं सतत प्रयासों की वजह से कल फिर से कोरोना वायरस के फैलने की स्थिति में गिरावट देखने को मिली। इसके बाद लोगों के बीच फिर से ये उम्मीद जगी कि अगर हम इसे इसी तरह बरकरार रखते हैं, तो भारत जल्द ही पटरी पर लौट सकता है।
ब्रुकिंग्स इंडिया की रिसर्च डायरेक्टर शमिका रवि ने ट्वीट्स की एक श्रृंखला में आज सांख्यिकीय आँकड़ों के कुछ ग्राफ को भारत में कोरोना वायरस से लड़ने में विकास दर में एक स्वागत योग्य टर्न बताया। इन ग्राफ में दिखाया गया है कि भारत ‘कोरोना कर्व’ को ‘फ्लैट’ करने की तरफ़ बढ़ रहा है। वह मानती हैं कि भले ही इस पर टिप्पणी करना जल्दबाजी होगी, लेकिन अगर यह सिलसिला जारी रहा, तो यह जल्द ही भारत के लिए कुछ राहत लेकर आएगा।
बता दें कि शमिका इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी की इकोनॉमिक एडवाइजरी काउंसिल यानी आर्थिक सलाहकार परिषद की सदस्य भी रह चुकी हैं। फिलहाल भारत के कोरोना ग्राफ पर ब्रुकिंग्स इंडिया ने लगातार नजर बनाई है।
पहले ग्राफ में शमिका 4 अप्रैल 2020 तक उन देशों के साथ भारत की तुलना करती है, जहाँ 50,000 से अधिक कोरोना पॉजिटिव मामले है। यह ग्राफ उन देशों को दर्शाता है जहाँ प्राय: हर दो, तीन और पाँच दिनों में कोरोना वायरस के मामले दोगुने हुए हैं।
ग्राफ में अमेरिका और स्पेन जैसे देशों की तुलना में जहाँ नियमित रूप से हर 2-3 दिन में दोगुने मामले देखने को मिलते हैं, 23 मार्च को भारत में हर 3 से 5 दिन में दोगुने होने वाले मामलों की वृद्धि दर में कमी देखने को मिली। बता दें कि भारत में कोराना के केस 23 मार्च से पहले 3 दिन में दोगुने हो रहे थे। 23 मार्च से 29 मार्च तक 5 दिन में दोगुने हो रहे थे। 29 मार्च के बाद से कोरोना के मामले 4 दिन में दोगुना हो रहे थे।
रिसर्च के आँकड़ों के पीछे शमिका वजहें भी गिनाती हैं और कहती हैं कि इस गिरावट के पीछे की बहुत बड़ी वजह केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा उठाए कदम थे। केंद्र और राज्य सरकारों ने 12 मार्च के बाद ही जगह-जगह पर एहतियाती कदम उठाने शुरू कर दिए थे।
जैसे:-
- स्कूलों को बंद करना
- ट्रैवल एडवाइजरी
- एपिडेमिक एक्ट लागू करना
- लोगों के जमा होने पर एडवाइजरी जारी करना
- समय-समय पर हाथ धोने की सलाह
- सोशल डिस्टेंसिंग की गाइडलाइन जारी करना
- राज्य सरकारों द्वारा क्वारंटाइन का सख्ती से पालन करना
29 मार्च के अपडेट के अनुसार, भारत में संक्रमण की दर में एक बार फिर से वृद्धि हुई है। यह 4-5 दिन में दोगुनी हो रही है। शमिका रवि का कहना है कि ये वृद्धि शायद 13 मार्च से 15 मार्च के बीच दिल्ली में आयोजित तबलीगी जमात के मजहबी आयोजन का प्रभाव है।
दूसरे ट्वीट में शमिका रवि ने दो ग्राफ शेयर किए। पहले ग्राफ में ऑरेंज लाइन भारत में 21 मार्च से 4 अप्रैल तक कोरोना के कुल संक्रमित मामलो को दर्शाती है। जैसा कि हम ग्राफ में देख सकते हैं कि भारत ने 31 मार्च से 2 अप्रैल तक मामलों में अचानक उछाल देखा। अचानक आया उछाल संभवत: तबलीगी जमात के मामलों के कारण है।
हालाँकि, ग्राफिकल रिप्रजेंटेशन यह दर्शाता है कि 2 अप्रैल के बाद 4 अप्रैल तक पीली रेखा समतल है। इसका मतलब यह है कि पिछले दो दिनों के आँकड़ों के अनुसार भारत के लिए ग्रोथ कर्व में तेजी आई है। इसके लिए सरकार के अनुकरणीय अथक प्रयासों को श्रेय दिया जा सकता है, जो ऐसे लोगों को सफलतापूर्वक पहचान कर उन्हें तुरंत क्वारंटाइन कर देते हैं।
दूसरा ग्राफ दिखाता है कि भारत में पिछले पाँच दिनों में कोरोना संक्रमण मामलों में 20.6% की वृद्धि हुई है।
शमिका ने ट्वीट में भी दो ग्राफिकल रिप्रजेंटेशन के जरिए समझाया है कि भारत में कोरोना संक्रमण पुष्टि के मामलों में दैनिक विकास दर 13.05% है। पहले ग्राफ में 0 से यानी कि जब भारत में पहला मामला सामने आया था, तब से 4 अप्रैल तक के मामलों को दर्शाया गया है। वहीं दूसरे ग्राफ में भारत में नए पुष्टि किए गए मामलों के 5-दिवसीय मूविंग एवरेज का पुनर्मूल्यांकन है।
इसके बाद के ट्वीट में शमिका रवि ने प्रमुख हॉटस्पॉट देशों और भारत में चीनी कोरोना वायरस से हुई कुल मौतों को दिखाया। ग्राफ के अनुसार सभी चुनिंदा देशों में, 4 अप्रैल को प्रति मिलियन मृत्यु दर भारत में सबसे कम रहा।
अपने आखिरी ट्वीट में, रवि ने कुल मिलाकर पुष्टि किए गए मामलों को 3 श्रेणियों में बाँटा:-
- 4 अप्रैल को कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या
- 4 अप्रैल को ठीक हुए कोरोना मरीजों की कुल संख्या
- 4 अप्रैल को कोरोना संक्रमण से हुई कुल मौत
यदि हम इन आँकड़ों पर विश्वास करें, तो भारत के कोरोना वायरस प्रसार कर्व पिछले दो दिनों में फिर से समतल हो गए हैं। इससे उम्मीद बँधती है कि 2 दिवसीय उछाल बड़े पैमाने पर तबलीगी जमात सुपर स्प्रेडर प्रभाव के कारण था।
स्वास्थ्य मंत्रालय के एक अधिकारी के मुताबिक पिछले दो दिनों में सामने आए कोरोना वायरस संक्रमण के 647 पॉजिटिव मामले तबलीगी जमात के कार्यक्रम से संबंधित हैं। पिछले दो दिनों में इसमें काफी वृद्धि देखने को मिली है। पिछले दो दिनों में 664 नए केस आए हैं, जिसमें से गुरुवार को 328 और शुक्रवार को 336 केस सामने आए।