Wednesday, May 22, 2024
Homeदेश-समाजसुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस ने 'तेजी से न्याय' वाली बनाई व्यवस्था, 2 जजों...

सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस ने ‘तेजी से न्याय’ वाली बनाई व्यवस्था, 2 जजों के बेंच ने उठा दिए उसी पर सवाल

नई लिस्टिंग प्रणाली में 30 जजों के लिए 2 अलग-अलग शिफ्ट लगा दी गई। इन शिफ्टों में सोमवार और शुक्रवार को उन्हें नए दायर केसों के लिए 15 अलग-अलग पीठों में सुनवाई करनी होती है। इसी पर 2 जजों की बेंच ने कहा कि फैसला लेने के लिए पर्याप्त समय नहीं मिल पा रहा।

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस यूयू ललित द्वारा लागू की गई नई लिस्टिंग प्रणाली पर सुप्रीम कोर्ट की ही बेंच ने सवाल उठा दिए हैं। उच्चतम न्यायालय के जस्टिस संजय किशन कॉल की अध्यक्षता वाली बेंच ने CJI जस्टिस यूयू ललित द्वारा लागू किए नए सिस्टम की निंदा की है।

उच्चतम न्यायालय के जस्टिस संजय किशन कॉल वाली बेंच का मानना है कि नए लिस्टिंग सिस्टम से जजों को किसी मामले में फैसला लेने का पर्याप्त समय नहीं मिल पा रहा है। यह टिप्पणी मंगलवार (13 सितम्बर 2022) को एक सुनवाई के दौरान की गई।

टाइम्स ऑफ़ इंडिया के मुताबिक यह टिप्पणी करने वाली बेंच में जस्टिस संजय किशन कॉल (Justice Sanjay Kishan Kaul) के साथ जस्टिस अभय एस ओका (Justices Abhay S Oka) भी शामिल थे। उन्होंने यह टिप्पणी नागेश चौधरी बनाम उत्तर प्रदेश सरकार के केस में की। अदालत ने इस केस की सुनवाई फिलहाल 15 नवम्बर तक के लिए स्थगित कर दी है।

सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस संजय किशन कॉल और जस्टिस अभय एस ओका की बेंच का मानना है कि नए सिस्टम से दोपहर सत्र की अवधि में कई केसों का ढेर लग जाता है। इनके अनुसार सुप्रीम कोर्ट में लागू की गई नई लिस्टिंग प्रणाली से जजों को फैसला लेने के लिए पर्याप्त समय नहीं मिल पा रहा।

गौरतलब है कि मुख्य न्यायाधीश जस्टिस यूयू ललित द्वारा लागू की गई लिस्टिंग प्रणाली में 30 जजों के लिए 2 अलग-अलग शिफ्ट लगा दी गई है। इन शिफ्टों में सोमवार और शुक्रवार को उन्हें नए दायर केसों के लिए 15 अलग-अलग पीठों में सुनवाई करनी होती है।

मीडिया रिपोर्टों के अनुसार सुप्रीम कोर्ट में नए दायर इन केसों की संख्या रोजाना 60 से ज्यादा होती है। इसी नए लिस्टिंग सिस्टम के अनुसार मंगलववार, बुधवार और गुरुवार को यही जज सुबह 10:30 से दोपहर 1 बजे तक 3 जजों की पीठ के रूप में कानून के बेहद जरूरी पुराने मामलों को देखते हैं।

एक अन्य मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इन जजों की पीठ को दोपहर में 2 घंटे में 30 केसों की सुनवाई करनी होती है। इस प्रकार 1 मामले को निबटाने के लिए जजों को लगभग 4 मिनट का समय मिल रहा। यद्दपि बाद में मंगलवार (13 सितम्बर) को मुख्य न्यायाधीश ने इन केसों की संख्या 30 से कम कर के 20 कर दिया। इस प्रकार अब 2 घंटे में जजों को 20 केसों की सुनवाई करनी पड़ती है। सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने इसी को लेकर आपत्ति जताई।

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

‘ध्वस्त कर दिया जाएगा आश्रम, सुरक्षा दीजिए’: ममता बनर्जी के बयान के बाद महंत ने हाईकोर्ट से लगाई गुहार, TMC के खिलाफ सड़क पर...

आचार्य प्रणवानंद महाराज द्वारा सन् 1917 में स्थापित BSS पिछले 107 वर्षों से जनसेवा में संलग्न है। वो बाबा गंभीरनाथ के शिष्य थे, स्वतंत्रता के आंदोलन में भी सक्रिय रहे।

‘ये दुर्घटना नहीं हत्या है’: अनीस और अश्विनी का शव घर पहुँचते ही मची चीख-पुकार, कोर्ट ने पब संचालकों को पुलिस कस्टडी में भेजा

3 लोगों को 24 मई तक के लिए हिरासत में भेज दिया गया है। इनमें Cosie रेस्टॉरेंट के मालिक प्रह्लाद भुतडा, मैनेजर सचिन काटकर और होटल Blak के मैनेजर संदीप सांगले शामिल।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -