Sunday, December 22, 2024
Homeदेश-समाजपहली बीवी के रहते दूसरी शादी की तो नहीं जाएगी सरकारी नौकरी, इलाहाबाद हाई...

पहली बीवी के रहते दूसरी शादी की तो नहीं जाएगी सरकारी नौकरी, इलाहाबाद हाई कोर्ट ने बहाली का दिया आदेश

अदालत ने एक ही आरोप में प्रभात भटनागर को बर्खास्त करने और महिला सहकर्मी पर नरमी को लेकर भी सवाल खड़े किए। अदालत ने बर्खास्तगी को अनुचित मानते हुए भटनागर को बहाल करने और पुराने सभी आर्थिक लाभ जोड़ कर देने का आदेश दिया।

पहली पत्नी के रहते हुए दूसरी शादी करने पर भी सरकारी कर्मचारी को नौकरी से बर्खास्त नहीं किया जा सकता है। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने एक फैसले में यह कहा है। साथ ही दूसरी शादी पर बर्खास्त किए गए कर्मचारी को बहाल करने का आदेश दिया है।

11 अगस्त 2023 को सुनवाई के दौरान अदालत ने उत्तर प्रदेश सरकार की नियमावली का भी हवाला दिया जिसमें ऐसे कर्मचारियों के लिए मामूली सजा का ही प्रावधान है। लाइव लॉ की रिपोर्ट के मुताबिक बरेली जिला विकास अधिकारी ऑफिस में अप्रैल 1999 से तैनात स्टाफ प्रभात भटनागर ने अपनी बर्खास्तगी को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। मामले की सुनवाई जस्टिस क्षितिज शैलेन्द्र की अदालत में हुई।

भटनागर की पहली शादी 24 नवंबर 1999 को हुई थी। बाद में उन पर एक महिला सहकर्मी से दूसरी शादी का आरोप लगा। आरोप प्रभात की पहली पत्नी ने लगाए थे। सबूत के तौर पर उसने जमीन के वे पेपर दिए थे जिसमें भटनागर ने महिला सहकर्मी को अपनी पत्नी बताया था।

इसके बाद विभागीय कार्रवाई करते हुए भटनागर के प्रमोशन पर रोक लगा दी गई। नोटिस का जवाब देते हुए भटनागर ने आरोपों से इनकार किया था। लेकिन जवाब से संतुष्ट नहीं होने के बाद उसे जुलाई 2005 में नौकरी से निकाल दिया गया। बर्खास्तगी के खिलाफ अपील पर भी विभाग ने सुनवाई नहीं की, जबकि उस महिला सहकर्मी पर कोई कार्रवाई नहीं की गई जिससे दूसरी शादी का उस पर आरोप लगा था।

हाई कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि बर्खास्तगी का आदेश देने वाले अधिकारी भटनागर की दूसरी शादी के कोई ठोस सबूत नहीं दे पाए। अदालत के मुताबिक हिन्दू विवाह अधिनियम 1955 के तहत दोषी ठहराने के लिए भी विभाग द्वारा पेश सबूत नाकाफी थे। न्यायाधीश ने बिना आधिकारिक अनुमति के दूसरी शादी करने वाले सरकारी कर्मचारियों के लिए उत्तर प्रदेश सरकार की नियामवली 1956 के रूल नंबर 29 का हवाला दिया। इस नियमावली में 3 साल की सजा का प्रावधान है। हालाँकि ये सजा भी दूसरी शादी के ठोस सबूत होने के बाद ही दी जाती है।

अदालत ने एक ही आरोप में प्रभात भटनागर को बर्खास्त करने और महिला सहकर्मी पर नरमी को लेकर भी सवाल खड़े किए। अदालत ने बर्खास्तगी को अनुचित मानते हुए भटनागर को बहाल करने और पुराने सभी आर्थिक लाभ जोड़ कर देने का आदेश दिया।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

किसी का पूरा शरीर खाक, किसी की हड्डियों से हुई पहचान: जयपुर LPG टैंकर ब्लास्ट देख चश्मदीदों की रूह काँपी, जली चमड़ी के साथ...

संजेश यादव के अंतिम संस्कार के लिए उनके भाई को पोटली में बँधी कुछ हड्डियाँ मिल पाईं। उनके शरीर की चमड़ी पूरी तरह जलकर खाक हो गई थी।

PM मोदी को मिला कुवैत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘द ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर’ : जानें अब तक और कितने देश प्रधानमंत्री को...

'ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर' कुवैत का प्रतिष्ठित नाइटहुड पुरस्कार है, जो राष्ट्राध्यक्षों और विदेशी शाही परिवारों के सदस्यों को दिया जाता है।
- विज्ञापन -