अयोध्या मामले में दलीलें रखते हुए मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन ने दावा किया कि भगवान श्री राम के अयोध्या में जन्म को तो मुस्लिम भी मानते हैं, लेकिन अयोध्या के भीतर उनका जन्म किस स्थान विशेष पर हुआ था, इसके कोई सबूत नहीं हैं। इसी आधार पर उन्होंने एक बार फिर रामजन्मभूमि स्थान को पहले देवता, और फिर कानूनी प्रावधान के अंतर्गत देवता से ‘न्यायिक व्यक्ति’ घोषित करने की प्रक्रिया का विरोध किया। उन्होंने दावा किया कि अयोध्या के भीतर ही 3-4 जगहों के रामजन्मभूमि होने का दावा किया जाता है।
मैं भी राम को मानता हूँ, लेकिन…
राजीव धवन ने दावा किया कि शिया मुस्लिम श्री राम को वंदनीय मानते हैं। साथ ही, श्री राम मंदिर के निर्माण के खिलाफ मुकदमा लड़ रहे होने के बावजूद उन्होंने श्री राम को अपने लिए भी वंदनीय बताया, और पाकिस्तान के बौद्धिक पिता माने जाने वाले इक़बाल का निम्न शेर पढ़ा:
राम के वजूद पे हिन्दोस्तां को नाज
अहल-ए-नजर समझते हैं उसको इमाम-ए-हिंद
शेर पढ़ने के बाद धवन ने खुद ही जोड़ा कि बाद में इक़बाल पाकिस्तान-समर्थक निकले।
#AyodhyaHearing
— Live Law (@LiveLawIndia) September 17, 2019
RD- There needs to be some tangible manifestation. A continuity of belief must be shown. While no one disputes Lord Ram was born somewhere in Ayodhya, no text has provided the exact place in Ayodhya where Ram was born#RamMandir #AyodhyaCase
‘आप श्रीराम के जन्मस्थान को सही जगह बताइए, हम मस्जिद को वहाँ से शिफ्ट कर लेंगे’
धवन ने दावा किया कि बाबरी मस्जिद सुन्नी वक़्फ़ के एकाधिकार में हमेशा से रही है। 1885 के बाद पहली बार उसके बाहरी हिस्से पर मौजूद श्री राम चबूतरे को रामजन्मभूमि मानकर पूजा होने लगी। उन्होंने अपनी बात साबित करने के लिए कुछ शियाओं द्वारा हिन्दू और मुस्लिमों द्वारा शांतिपूर्ण तरीके से नमाज और पूजा करने के बयान का हवाला दिया। उन्होंने दावा किया कि अगर हिन्दू रामजन्मभूमि की सटीक जगह बता दें तो सुन्नी वक्फ बोर्ड श्री रामजन्मभूमि से मस्जिद हटा लेगा।
Dhavan states that the Sunni position is that you show us that the birthplace of Lord Ram is the exact place where the mosque is, we’ll shift the mosque#AyodhyaHearing #AyodhyaCase #Ayodhya
— Live Law (@LiveLawIndia) September 17, 2019