Friday, May 3, 2024
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आज भी बिस्तर से उठ नहीं पाता 16 साल का शिवम, घर के बाहर पुलिस का पहरा-फिर भी लगता है डर: खरगोन में रामनवमी जुलूस पर हुआ था हमला

शिवम अस्पताल से घर आ चुका है। धीरे धीरे ठीक हो रहा है। पर उस दंगे का डर अभी भी बैठा है। वो कहता है, "डर लगता है, वे लोग फिर न आ जाएँ, पीछे ही तो रहते हैं।"

मध्य प्रदेश के खरगोन का ​16 साल का शिवम आपको याद है? वही शिवम जो अप्रैल में रामनवमी जुलूस पर हुए हमले की चपेट में आया था। जिसके सिर की हड्डी टूटकर ब्रेन में जा घुसी थी। उस समय डॉक्टर भी नहीं जानते थे कि शिवम को होश में आने में कितना समय लगेगा। लेकिन शिवम अब अपने घर आ चुका है। पर वह आज भी बिस्तर से उठ नहीं पाता। उसके घर के बाहर पुलिस पहरेदारी कर रही है। फिर भी वह डरा-सहमा हुआ है।

दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक, शिवम शारीरिक रूप से धीरे-धीरे ठीक जरूर हो रहा है। लेकिन उस हमले ने उसे अंदर से तोड़ दिया है। अपने माता-पिता की इकलौती संतान शिवम पॉलिटेक्निक फर्स्ट ईयर का छात्र है। रामनवमी के दिन जब जुलूस पर हमला हुआ था तो वह सिद्धनाथ मंदिर से दर्शन करके लौट रहा था। उसी दौरान दंगाइयों का एक पत्थर उसके सिर में लगा था। दो दिन बाद ही उसकी बहन की शादी होनी थी।

दैनिक भास्कर के रिपोर्टर ने जब शिवम से पूछा कि वो कब तक ठीक हो जाएगा, तो उसने लड़खड़ाती जुबान में कहा कि डॉक्टर ने कहा है कि वह 6 महीने में ठीक हो जाएगा। शिवम ने बताया, “हाल ही में उसके पॉलिटेक्निक की परीक्षाएँ हुई थीं। लेकिन उसका हाथ ही नहीं काम कर रहा था तो वो एक्जाम नहीं दे पाया।” घर से बाहर निकलने के सवाल पर शिवम कहता है, “डर लगता है, वे लोग फिर न आ जाएँ, पीछे ही तो रहते हैं।”

गौरतलब है कि 10 अप्रैल 2022 को रामनवमी जुलूस पर पथराव किया गया। 30 से ज्यादा दुकानों और मकानों में आग लगा दी गई और मंदिरों में भी तोड़फोड़ की गई। मुस्लिम भीड़ को रामनवमी जुलूस में बज रहे डीजे से आपत्ति थी। हालाँकि, ये एक पूर्व नियोजित साजिश थी। उपद्रवियों ने पहले से ही छतों पर पत्थर और पेट्रोल बम जमा कर रखे थे।

हमले के बाद शिवम के ममेरे भाई नीलेश जोशी ने बताया था कि वे लोग घर के बाहर खड़े थे। उसी दौरान मुस्लिम समुदाय के उपद्रवी आए और पत्थर मारने लगे। शिवम भी वहीं खड़ा था। मुख्य हमलावर टोपी पहनकर आया था। बुर्के में से भी कुछ लोग पत्थर चला रहे थे।

इसी दौरान एक पत्थर आकर शिवम के सिर पर लगा। पत्थर लगते ही वह गिर गया और उसके सिर से खून बहने लगा। शिवम का गाँव खरगोन से 100 किलोमीटर दूर निसरपुर में है और उसके पिता किसान हैं। शिवम खरगोन में अपने मामा के यहाँ रहकर पढ़ाई कर रहा था।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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