तमिलनाडु में कॉन्ग्रेस की नई कमिटी के गठन के तुरंत बाद पार्टी के अंदर बड़ा विवाद हो गया है। शिवगंगा से पार्टी सांसद कार्ति चिदंबरम ने इस कमिटी के गठन के तुरंत बाद ट्वीट कर कहा कि इस कमिटी से कोई लाभ नहीं होगा। उन्होंने पार्टी के फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा कि सौ से अधिक लोगों की कमिटी का मतलब किसी की जिम्मेदारी तय नहीं होगी, न ही किसी के पास कुछ करने का अधिकार होगा।
उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘इन विशाल समितियों से कोई लक्ष्य पूरा नहीं होता। 32 उपाध्यक्ष, 57 महासचिव और 104 सचिव। किसी के पास कोई ताकत नहीं होगी जिसका मतलब यह है कि कोई जवाबदेही भी नहीं होगी।’’
These jumbo committees serve no purpose. 32 VP, 57 GS, 104 Secretaries. None will have any authority which means no accountability. @INCIndia @INCTamilNadu @kcvenugopalmp @dineshgrao @RahulGandhi @priyankagandhi https://t.co/21pdBThPRc
— Karti P Chidambaram (@KartiPC) January 2, 2021
वहीं न्यूज 18 से बातचीत में उन्होंने कहा, “तमिलनाडु कॉन्ग्रेस को एक ठोस टीम की जरूरत है, ना कि विशालकाय कमिटियों की। इन बड़ी-बड़ी कमिटियों से कोई उद्देश्य पूरा नहीं होगा। चुनाव 90 दिन दूर है और हमें एक ऐसी टीम की जरूरत है, जिसके पास निर्णय लेने की क्षमता और जवाबदेही हो।”
कार्ति चिदंबरम तमिलनाडु से पार्टी के लोकसभा सांसद हैं। मालूम हो कि इसी साल अप्रैल-मई में तमिलनाडु में भी विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। कॉन्ग्रेस का वहाँ डीएमके के साथ गठबंधन है। हालाँकि, दोनों दलों के बीच अभी तक सीटों का बँटवारा नहीं हुआ है। बहरहाल, कार्ति ने अपने ट्वीट में राहुल गाँधी और प्रियंका गाँधी को भी टैग किया है। इनके अलावा, उन्होंने कॉन्ग्रेस पार्टी, तमिलनाडु प्रदेश कॉन्ग्रेस, केसी वेणुगोपाल और दिनेश गुंडू को भी टैग कर अपनी नाराजगी जाहिर की है।
दरअसल, कॉन्ग्रेस ने तमिलनाडु विधानसभा चुनाव के मद्देनजर शनिवार (जनवरी 02, 2021) को अपनी राज्य इकाई के लिए 32 उपाध्यक्षों समेत कई पदाधिकारियों की नियुक्ति की और कई समितियों एवं चुनाव प्रबंधन दल का गठन किया।
पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम और मणिशंकर अय्यर तथा कई अन्य वरिष्ठ नेताओं को विभिन्न समितियों में स्थान दिया गया है। कई समितियों में कार्ति को भी शामिल किया गया है। तमिलनाडु प्रदेश कॉन्ग्रेस कमेटी के लिए 32 उपाध्यक्ष, 57 महासचिव और 104 सचिव नियुक्त किए गए हैं। इसके साथ ही, पार्टी ने कार्यकारी समिति के सदस्य और 32 जिला कॉन्ग्रेस कमेटी के अध्यक्ष भी नियुक्त किए हैं।
लगातार सवाल उठा रहे हैं कार्ति
कार्ति चिदंबरम, पार्टी के उन नेताओं में शामिल हैं जो हाल के दौर में कॉन्ग्रेस की अंदरूनी चुनौतियों पर मुखर सवाल उठा रहे हैं। दिलचस्प यह भी है कि उनके पिता पी. चिदंबरम कॉन्ग्रेस में जारी मौजूदा अंदरूनी घमासान में कॉन्ग्रेस हाईकमान और असंतुष्ट नेताओं के बीच मध्यस्थ की भूमिका निभा रहे हैं।
असंतुष्ट नेताओं की सोनिया गाँधी के साथ 19 दिसंबर 2020 को हुई बैठक में चिदंबरम ने मध्यस्थ की भूमिका निभाते हुए भी ब्लॉक, जिला से लेकर प्रदेश स्तर के संगठन चुनाव कराने की जमकर वकालत की थी। इतना ही नहीं पी चिदंबरम ने कॉन्ग्रेस में करीब दो दशक से ठंडे बस्ते में पड़े संसदीय बोर्ड के ढाँचे को भी फिर से खड़ा करने की पैरोकारी की थी।