फ्रांस ने अपने नागरिकों और कंपनियों को अस्थायी तौर पर पाकिस्तान छोड़ने की सलाह दी है। पाकिस्तान में गृह युद्ध की स्थिति को देखते हुए फ्रांसीसी दूतावास ने यह सलाह दी है। फ्रांस विरोधी तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) के हिंसक प्रदर्शनों के बाद पाकिस्तान के कई हिस्सों में हिंसा की खबर के बाद ये सलाह दी गई है। अपने नागरिकों को भेजे ईमेल में दूतावास ने लिखा है कि खतरे को देखते हुए उन्हें और फ्रांस की कंपनियों को पाकिस्तान छोड़ने की सलाह दी जाती है।
पाकिस्तानी अखबार डॉन से फ्रांसीसी दूतावास के सूचना विभाग के वर्निक वैंगर (Veronique Wagner) ने कहा, “प्रदर्शनों के कारण फ्रांसीसी नागरिकों पर आए संकट के चलते हमने अपने नागरिकों को पाकिस्तान छोड़ने की सलाह दी है।“
फ्रांस में अक्टूबर 2020 में एक 45 वर्षीय शिक्षक की गला रेत कर हत्या कर दी गई थी। इसके बाद फ्रांस के राष्ट्रपति ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की बात करते हुए पत्रिकाओं द्वारा पैगंबर मोहम्मद के कार्टून बनाए जाने के अधिकार को भी समर्थन दिया था। तब से ही पाकिस्तान में फ्रांस विरोधी प्रदर्शन चल रहे हैं।
हाल ही में पाकिस्तान की सरकार ने टीएलपी को बैन करने का निर्णय लिया है। टीएलपी एक इस्लामिक कट्टरपंथी समूह है। यह पाकिस्तान में ईशनिंदा कानून के समर्थन में प्रदर्शन करता रहता है। टीएलपी के इस्लामिक कट्टरपंथ के कारण ही पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों पर प्रमुख रूप अत्याचार हो रहा है। टीएलपी पाकिस्तान में हो रही फ्रांस विरोधी हिंसाओं के पीछे प्रमुख रूप से जिम्मेदार है और पाकिस्तान में फ्रांसीसी दूतावास के निष्कासन की माँग कर रहा है।
सोमवार को टीएलपी के नेता साद रिजवी को गिरफ्तार किया गया था। रिजवी ने टीएलपी की माँगों को पूरा करने के लिए 20 अप्रैल का समय दिया था। रिजवी की गिरफ़्तारी के बाद पाकिस्तान में हिंसक प्रदर्शन बढ़ गए, जिनमें 2 पुलिसवालों की जान गई और लगभग 370 लोग घायल हो गए। पाकिस्तान के एक मंत्री शेख राशिद का बयान आया था कि वे पैगंबर के सम्मान की रक्षा के पक्ष में हैं, किन्तु टीएलपी की माँगों को स्वीकार करने पर पाकिस्तान की छवि एक कट्टरपंथी देश के रूप में हो जाएगी।
गुरुवार को ट्विटर पर #FrenchLeavePakistan ट्रेंड करता रहा। सितंबर 2020 में जब चार्ली हेब्दो ने पैगंबर मोहम्मद के कार्टून को पुनः प्रकाशित किया तब पेरिस में उसके कार्यालयों पर एक पाकिस्तानी नागरिक द्वारा हमला किया गया और उसने दो लोगों को चाकू मार दी थी।
रिजवी की गिरफ़्तारी के बाद हुई हिंसा से जुड़ी कई खबरें और वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहे हैं।
You won’t see this on Pakistani media but that’s how Constable Afzal lost his life. Sub ki zubano ko taalay lag gayay hain. pic.twitter.com/k1DZz8X60J
— Nighat Dad (@nighatdad) April 13, 2021
So you people call it ” Peaceful protests ” ?#TLPNationWideProtest pic.twitter.com/ahS4zwMJDq
— Ali Asghar Wattoo° (@Ali1Wattoo) April 13, 2021
Sometimes police officials are the complainant and the victim to crime.#TLPProtest #TLPNationWideProtest #یہ_غداری_پڑے_گی_بھاری pic.twitter.com/ZmJvuToaQo
— Subhan Ahmed (@SubhanAhmed82) April 12, 2021
Somes lovers of the prophet peaceful letting it out on a blasphemous car. #TLPNationWideProtest #TLPProtest pic.twitter.com/Ldl8i4PX4w
— Harris Sultan (@TheHarrisSultan) April 13, 2021
راستے کافر ، گاڑیاں گستاخ ، پولیس مرتد ، عوام غافل ، حکومت یہودی ،
— Abdul Ghaffar. (@AbdulGJutt) April 13, 2021
لاٹھی مومن ، پتھر مسلمان ، تشدد صاحب ایمان ، ملا ختم نبوت کا پاسبان۔۔۔
لبیک۔ 😐#فیض_آباد_کا_فیض_بھگتو#TLPNationWideProtest#سفیرنکالوسعدرضوی_کورہاکرو#WeStandWithSaadRizvi #MashalKhan pic.twitter.com/bod1MSt6Hk
#TLPGoons cannot be allowed to challenge the writ of the state and get away with it. pic.twitter.com/7Ka3xI17l3
— Major Adil Raja (R) (@soldierspeaks) April 13, 2021
The situation is out of control in Pakistan.
— Anita Chauhan (@anita_chauhan80) April 14, 2021
When the country becomes under the control of the army, such situations arise in that country.@TahaSSiddiqui @kakar_harsha @TarekFatah @AartiTikoo @arifaajakia @anis_farooqui @iamrana @Iyervval @amritabhinder pic.twitter.com/Q3O3ezWXJi