Saturday, September 28, 2024
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अनुच्छेद 370 को खत्म क्यों किया? – सरकारी लेक्चरर जहूर अहमद भट्ट पहुँचे सुप्रीम कोर्ट, कर दिए गए सस्पेंड

भट्ट मध्य कश्मीर के बडगाम जिले के निवासी हैं। उनके पास लॉ की डिग्री है और वे व्यक्तिगत रूप से सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए थे। जहूर अहमद भट्ट 23 अगस्त 2023 दिन बुधवार को सुप्रीम कोर्ट के सामने खुद पेश हुए थे और केंद्र के 5 अगस्त 2019 के फैसलों के खिलाफ दलील दी थी।

जम्मू-कश्मीर के शिक्षा विभाग ने लेक्चरर जहूर अहमद भट्ट को निलंबित कर दिया है। वे हाल ही में अनुच्छेद 370 को खत्म करने के सरकार के निर्णय को चुनौती देने वाली याचिका में पक्षकार के तौर पर सुप्रीम कोर्ट में उपस्थित हुए थे। कहा जा रहा है कि अनुच्छेद 370 का समर्थन करने के कारण लेक्चरर को निलंबित किया गया है।

स्कूल शिक्षा विभाग ने राजनीति विज्ञान के सीनियर लेक्चरर जहूर अहमद भट्ट को जम्मू-कश्मीर सिविल सेवा विनियम, जम्मू-कश्मीर सरकारी कर्मचारी आचरण नियम और जम्मू-कश्मीर अवकाश नियमों के प्रावधानों के उल्लंघन के लिए तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया।

आधिकारिक आदेश के मुताबिक, भट्ट को तैनाती वाली जगह श्रीनगर से हटाकर निदेशक स्कूल शिक्षा कार्यालय, जम्मू से जोड़ दिया गया है। आदेश में कहा गया है कि भट्ट के बर्ताव की जाँच करने के लिए एक वरिष्ठ अधिकारी को नियुक्त किया गया है।

स्कूल शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव आलोक कुमार ने एक आदेश में कहा, “व्यवहार के मामले में लंबित जाँच को देखते हुए वर्तमान में श्रीनगर के जवाहर नगर के सरकारी अपर सेकंडरी स्कूल में तैनात सोशल साइंस के सीनियर लेक्चरर जहूर अहमद भट्ट को जम्मू-कश्मीर सीएसआर, जम्मू एवं कश्मीर सरकारी कर्मचारी (आचरण) नियम 1971 आदि के प्रावधानों के उल्लंघन के लिए तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। निलंबन की अवधि के दौरान वह निदेशक स्कूल शिक्षा कार्यालय जम्मू में जुड़े रहेंगे।”

25 अगस्त 2023 दिन शुक्रवार को जारी आदेश में आगे कहा गया, “यह आदेश दिया जाता है कि सुबह मेहता, संयुक्त निदेशक, स्कूल शिक्षा, जम्मू को जाँच अधिकारी नियुक्त किया गया है, जो अधिकारी के आचरण की गहन जाँच करेंगी।”

बताते चलें कि भट्ट मध्य कश्मीर के बडगाम जिले के निवासी हैं। उनके पास लॉ की डिग्री है और वे व्यक्तिगत रूप से सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए थे। जहूर अहमद भट्ट 23 अगस्त 2023 दिन बुधवार को सुप्रीम कोर्ट के सामने खुद पेश हुए थे और केंद्र के 5 अगस्त 2019 के फैसलों के खिलाफ दलील दी थी।

बताते चलें कि सुप्रीम कोर्ट में अनुच्छेद 370 को खत्म करने के सरकार के फैसले को चुनौती देने वाली कई याचिकाओं पर सुनवाई हो रही है। दरअसल, केंद्र की मोदी सरकार ने 5 अगस्त 2019 को कश्मीर के लिए विशेष प्रावधान वाली अनुच्छेद 370 को खत्म कर दिया था। इसके साथ ही राज्य को दो हिस्सों- जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में बाँटकर इसे केंद्रशासित प्रदेश का दर्जा दे दिया था।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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