आवास एवं शहरी मामलों के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) हरदीप सिंह पुरी ने केजरीवाल द्वारा दिल्ली मेट्रो में महिलाओं को मुफ्त यात्रा की सुविधा देने की घोषणा के बारे में कहा है कि उनके मंत्रालय के संबद्ध अधिकारियों को अभी ऐसा कोई प्रस्ताव प्राप्त नहीं हुआ है। पुरी ने यह भी कहा कि केजरीवाल का आश्वासन महज एक जुमला है और कुछ नहीं, दिल्ली सरकार पहले से कर्ज में है ऐसे में वह महिलाओं को मेट्रो में मुफ्त यात्रा कैसे करवाएँगे पता नहीं।
पुरी का आरोप है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल किसी भी योजना का मूल मसौदा बनाने से पहले ही उसकी घोषणा करने में यकीन करते हैं। पुरी ने गुरुवार को एक संवाददाता सम्मेलन में केजरीवाल की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कहा, “कोई योजना ऐसे लागू नहीं होती है कि पहले घोषणा कर दो और फिर उसका प्रस्ताव तैयार किया जाए।”
Union Min HS Puri on Delhi govt's proposal to make metro&bus rides free for women:BJP is all for women.We'll do anything for women if it's possible. But schemes are not made like this that you announce it first&then make proposal.Same thing he did in case of unauthorised colonies pic.twitter.com/5yrzjy3WSG
— ANI (@ANI) June 6, 2019
पुरी ने कहा कि केजरीवाल पहले भी प्रक्रिया का पालन किए बिना ही लोकलुभावनी योजनाओं की घोषणा करते रहे हैं। गौरतलब है कि केजरीवाल की कई बार दिल्ली के लेफ्टिनेंट गवर्नर से ठन चुकी है जिसके बाद वे आरोप लगाते रहे हैं कि केंद्र सरकार उन्हें काम नहीं करने दे रही है।
पुरी ने कहा कि अनधिकृत कालोनियों को नियमित करने के बारे में भी केजरीवाल के गलत दावों का खुलासा पहले भी हो चुका है। पुरी के अनुसार मेट्रो में महिलाओं को मुफ्त यात्रा की सुविधा देने की घोषणा के पीछे की सच्चाई का भी अगले दो तीन दिन में वह खुलासा करेंगे। पुरी ने कहा कि बस में किसी को भी मुफ्त यात्रा की सुविधा देने से पहले पर्याप्त संख्या में बसों का होना जरूरी है। उन्होंने कहा कि केजरीवाल को बताना चाहिए कि दिल्ली में डीटीसी को 11 हजार बसों को खरीदने की मंजूरी के बावजूद अब तक कितनी बसें खरीदी गई।
मेट्रो में मुफ्त सुविधा के बारे में उन्होंने कहा, “मैंने संसद में पहले ही कहा था कि हम छात्रों और वरिष्ठ नागरिकों को मेट्रो किराए में रियायत देना चाहते हैं और इसके लिये मेट्रो प्रबंधन को तकनीकी तैयारियाँ करने को कहा गया था। जिसपर मेट्रो प्रबंधन काम कर रहा है और यदि जरूरतमंद महिलाओं को कोई सुविधा मिलती है तो मुझे ख़ुशी होगी लेकिन दिल्ली सरकार के 50 हज़ार करोड़ रुपए के कुल बजट में केजरीवाल स्वच्छ्ता अभियान और आयुष्मान भारत योजनाओं को दिल्ली में लागू नहीं कर पा रहे हैं और मेट्रो में मुफ्त यात्रा की स्कीम लाकर दो हजार करोड़ की सब्सिडी देना चाहते हैं। यह विचारणीय प्रश्न है।”