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Anand Kumar
Tread cautiously, here sentiments may get hurt!
सामाजिक मुद्दे
लड़की के परिवार वाले और हत्या: आमिर खान की फिल्म से लेकर ‘ऑनर किलिंग’ पर अंतरराष्ट्रीय रिपोर्ट तक
“क़यामत से क़यामत तक” जैसी फिल्मों के जरिए सेट किया गया नैरेटिव भी कहता है कि अक्सर ऐसे मामलों में लड़की के परिवार वाले ही हत्या...
राजनैतिक मुद्दे
क्या बिहार चुनावों में ‘गॉडफादर’ के माइकल जैसा कमाल दिखा पाएँगे चिराग पासवान?
'भाजपा तुझसे बैर नहीं पर नीतीश तेरी खैर नहीं' की तर्ज पर चिराग पासवान की एलजेपी मैदान में है। देखना दिलचस्प होगा कि चुनावी ऊंट चिराग की करवट बैठता है या नहीं!
हास्य-व्यंग्य-कटाक्ष
नर्क से भी बड़ी यातना: चित्रगुप्त ने उस जीव को एक ढपली दी, ‘आजादीईईई’ का नारा दिया… मगर टिकट नहीं दी
उत्पाती युवक को पता था कि नीचे उन्हीं की सरकार है जिन्हें कोसने में उसने पिछले 5 साल बिताए हैं। अगले कई वर्षों तक भी यही व्यवस्था रहने वाली थी, ये भी उसे मालूम था।
मीडिया हलचल
‘हत्यारे’ कंडक्टर की #मीडिया_लिंचिंग: जिसे फाँसी से बचाया उस माँ-बाप ने, जिनका 7 साल का बच्चा मारा गया था
जघन्य अपराधों के मामले में खबरों की सनसनी के लिए मीडिया लिंचिंग और राजनेताओं का क्या है? आज गिद्ध की तरह हाथरस में मंडरा रहे हैं तो कल...
राजनीति
डूब कर मर गया जयप्रकाश, जिंदा है सोनकलिया, दोनों को दादी ने छला; हाथरस में वही हाथ दिखा रहे पोता-पोती
वादा तो टूट जाता है... बाकी उनके किए वादे कितनी जल्दी टूटते हैं, ये तो बिहार चुनावों के बीतने तक दिख ही जाएगा!
मीडिया हलचल
हिंदुओं के रेप में जाति का समीकरण परोसता मीडिया, TRP के लिए 13 साल पहले ही दिख गया था मीडिया का गिद्ध रूप
जातियों का कोण समाचारों में तभी नजर आता है, जब मामला हिन्दुओं का हो। दूसरे समुदायों के बलात्कारियों की खबर अगर चलती भी है तो मजहब या जाति...
राजनैतिक मुद्दे
बिहार चुनाव: जब 6% के लिए ब्राह्मण-सवर्ण का मुद्दा उछल सकता है तो 15% SC वोटर के लिए क्या कुछ नहीं हो सकता
बिहार के चुनावी आग की गर्मी इतनी तेज होती है कि बिहार से दिल्ली तक कुछ भी सुलग सकता है। अगर संभावनाओं की बात करें तो इससे किसी 'दलित' का झोंपड़ा जल सकता है और इलाके के तथाकथित सवर्णों पर आग लगाने का इल्जाम भी थोपा जा सकता है।
मीडिया हलचल
कठुआ कांड की तरह ही मीडिया लिंचिंग की साजिश तो नहीं? 31 साल पहले भी 4 नौजवानों ने इसे भोगा था
जब शोषित समाज के वंचित कहे जाने वाले तबकों से हो और आरोपित तथाकथित ऊँची मानी जाने वाली जातियों से, तो मीडिया लिंचिंग के लिए एक बढ़िया मौका तैयार हो जाता है।