खालिस्तानी आतंकी संगठनों ने अलग देश की माँग को लेकर ‘जनमत संग्रह’ का काम शुरू कर दिया है। खबर है कि 31 अक्टूबर को अमेरिका के खालिस्तानी संगठन ‘सिख फॉर जस्टिस (SFJ)’ ने जनमत संग्रह का पहला राउंड आयोजित किया था। इसके लिए ब्रिटिश सिखों को लंदन जाकर वोट देना था कि क्या पंजाब एक अलग देश बनना चाहिए या नहीं। लंदन में वोटिंग के बाद अब आगे ये सिलसिला यूरोप, यूएस और कनाडा में भी चलेगा। इसके बाद भारत में राय ली जाएगी।
Some people sit in their basements and make grand statements about the Sikh Sangarsh on twitter.
— California Sikh Youth Alliance (@TheCsya) October 31, 2021
Today, in the rain, thousands of UK Sikhs joined Sikhs for Justice to participate in their non-governmental referendum process. pic.twitter.com/pCSlHzy7ft
सिख फॉर जस्टिस ने भारतीय मूल वाले सभी 18 वर्ष के ऊपर वाले लोगों से वोट देने को कहा था। ये वोटिंग वेस्टमिंनस्टर के एलिजाबेथ 2 सेंटर में हुई। इस दौरान लोगों ने न केवल भारत विरोधी नारे लगाए, खालिस्तान जिंदाबाद कहा बल्कि इन लोगों के हाथों मे खालिस्तानी झंडे भी जगह-जगह दिखाई दिए। रिपोर्ट बताती है कि बैलट पेपर पर लिखा था कि क्या भारत शासित पंजाब को एक स्वतंत्र देश बनना चाहिए? संगठन के संस्थापक खालिस्तानी पन्नू ने कहा कि 30 हजार सिखों ने रविवार को जनमत संग्रह पर अपना वोट दिया।
Thousands of Sikhs gather at the Queen’s Elizabeth Hall to vote for the non binding Khalistan Referendum #referendum #khalistan pic.twitter.com/bnK3Ci8tOK
— Murtaza Ali Shah (@MurtazaViews) October 31, 2021
गौरतलब हो कि SFJ ने हाल में खालिस्तान का मैप भी जारी किया था जिसमें उन्होंने पाकिस्तान के पंजाब को छोड़ दिया था। अपने अभियान में बड़ी चालाकी से संगठन ने उन इलाकों के बारे में बताया भी नहीं जो बँटवारे के समय पाकिस्तान के हिस्से में गए थे। शायद इसकी एक मुख्य वजह यह है कि पाकिस्तान हमेशा से खालिस्तान का समर्थन करता आया है और उसने तमाम खालिस्तानी आतंकियों को पनाह भी दी है।
बता दें कि ‘सिख फॉर जस्टिस‘ भारत में एक प्रतिबंधित संगठन है। इसका संस्थापक गुरपतवंत पन्नू है। जिसे भारत सरकार ने यूएपीए के तहत साल 2020 से आतंकी घोषित किया हुआ है। इस संगठन का इतिहास तमाम ऐसी वीडियोज और बयान जारी करने का है जो सिखों को भड़काने वाले होते हैं। इसी संगठन ने स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस से पहले सिखों को सरकारी इमारतों पर खालिस्तानी झंडे लहराने को कहा था। इसके अलावा जनवरी 2021 में सिख फॉर जस्टिस ने ये ऐलान भी किया था कि 26 जनवरी को जो भी कोई लाल किले पर खालिस्तानी झंडा लहराएगा उसे वो इनाम देंगे। इसके बाद ही ट्रैक्टर रैली में शामिल लोगों ने सिखों के दो झंडे लाल किले पर फहराए थे।