Tuesday, April 30, 2024
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₹1.25 करोड़ से पेट्रोल, तेजाब, पिस्तौल, गोली, तलवार… दिल्ली दंगों के लिए ताहिर ने जुटाए लिए थे ₹10 Cr

ED ने अपनी जाँच के दौरान पाया कि दिल्ली दंगों के लिए मनी लॉन्ड्रिंग की गई थी और ताहिर हुसैन व उसके गुर्गों द्वारा हेरफेर की गई कुल राशि करीब 10 करोड़ रुपए हो जाती है। इसमें से दंगों के लिए घातक हथियार जैसे पेट्रोल, तेजाब, पिस्तौल, गोली, तलवार व चाकू...

आम आदमी पार्टी के निलंबित पार्षद और दिल्ली में हुए हिन्दू-विरोधी दंगों के मुख्य आरोपित ताहिर हुसैन के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शनिवार (अक्टूबर 17, 2020) को आरोप-पत्र दायर किया है, जिसमें उसके द्वारा की गई ‘मनी लॉन्ड्रिंग’ का ब्यौरा है। ED ने खुलासा किया है कि ताहिर हुसैन ने दिल्ली दंगों में इस्तेमाल किए जाने के लिए 1.25 करोड़ रुपए सिर्फ हथियार खरीदने के लिए लगाए थे।

कड़कड़डूमा स्थित अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत की अदालत ने पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन के साथ ही सह-आरोपी अमित गुप्ता के खिलाफ दाखिल आरोप-पत्र पर संज्ञान लिया। ‘हिंदुस्तान’ में प्रकाशित खबर के अनुसार, ED ने अपनी जाँच के दौरान पाया कि दिल्ली दंगों के लिए मनी लॉन्ड्रिंग की गई थी और ताहिर हुसैन व उसके गुर्गों द्वारा हेरफेर की गई कुल राशि करीब 10 करोड़ रुपए हो जाती है।

दंगों के लिए इकट्ठा की गई इस धनराशि को शेल व डमी कंपनियों के माध्यम से नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के विरोध में चल रहे धरना-प्रदर्शनों में लगाया गया। दंगों के लिए घातक हथियार जैसे पेट्रोल, तेजाब, पिस्तौल, गोली, तलवार व चाकू जैसे हथियार खरीदने के लिए सवा करोड़ रुपयों का इस्तेमाल हुआ। इन दंगों की तैयारी काफी पहले से चल रही थी। इस मामले में उसका साथ अमित गुप्ता ने दिया, जिसके नाम पर सारी फर्जी कम्पनियाँ खोली गईं।

दिल्ली दंगों में ताहिर हुसैन के खिलाफ ED की चार्जशीट में धारा 3 (धनशोधन), धारा 70 (कंपनियों द्वारा अपराध), और धनशोधन (रोकथाम) अधिनियम 2002 की धारा 4 के तहत आरोप तय किए गए हैं। अमित गुप्ता के खिलाफ समन और ताहिर हुसैन के खिलाफ प्रोडक्शन वारंट जारी किया गया है। अब जेल प्रशासन सोमवार (अक्टूबर 19, 2020) को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मुख्य आरोपित को अदालत में पेश करेगा।

चूँकि इस मामले की जाँच समाप्त नहीं हुई है, इसीलिए ED का कहना है कि पूरा आरोप-पत्र (सप्लीमेंट्री चार्जशीट) भी दायर की जा सकती है। वहीं ताहिर के वकील रिजवान और केके मेनन ने अपने मुवक्किल को ‘परिस्थितियों का शिकार’ बताते हुए कहा कि उसे कई मामलों में आरोपित बना दिया गया है, वो एक ही साथ इतनी जगह कैसे उपस्थित रह सकता है? उन्होंने इसे ‘राजनीतिक द्वेष’ के तहत की गई साजिश करार दिया।

ED के विशेष अधिवक्ता एन के माट्टा ने अदालत को जानकारी दी कि कि ताहिर पर धोखाधड़ी, दस्तावेजों से जालसाजी और आपराधिक साजिश का भी आरोप है। उसके घर व दफ्तर सहित कई ठिकानों पर छापेमारी के दौरान आपत्तिजनक सामग्रियाँ जब्त की गई हैं। इनमें दस्तावेजों के अलावा डिजिटल साक्ष्य भी जब्त किए गए हैं। दिल्ली दंगों में 53 लोगों की मौत हुई थी और 200 से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे।

इस मामले में दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट का कहना है, “अभियुक्तों की संलिप्तता के बारे में प्रथम दृष्टया पर्याप्त भड़काऊ सामग्री है।” इससे पहले दिल्ली की एक अदालत ने शुक्रवार (अक्टूबर 16, 2020) को इस साल फरवरी में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए साम्प्रदायिक दंगे के मामलों में दाखिल चार आरोप-पत्रों पर संज्ञान लिया था। इनमें से दो आरोप पत्र आम आदमी पार्टी से बर्खास्त पार्षद ताहिर हुसैन और दो आरोप-पत्र निजी स्कूल मालिक फैसल फारूक के खिलाफ थे।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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