Saturday, May 18, 2024
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‘तुम्हारी गाय को फ# करूँगा’ कहने वाला रैपर MC कोड लापता: ‘लाश’ की तस्वीर वायरल, जानें सच

हाल ही में हिंदू धर्म के अपमान वाले अपने पुराने वीडियो सोशल मीडिया वायरल होने के बाद विवादों में रहा रैपर एमसी कोड (MC Kode) कोड बुधवार (2 जून) को कथित तौर पर नई दिल्ली से लापता हो गया।

कई सोशल मीडिया यूजर्स ने हाल ही में हिंदुओं और महाभारत, गीता और गायों पर एमसी कोड द्वारा किए गए अपमानजनक कमेंट्स वाले वीडियो का पर्दाफाश किया था, जिसके एक हफ्ते बाद, वह कथित तौर पर लापता हो गया है। कुछ सोशल मीडिया पोस्ट्स के अनुसार, एमसी कोड ने इंस्टाग्राम पर एक संदेश पोस्ट किया था जिसमें उसने अपनी जीवन लीला समाप्त करने की धमकी दी थी।

एमसी कोडे, जिसका हैंडल ‘forreal_kode’ नाम से हैं, ने इंस्टाग्राम पर एक लंबी पोस्ट पोस्ट करते हुए कहा कि कैसे वह जीवन की लगातार पीड़ा, परीक्षा और क्लेश का सामना कर रहा है, जिसने वीडियो वायरल होने के बाद उसे कमजोर बना दिया है। अपने पोस्ट में, एमसी कोड ने कहा कि वह यमुना नदी पर बने एक सुनसान पुल पर खड़ा है, जहाँ वह लहरों को ‘अपने मुसीबत में दी गई आवाज का जवाब’ देते देख सकता है।

अपने जीवन को समाप्त करने की धमकी देते हुए, रैपर ने कहा कि वह केवल माफी माँग सकता है क्योंकि उसके स्वार्थी कामों से निश्चित रूप से बहुत दुख होगा। उसने साथ ही दूसरों से अपने साथ जुड़े लोगों को परेशान न करने का भी आग्रह किया और कहा कि वह किसी भी चीज के लिए किसी को भी नहीं बल्कि खुद को दोषी ठहराता है।

आदित्य तिवारी, जिसने रैपर के रूप में फेमस होने के लिए अपना नाम एमसी कोड रखा है, नई दिल्ली स्थित एक रैपर है। वर्षों से, वह मुंबई, गुजरात, गुवाहाटी, जयपुर, उत्तर प्रदेश और हरियाणा सहित कई राज्यों में रैप बैटल्स की मेजबानी, भागीदारी और उनमें जज की भूमिका निभाता रहा है।

एमसी कोड के इंस्टाग्राम पोस्ट ने अब सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर हलचल मचा दी है और कई लोग रैपर की तलाश कर रहे हैं, जिसने यमुना नदी में कूदकर अपनी जान देने की धमकी दी है।

एमसी कोड की ‘डेड बॉडी’ की वायरल तस्वीर फेक

सोशल मीडिया में जहाँ कई लोग विवादास्पद रैपर का पता लगाने में मदद कर रहे हैं,तो वहीं कुछ ट्विटर यूजर्स सोशल मीडिया में गलत सूचना फैलाने में लिप्त हैं, जो दावा कर रहे हैं रैपर ने पहले ही अपना जीवन समाप्त कर ली है।

एक ट्विटर यूजर ने गुरुवार (3 जून) को एक मृत व्यक्ति की तस्वीर पोस्ट करते हुए दावा किया कि मृतक एमसी कोड है। ट्विटर यूजर ने दावा किया कि रैपर का शव, जिसने पहले सुसाइड नोट पोस्ट किया था, दिल्ली में यमुना बैंक के पास प्रगति थर्मल पावर स्टेशन के पास बरामद किया गया।

मोनीश द्वारा साझा की गई तस्वीरें सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म में जंगल की आग की तरह फैल गईं, जिससे यूजर्स में अनावश्यक घबराहट फैल गई।

हालाँकि, सोशल मीडिया में वायरल हुई तस्वीर एमसी कोड से जुड़ी नहीं है।

फैक्ट चेक:

ट्विटर यूजर ने जिन तस्वीरों को एमसी कोड के शव के रूप में शेयर किया, वे वास्तव में बांग्लादेश में 2017 में एक दुखद घटना के बाद ली गई थीं।

10 अक्टूबर, 2017 को, रोहिंग्या शरणार्थियों को ले जा रही एक ओवरलोड नाव कॉक्स बाजार के पास पलट गई थी, जिसमें कम से कम 14 रोहिंग्या शरणार्थी मारे गए थे, जिनमें से अधिकांश बच्चे थे। आप समर्थक द्वारा एमसी कोड के शव के रूप में साझा की गई तस्वीरें 2017 की दुखद घटना के दौरान खींची गई थीं।

सोशल मीडिया यूजर्स के अनुसार, ट्विटर यूजर द्वारा रैपर एमसी कोड के शव के रूप में जारी की गई तस्वीर पूरी तरह से फर्जी है क्योंकि यह चार साल पहले बांग्लादेश के पास हुई एक नाव त्रासदी से जुड़ी है।

सोशल मीडिया यूजर्स का कहना है कि एमसी कोड का ‘गायब होने’ का इतिहास रहा है। कुछ सोशल मीडिया यूजर्स ने बताया है कि यह पहली बार नहीं है जब रैपर लापता हुआ है और वह पहले भी ऐसा कर चुका है। एक पुराने सोशल मीडिया पोस्ट का स्क्रीनशॉट शेयर करते हुए एक ट्विटर यूजर ने लिखा कि आदित्य तिवारी उर्फ ​​एमसी कड़े 2014 में भी एक बार ‘लापता’ हो गया था।

पिछले हफ्ते वायरल हुआ था रैपर MC कोड का विवादित वीडियो

पिछले हफ्ते सोशल मीडिया में हिंदू धर्म और उसकी मान्यताओं के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणियाँ करते और गाली देते एमसी रैपर का एक पुराना वीडियो वायरल हुआ था। एक ‘रैप बैटल’ के दौरान रैपर एमसी कोड (MC Kode) ने हिन्दू धर्म का अपमान किया। उक्त रैपर ने हिन्दू धर्म की पवित्र पुस्तकों महाभारत और भगवद्गीता पर अश्लील टिप्पणी की थी। एमसी कोड ने एक रैप बैटल के दौरान कहा, “अगर तुम हिन्दू हो मैं तुम्हारी पवित्र गाय को फ़$ करूँगा। मैं तुम्हारे महाभारत पर मास्टरबेट (हस्तमैथुन) कर दूँगा।” महाभारत का नाम लेने से पहले वो ‘क्या था, क्या था’ बोलता है, जिस पर कुछ रैपर्स उसे ‘भगवद्गीता’ का नाम बताते हैं और फिर वो इस पुस्तक का नाम भी लेता है।

नई दिल्ली में रहने वाले एमसी कोड का असली नाम आदित्य तिवारी है और उसने ये नाम रैपर के रूप में लोकप्रिय होने के लिए रखा है। मुंबई, गुजरात, गुवाहाटी, जयपुर, उत्तर प्रदेश और हरियाणा से लेकर कई जगहों पर वो ‘रैप बैटल्स’ आयोजित कर चुका है और ऐसे रैप बैटल्स की होस्टिंग और जजिंग भी करता रहा है। विवादित वीडियो जून 12, 2016 का है जो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

इस ‘रैप बैटल’ में वो सामने वाले रैपर की माँ को लेकर अश्लील बातें करता है और फिर हिन्दू धर्म की पुस्तकों पर आ जाता है। महाभारत, गीता और गाय के साथ वो बार-बार ‘फ़किं$-फ़$ग’ जैसे अश्लील शब्द का इस्तेमाल करता है। ‘Redbull’ कंपनी भी एमसी कोड को प्रमोट करती रही है। हालाँकि, ‘Redbull’ की वेबसाइट पर एमसी कोड से जुड़े कंटेंट्स पर ‘404 एरर’ दिखा रहा है। उसने मार्च 2021 में एमसी कोड का एक प्रोफाइल तैयार किया था।

वीडियो वायरल होने के बाद, एमसी कोडे ने पूरे मामले को लेकर माफी माँगी थी और उसने अपने सभी गानों को स्ट्रीमिंग और यूट्यूब से हटाने का अनुरोध किया था।

यहाँ यह उल्लेखनीय है कि अभी तक उक्त रैपर के लापता होने या उसके साथ किसी दुर्घटना की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।

पड़ोसन ने ईद की पार्टी में बुलाया, 3 युवकों से 2 बार करवाया विवाहिता का गैंगरेप: अश्लील वीडियो भी शूट किया, पति ने खाया ज़हर

मेरठ में ईद की पार्टी में बुला कर विवाहिता का गैंगरेप किए जाने के मामला सामने आया है। आरोप है कि विवाहिता की पुरानी पड़ोसन ने उसे ईद की पार्टी के बहाने बुलाया, फिर कोल्डड्रिंक में नशीला पदार्थ मिला कर पिला दिया। पीड़िता के बेहोश होने के बाद तीन युवकों ने उसके साथ सामूहिक बलात्कार किया। इतना ही नहीं, आरोपितों ने गैंगरेप का वीडियो भी शूट कर लिया। काफी देर बाद पीड़िता को होश आया।

आरोप है कि उसके होश में आने के बाद आरोपितों ने वीडियो इंटरनेट पर वायरल करने की धमकी देते हुए फिर से उसका रेप किया। पीड़िता ने कुछ दिन बाद अपने पति को इसकी जानकारी दी। पति को इस वारदात से गहरा धक्का लगा और शर्म के कारण अवसाद में आकर उसे ज़हर खा लिया। परिजनों ने उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया, जहाँ उसका इलाज चल रहा है। ये मामला लिसाड़ी गेट थाना क्षेत्र की है।

पीड़िता अपने पति के साथ रहती थी। दोनों ने हाल ही में किराए का मकान बदल लिया था। वो कहीं और रहने लगे थे। विवाहिता की पुरानी पड़ोसन ने उसे ईद की पार्टी के बहाने अपने घर बुलाया। वो अपने बच्चों के साथ ईद की दावत समझ कर पहुँच गई। लेकिन, वहाँ उसका गैंगरेप हुआ और अश्लील वीडियो शूट कर लिया गया। पीड़िता ने घर आकर किसी को कुछ नहीं बताया, लेकिन वो काफी गुमशुम रहती थी।

पति ने जब इसका कारण पूछा तो उसने सारी बात बता दी। पीड़िता ने परिजनों के साथ थाना पहुँच कर गैंगरेप की तहरीर दी, जिसके बाद FIR दर्ज की गई। CO अरविंद चौरसिया ने मामला संज्ञान में आने की पुष्टि की है उन्होंने कहा कि पीड़िता का मेडिकल टेस्ट कराया जा रहा है और जल्द ही आरोपितों की गिरफ़्तारी होगी। आरोपितों में से एक युवक पीड़िता के मोहल्ले का ही रहने वाला है। पीड़िता के बाद दो बार गैंगरेप होने की रिपोर्ट दर्ज की गई है।

दरअसल, जिस दिन ये वारदात हुई उस दिन रात देर होने के कारण पीड़िता का पति अपनी पुरानी पड़ोसन के यहाँ अपनी पत्नी को लेने पहुँचा था, लेकिन पड़ोसन ने पीड़िता की तबियत खराब होने की बात कहते हुए कल सुबह ले जाने को कहा। पुरानी जान-पहचान होने के कारण पति ने महिला पर भरोसा कर लिया। मेरठ पुलिस ने ट्विटर पर कहा कि थाना प्रभारी लिसाड़ी गेट को जाँच/कार्यवाही हेतु निर्देशित किया गया है।

मेरठ से ही हाल ही में रेप की एक और घटना सामने आई है। हापुड़ रोड पर स्थित केयर नर्सिंग होम में खरखौदा के घोसीपुर गाँव निवासी वार्ड बॉय कासिम ने नशे का इंजेक्शन देकर ICU में भर्ती मजीदनगर की युवती का रेप किया। अपनी करतूतों को छिपाने के लिए कासिम ने ही CCTV को 40 मिनट तक बंद कर दिया था। उसने रेप से पहले पीड़िता को बेहोशी का इंजेक्शन लगाया गया था। साथ ही किसी को कुछ बताने पर ज़हर का इंजेक्शन लगाने की धमकी दी थी।

‘अल्लाह मेरी हिफाजत कर रहा है’: यूजर ने उठाया हिजाब पहनने पर सवाल तो बिग बॉस फेम सना खान ने दिया ये जवाब

पिछले साल नवंबर में मुफ्ती अनस सैयद से विवाह के बाद फिल्म इंडस्ट्री छोड़ने की घोषणा करने वाली सना खान सोशल मीडिया के जरिए फैंस से जुड़ी रहती हैं। सना अक्सर इंस्टाग्राम पर अपनी तस्वीरें शेयर करती हैं। हाल ही में जब उन्होंने हिजाब में अपनी एक तस्वीर शेयर की तो एक फैन ने उनके हिजाब पहनने पर सवाल उठाया, जिसका उन्होंने खुद जवाब दिया।

इंस्टाग्राम में हिजाब पहने हुए अपनी एक तस्वीर शेयर करते हुए सना खान ने लिखा, ”सुनो! लोगों से डरते क्यों हो? क्या तुमने ये आयत नहीं पढ़ी। अल्लाह जिसे चाहे इज्जत देता है और अल्लाह जिसे चाहे जिल्लत देता है” कभी इज्जत में जिल्लत छुपी होती है और कभी जिल्लत में इज्जत।”

यूजर ने हिजाब पहनने पर किया सवाल, सना खान ने दिया जवाब

इस पूर्व एक्ट्रेस की इस तस्वीर पर ढेरों कमेंट्स आए, लेकिन एक यूजर के कमेंट ने सबका ध्यान खींचा, जिसने लिखा, ”इतनी पढ़ाई लिखाई कष्ट करके क्या फायदा वही तो सेम सबके जैसा पर्दे के अंदर रहना।”

सना ने इसके जवाब में लिखा, ”मेरे भाई जब पर्दा में रहके मैं अपना बिजनेस कर सकती हूँ, शानदार ससुराल वाले और पति मिल सकता है तो और क्या चाहिए। सबसे बड़ी बात अल्लाह हर तरह से मेरी हिफाजत कर रहा है। आल्हामदुलिल्लाह।”

सना खान ‘बिग बॉस 6’ और खतरों के खिलाड़ी जैसे रिएलिटी शो में नजर आ चुकी हैं। इसके अलावा वह कई हिंदी और साउथ इंडियन फिल्मों में भी काम कर चुकी हैं। पिछले साल 20 नवंबर को फिल्म इंडस्ट्री छोड़ने के बाद उन्होंने 21 नवंबर 2020 को इस्लामी मौलवी मुफ्ती अनस सईद से सूरत में निकाह कर लिया था।

कासिम ने बेहोशी का इंजेक्शन देकर ICU में भर्ती युवती का किया रेप: CCTV बंद कर 40 मिनट करता रहा मनमानी, यूपी पुलिस ने दबोचा

उत्तर प्रदेश के मेरठ स्थित एक अस्पताल के वार्ड बॉय पर ही बलात्कार का आरोप लगा है। आरोप है कि उक्त वार्ड बॉय ने नशे का इंजेक्शन देकर ICU में भर्ती युवती का रेप किया। इस मामले के सामने आने के बाद लिसाड़ी गेट थाने में FIR दर्ज की गई। यूपी पुलिस ने आरोपित को हिरासत में ले लिया है और और आगे की कार्रवाई की जा रही है। आरोपित कासिम खरखौदा के घोसीपुर गाँव का रहने वाला है।

जबकि 18 वर्षीय पीड़िता मजीदनगर में अपने परिवार के साथ रहती है। उसे बुखार होने के बाद हापुड़ रोड पर स्थित केयर नर्सिंग होम में इलाज के लिए भर्ती कराया गया था। लड़की का आरोप है कि रात के 3 बजे आरोपित कासिम ने उसका रेप किया। उसने धमकी दी कि अगर पीड़िता ने किसी को इस घटना के बारे में बताया तो वो ज़हर का इंजेक्शन लगा देगा। गुरुवार (मई 29, 2021) को पीड़िता को अस्पताल से डिस्चार्ज किया गया।

घर जाने के बाद उसने अपनी भाभी को इस वारदात के बारे में बताया। फिर पीड़िता ने परिजनों के साथ लिसाड़ी गेट थाना पहुँच कर तहरीर दी। पुलिस आरोपित कासिम से पूछताछ कर रही है। पुलिस ने जब अस्पताल का CCTV फुटेज खँगाला तो पाया कि 3 बजे के आसपास आरोपित वार्ड बॉय पीड़िता के शरीर के साथ छेड़खानी कर रहा था। इसके बाद अगले 40 मिनट तक कैमरे बंद रहे। इसे उसकी ही करतूत बताई जा रही है।

पुलिस ने CCTV फुटेज अपने कब्जे में ले ली है। आशंका है कि अपनी करतूतों को छिपाने के लिए कासिम ने ही CCTV को 40 मिनट तक बंद कर दिया था। इस दौरान वो खुल कर मनमानी करता रहा। शिकायत दर्ज होने के बाद आरोपित पक्ष के कुछ लोग थाने पहुँच गए और उन्होंने पीड़िता के परिजनों पर समझौते का दबाव बनाया। CO अमित राय ने बताया कि मामले की गहनता से जाँच की जाएगी। परिजनों का आरोप है कि रेप से पहले पीड़िता को बेहोशी का इंजेक्शन लगाया गया था।

15 साल की दलित लड़की को किडनैप कर मस्जिद में धर्मांतरण और निकाह के बाद धमकी – ‘…अगल-बगल की सभी लड़कियों को उठा लेंगे’

बिहार के जमुई जिले में एक 15 वर्षीय नाबालिग को अगवा कर पहले जबरन धर्म परिवर्तन कराने और फिर निकाह करने का मामला सामने आया है। स्थानीय मीडिया के मुताबिक, घटना चंद्रदीप थाना इलाके की है, जहाँ पीड़ित परिवार ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराते हुए अपनी नाबालिग बेटी को अगवा कर निकाह करने का आरोप लगाया है।

लड़की के पिता के मुताबिक, 23 मई की रात आठ बजे उनकी बेटी शौच के लिए बाहर निकली थी। उसके बाद से उसका कोई अता-पता नहीं है। 30 मई को पता चला कि दीननगर निवासी मोहम्मद मुस्ताक के पुत्र पप्पू खान ने उसका जबरन धर्म परिवर्तन कराने के बाद उससे निकाह कर लिया।

पीड़िता के परिजनों को आरोपी पप्पू खान ने दी जान से मारने की धमकी

जब लड़की के परिवार वाले आरोपी पप्पू खान के घर गए उसने गाली-गलौज करते हुए सबको वहाँ से भगा दिया। साथ ही इसकी शिकायत थाने में या कहीं और करने पर लड़की के पूरे परिवार को जान से मारने की धमकी दी।

पीड़िता के पिता का आरोप है कि पप्पू अपने सहयोगी मोहम्मद मोकिम के साथ उनके घर पर आया और हवा में गोली चलाते हुए घर से जेवरात व नकदी छीन लिए। उसने धमकी देते हुए कहा कि तुम शिकायत करते हो, तुम्हारे अगल-बगल की सभी लड़कियों को उठा लेंगे

पीड़ित परिवार ने पुलिस से उन लोगों को सुरक्षा देने की माँग करते हुए कहा कि उनकी संख्या गाँव में बहुत कम है, ऐसे में उन लोगों के साथ कुछ भी अनहोनी हो सकती है।

आवेदन मिलने के बाद चंद्रदीप थाना पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है और जाँच में जुट गई है। इस संबंध में एसडीपीओ डॉ राकेश कुमार ने थानाध्यक्ष आशीष कुमार को गाँव जाकर मामले की जाँच और उचित कार्रवाई का निर्देश दिया। एसडीपीओ का कहना है कि बिहार में धर्म परिवर्तन से संबंधित कोई कानून लागू नहीं है। लेकिन, अपराध के अनुसार आरोपियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

फर्टिलाइजर घोटाला: ED ने राजद सांसद को किया गिरफ्तार, जानिए कौन हैं ₹200 करोड़ की संपत्ति के मालिक अमरेंद्र धारी सिंह

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने फर्टिलाइजर घोटाला मामले की जाँच को आगे बढ़ाते हुए बड़ी कार्रवाई की है। केंद्रीय एजेंसी ने बिहार की मुख्य विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के एक बड़े नेता अमरेंद्र धारी सिंह को गिरफ्तार किया है। ED ने गुरुवार (जून 3, 2021) की सुबह ये कार्रवाई की। बता दें कि AD सिंह राजद कोटे से राज्यसभा सांसद भी हैं। उन्हें मार्च 2020 में राज्यसभा भेजा गया था।

उन्हें राजद सुप्रीमो लालू यादव का करीबी माना जाता है क्योंकि राज्यसभा भेजे जाने से पहले खुद उनकी ही पार्टी में कई लोग उन्हें नहीं जानते थे और उनका चयन हैरान करने वाला था। पूर्व-उप मुख्यमंत्री और अपने पिता की अनुपस्थिति में पार्टी को संभाल रहे तेजस्वी यादव ने तब कहा था कि उनकी पार्टी सिर्फ मुस्लिमों और यादवों की पार्टी नहीं है, इसीलिए इस पर हैरानी नहीं होनी चाहिए। उन्होंने सभी जाति-धर्म के लोगों को प्रतिनिधित्व देने की बात कही थी।

तब राजनीतिक विश्लेषकों ने कहा था कि विधानसभा चुनाव से पहले भूमिहार जाति को साधने के लिए राजद ने कारोबारी एडी सिंह को सांसद बनाया है। तेजस्वी यादव ने तब कहा था कि कई लोग मंत्रियों तक से अनजान रहते हैं। साथ ही उन्होंने दावा किया था कि बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय को एक पुलिस अधिकारी ने हिरासत में ले लिया था क्योंकि वो उन्हें जानता ही नहीं था। दिल्ली के डिफेंस कॉलोनी में रहने वाले एडी सिंह अविवाहित हैं और लगभग 250 करोड़ रुपए की संपत्ति के मालिक हैं।

उनकी कंपनी रूस से लेकर मध्य-पूर्व के मुल्कों तक फर्टिलाइजर्स के आयत-निर्यात का कारोबार करती है। कहा जाता है कि 1991 में उनके एक प्रभावशाली मित्र अधिकारी ने उन्हें इसके लिए लाइसेंस प्राप्त करने में मदद की थी। उनकी शुरुआती पढ़ाई पटना के सेंट माइकल स्कूल में हुई थी। बाद में उन्होंने दिल्ली के किरोड़ीमल कॉलेज से डिग्री ली। वो मूल रूप से ग्रामीण पटना के दुल्हन बाजार के एनखां गाँव के निवासी हैं।

उन्हें कॉन्ग्रेस के दिवंगत रणनीतिकार अहमद पटेल का भी करीबी माना जाता था। पाटलिपुत्र कॉलोनी में उनका बड़ा आलीशान घर है। वो एक जमींदार परिवार से आते हैं। उनके पैतृक गाँव में उनकी 1000 बीघा जमीन है। कुल 13 देशों में उनका कारोबार फैला हुआ है। राजद उन्हें ‘समाज का प्रतिष्ठित व्यक्ति और समाजसेवी’ बताता है। उनका रियल एस्टेट का भी कारोबार है। अब फर्टिलाइजर घोटाला मामले में ED उनसे पूछताछ करेगी।

वो अपने माता-पिता के नाम पर एक फाउंडेशन भी चलाते हैं, जिसके तहत उन्होंने दिल्ली में 200 बेड्स के चैरिटेबल अस्पताल के निर्माण की घोषणा की थी। बिहार के पूर्व DGP अभयानंद की ‘सुपर-30’ कोचिंग को भी वो अपने फाउंडेशन से वित्त मुहैया कराते रहे हैं। 60 वर्षीय अमरेंद्र धारी सिंह को उनके दोस्त ‘सेल्फ-मेड मैन’ करार देते हुए कहते हैं कि उन्होंने IIT जाने वाले कई गरीब छात्रों की मदद भी की है।

बता दें कि खाद घोटाला का ये मामला राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के भाई से जुड़ा है, जिनके ठिकानों पर ED ने पिछले साल रेड डाली थी। राजस्थान, पश्चिम बंगाल और दिल्ली के अलावा गुजरात से भी इसके तार जुड़े हैं। आरोप है कि अग्रसेन गहलोत की कंपनी ने फर्टिलाइजर्स को सब्सिडी वाले दाम पर ख़रीदा और किसानों को देने की बजाए उसे विदेश भेज दिया। ये मामला 2007-09 का है।

डस्टबिन में ही नहीं फेंकी गई, राजस्थान में जमीन में भी गाड़ दी गई कोरोना वैक्सीन: बर्बादी के सबूतों के बावजूद जाँच नहीं

राजस्थान सरकार ने मीडिया संस्थान ‘दैनिक भास्कर’ द्वारा राज्य में कोरोना वैक्सीन की बर्बादी सम्बंधित ग्राउंड रिपोर्ट को नकार दिया था और साथ ही केंद्र सरकार के आँकड़ों को भी गड़बड़ बताया था। अब ‘दैनिक भास्कर’ ने अपनी पड़ताल की पुष्टि के लिए कुछ तस्वीरें जारी की हैं और उनके आधार पर दावा किया है कि राजस्थान में वैक्सीन की हजारों डोज न सिर्फ डस्टबिन में डाले गए, बल्कि जमीन में भी गाड़ दिए गए।

अख़बार ने अपने एक पत्रकार की तस्वीर भी जारी की है, जिसने 12 फ़ीट गहरे गड्ढे में उतर कर देखा तो पाया कि वहाँ वैक्सीन के कई वायल बर्बाद कर दिए गए थे। इनमें से अधिकतर वायल ऐसे थे, जो 80% तक भरे हुए थे। बता दें कि वैक्सीन की एक वायल से 10 डोज बनती है। राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री लगातार इस बात को नकार रहे हैं कि राजस्थान में कोरोना वैक्सीन कचरे में फेंकी गई है। उन्होंने बर्बादी के प्रतिशत को महज 2 बताया।

‘दैनिक भास्कर’ ने अपनी पड़ताल में पाया कि 80% तक भरी हुई वैक्सीन की वायलें जमीन में गाड़ दी जा रही हैं। बुधवार को ऐसे 10 स्वास्थ्य केंद्रों की पड़ताल के बाद अख़बार ने कहा कि वो सच दिखा रहा है और अपनी जिम्मेदारी निभाता रहेगा। स्वास्थ्य मंत्री को सम्बोधित करते हुए अख़बार ने उन्हें वैक्सीन की बर्बादी रोकने की नसीहत दी और कहा कि उन्हें जो भी सबूत चाहिए, वो दिए जाएँगे पर टीके बर्बाद न हों।

राजस्थान में गड्ढे में गाड़ दी गई वैक्सीन (साभार: दैनिक भास्कर)

राजस्थान के अस्पताल परिसरों में वैक्सीन की सैकड़ों डोज कचरे के ढेर में पड़ी हुई है। खुद डॉक्टरों का ही कहना है कि वो वैक्सीन की पुरानी वायलों को जमीन में गाड़ दे रहे हैं। अब तक इसके जाँच के आदेश भी नहीं दिए गए हैं। अख़बार ने बर्बाद की गई 500 में से 20 वायलों के बैच नंबर भी शेयर किए। अखबार ने कहा, “भास्कर सरकार से अपील करता है कि इन वायल की जाँच कराएँ और जो भी सच सामने आए, उसे सार्वजनिक करें। हमारा मकसद सिस्टम की उस लापरवाही को सामने लाना है, जिसकी वजह से हमारी कीमती वैक्सीन बर्बाद हो रही हैं।”

राज्य के स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा के अनुसार, प्रदेश में 2% वैक्सीन ही बर्बाद हुई है, जबकि देश का औसत 6% है। उन्होंने बूँदी जिले का आँकड़ा शेयर करते हुए कहा कि वहाँ महज 5.35% वैक्सीन ही बर्बाद हुए हैं, जबकि मीडिया की पड़ताल में ये आँकड़ा साढ़े 4 गुना से भी अधिक 25% है। उन्होंने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन को पत्र भी लिखा, जिसमें बताया कि ये वायलें डिस्पोजल के लिए भेजी गई थीं।

हालाँकि, ये अजीब है कि वैक्सीन की भरी हुई वायलों को डिस्पोजल के लिए भेज दिया जाए। राजस्थान के उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कॉन्ग्रेस की सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि वो ‘दोषी भी मैं, जाँचकर्ता भी मैं, निर्णयकर्ता भी मैं’ वाले सिद्धांत पर चल रही है, जबकि उसे कोरोना प्रबंधन पर ध्यान देते हुए वैक्सीन की बर्बादी की जाँच किसी थर्ड पार्टी से करानी चाहिए। ‘दैनिक भास्कर’ ने अपने दफ्तर का पता देते हुए राज्य के स्वास्थ्य मंत्री से कहा है कि वो वायलों को जाँच के लिए मँगवा लें।

वहीं ‘पत्रिका’ की रिपोर्ट के मुताबिक, कॉन्ग्रेस शासित राजस्थान में कुल 11.5 लाख (करीब 7 फीसदी) वैक्सीन के डोज खराब हो गए हैं। वहीं कॉन्ग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गाँधी भारत सरकार पर भी वैक्सीन विदेश में बाँट देने का आरोप लगाते हैं। राजस्थान के चूरू जिले में तो सबसे ज्यादा 39.7 प्रतिशत वैक्सीन बर्बाद हो गई है। इस मामले में 24.60 फीसदी के साथ हनुमानगढ़ दूसरे नंबर पर है, जबकि 17.13 प्रतिशत वैक्सीन भरतपुर में बेकार हो गई है। 

महाराष्ट्र: 8 साल के बच्चे से करवाया कोरोना संक्रमितों का टॉयलेट साफ, वीडियो वायरल होने के बाद दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की माँग

कोरोना से सर्वाधिक प्रभावित राज्य महाराष्ट्र के बुलढाणा से एक बेहद परेशान करने वाला वीडियो सामने आया है। यहाँ के एक आठ साल के बच्चे से एक कोविड सेंटर का टॉयलेट साफ करवाने का मामला सामने आया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, ये घटना बुलढाणा के संग्रामपुर तहसील के मारोड गाँव में कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए बनाए गए क्वारंटाइन सेंटर में घटी।

यहाँ के एक स्कूल में बनाए गए क्वारंटाइन सेंटर के टॉयलेट को एक साल के मासूम बच्चे से साफ करवाने का मामला सामने आया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, वर्तमान में इस क्वारंटाइन सेंटर में कोरोना मरीज भर्ती हैं। बच्चा कोविड संक्रमित नहीं है। वीडियो वायरल होने के बाद सवाल उठ रहे हैं कि कोरोना संक्रमितों का टॉयलेट साफ करवाकर बच्चे के जीवन को खतरे में क्यों डाला गया।

गाँव समिति को जब पता चला कि जिलाधिकारी यहाँ निरीक्षण के लिए आने वाले हैं और कोई टॉयलेट की सफाई के लिए राजी नहीं हुआ तो ग्राम पंचायत के एक कर्मचारी ने आठ साल के इस बच्चे को धमकाकर उससे ही टॉयलेट साफ करवाया। दुखद बात ये है कि ग्राम पंचायत का यह कर्मचारी न केवल बच्चे से टॉयलेट साफ करवाता रहा बल्कि उसने यह भी कहा कि इस बात की जानकारी गट विकास अधिकारी को भी है।

कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए गांवों में स्कूली कक्षाओं में सेपरेशन रूम बनाए गए हैं। ऐसे सेपरेशन रूम में पर्याप्त स्टाफ नहीं होते हैं। यही स्थिति कई गाँवों में है। यह भी पता चला है कि लड़का गाँव के बाहर से रिश्तेदारों से मिलने आया था। सोशल मीडिया पर शुरू में लड़के को स्कूल का छात्र बताया जा रहा था।

वीडियो वायरल होने के बाद संबंधित अधिकारियों पर कार्रवाई की माँग

घटना का वीडियो वायरल होने के बाद प्रशासन हरकत में आया और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी। बुलढाणा के जिलाधिकारी ने इस मामले की जाँच के लिए एक समिति का गठन करते हुए तीन दिन में अपनी रिपोर्ट देने को कहा है।

बीजेपी नेता चित्रा वाघ ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से माँग की है कि वह इस घटना के संबंधित कर्मचारी, गट विकास अधिकारी और जिलाधिकारी पर कार्रवाई करें।

यति नरसिंहानंद की हत्या की साज़िश: हिन्दू बता मंदिर में घुसा काशिफ़, विपुल को बनाया साथी – सायनाइड और हथियार बरामद

पिछले 20 दिनों में दूसरी बार ऐसा हुआ है, जब गाजियाबाद के डासना स्थित शिव-शक्ति पीठ के महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती की हत्या का प्रयास किया गया। बुधवार (जून 2, 2021) को दो संदिग्ध युवक मंदिर परिसर में घुसने में कामयाब हो गए। सेवादारों को जब शक हुआ तो उन्होंने इन दोनों की तलाशी ली। इनके पास से तीन सर्जिकल ब्लेड व कुछ आपत्तिजनक दवाएँ बरामद की गई। महंत के अनुयायियों ने बताया कि ये एक घातक ड्रग ‘सायनाइड’ है।

बता दें कि किसी व्यक्ति को Cyanide दे दिया जाए तो ये ड्रग शरीर को ऑक्सीजन का उपयोग करने से रोक देता है, जिससे दिल और दिमाग काम करना बंद कर देते हैं। इससे व्यक्ति की जान भी जा सकती है। दोनों संदिग्धों को पकड़ कर पुलिस के हवाले कर दिया गया है। दोनों ने मंदिर के भीतर घुसते समय खुद को हिन्दू बताया था, लेकिन पुलिस ने उनमें से एक की पहचान काशिफ़ के रूप में की है। दोनों से पूछताछ जारी है।

महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती ने इस घटना के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि मंदिर में पुलिस की तरफ से एक गार्ड की तैनाती रहती है। दोनों युवक रात के लगभग 9 बजे मंदिर परिसर में घुसे। महंत नरसिंहानंद ने आगे बताया कि दोनों ने मंदिर के प्रमुख द्वार के बाहर एंट्री रजिस्टर में अपना नाम डॉक्टर विपुल विजय वर्गीय नागपुर और काशी गुप्ता के रूप में कराई। उस समय महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती मंदिर में मौजूद नहीं थे।

वो एक चैनल के लाइव डिबेट में हिस्सा लेने के लिए गए हुए थे। उनके अनुयायी अनिल यादव ने पुलिस में इस मामले की शिकायत दर्ज कराई है। पुलिस ने दोनों को हिरासत में ले लिया है। जिस व्यक्ति ने अपना नाम विपुल विजयवर्गीय बताया है, उसने कहा कि वो डॉक्टर है और ब्लेड का इस्तेमाल मरीजों के इलाज में करता है। काशिफ़ ने पूछताछ में बताया कि विपुल से उसकी दोस्ती फेसबुक के जरिए हुई थी और फिर फोन पर बातचीत होने लगी।

वो इस दोस्ती का मकसद नहीं बता पाया। उसने कहा कि विपुल कुछ दिनों से गाजियाबाद आया हुआ था और उसे डासना के मंदिर का दर्शन करना था, इसीलिए वो उन्हें यहाँ लेकर आया था। काशिफ़ गाजियाबाद के ही संजयनगर का रहने वाला है। महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती ने आरोप लगाया है कि दोनों आरोपित किसी जिहादी संगठन से सम्बन्ध रखते हैं और उन्हें उनकी हत्या के लिए भेजा गया था।

इससे पहले मई 17, 2021 को जान मोहम्मद डार उर्फ़ जहाँगीर को दिल्ली पुलिस ने पहाड़गंज के एक होटल से दबोचा था। उसके पास से भगवा कपड़ा व पूजा-पाठ की सामग्रियाँ बरामद हुई थी। जम्मू कश्मीर का ये आतंकी महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती की हत्या की सुपारी लेकर आया था। उसके पास से  एक पिस्टल और 2 मैगजीन के अलावा 15 कारतूस भी मिले थे। जैश-ए-मोहम्मद के पाकिस्तानी आका आबिद ने उसे ट्रेनिंग देकर भेजा था।

IMA के डॉक्टर ने ही ईसाई धर्मांतरण पर चीफ जॉन जयलाल का माँगा इस्तीफा, आयुर्वेद को सराहा

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) के अध्यक्ष प्रोफेसर डॉक्टर जॉनरोज ऑस्टिन के खिलाफ अब उनके ही संगठन में विरोध के स्वर फूटने लगे है। IMA के ही एक डॉक्टर ने उनका इस्तीफा माँगा है। डॉक्टर जितेंद्र नागर ने कहा कि जहाँ वो एक तरफ ‘एविडेंस बेस्ड’ एलोपैथी पर गर्व करते हैं, वहीं दूसरी तरह हमारे पूर्वजों की महान वैदिक विरासत आयुर्वेद का भी सम्मान करते हैं। उन्होंने डॉक्टर JA जयलाल का इस्तीफा माँगा।

डॉक्टर जितेंद्र नागर ने अपनी चिंता जाहिर करते हुए कहा कि IMA के मुखिया ईसाई धर्मांतरण के कटु एजेंडा का प्रचार-प्रसार करने में लगे हुए हैं, ऐसे में वो जब तक इन सबसे पाक-साफ़ होकर नहीं निकलते, उन्हें अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। उन्होंने IMA को एक पत्र लिख कर संगठन के अध्यक्ष पर सोशल मीडिया पर लगे आरोपों के सम्बन्ध में आगाह किया। उन्होंने कहा कि डॉक्टर JA जयलाल ईसाई मिशनरी एजेंडा का उपदेश देने और प्रचार-प्रसार में लगे हुए हैं।

डॉक्टर जितेंद्र नागर ने पत्र में लिखा, “आखिर कैसे कोई व्यक्ति IMA जैसी संस्था के शीर्ष पद पर बैठ कर ईसाई धर्मांतरण के कटु एजेंडे को बढ़ावा दे सकता है? ऐसे आरोपों ने IMA की धर्मनिरपेक्ष और संप्रभु छवि को नुकसान पहुँचाया है, एक चिंता का भाव पैदा किया है। मैं IMA के राष्ट्रीय पदाधिकारियों से निवेदन करता हूँ कि डॉक्टर जॉनरोज ऑस्टिन जयलाल पर लगे आरोपों की जाँच के लिए एक समिति का गठन किया जाए।”

उन्होंने माँग रखी कि जब तक डॉक्टर JA जयलाल इन आरोपों को लेकर हुई जाँच में पाक-साफ़ साबित नहीं हो जाते, तब तक उन्हें IMA अध्यक्ष का पद छोड़ देना चाहिए। गुजरात के बनासकांठा स्थित डीसा के रहने वाले डॉक्टर जितेंद्र नागर IMA के सदस्य भी हैं। उन्होंने गुरुवार (मई 29, 2021) को ये पत्र लिखा था, जिसे 5 दिन बाद सोशल मीडिया पर शेयर किया। वो ‘डायबिटीज स्कूल’ संस्था के अध्यक्ष भी हैं।

उधर JA जयलाल ने कहा है कि उनके संगठन IMA की बाबा रामदेव या आयुर्वेद से कोई दुश्मनी नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि योग गुरु बाबा रामदेव ने भारत सरकार की कोरोना वैक्सीन नीति के खिलाफ अफवाह फैला कर लोगों को गुमराह किया। तमिलनाडु के तिरुनेलवेली मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में सर्जरी के प्रोफेसर जयलाल ने कहा कि बाबा रामदेव के देश-विदेश में लाखों अनुयायी हैं, ऐसी में अगर वो माफ़ी माँगते हैं तो उनके खिलाफ शिकायत वापस ली जा सकती है।

‘मनीकंट्रोल’ से बात करते हुए उन्होंने केंद्रीय मंत्रियों द्वारा बाबा रामदेव का साथ देने के सवाल पर कहा कि सरकार के कार्यप्रणाली पर वो टिप्पणी नहीं कर सकते। साथ ही उन्होंने कहा कि IMA भारत सरकार के नियमों का ही अनुसरण करता है। उन्होंने दावा किया कि IMA आयुर्वेद के आक्रामक प्रचार-प्रसार के पक्ष में है, लेकिन मिक्सिंग के खिलाफ है। उन्होंने ये भी कहा कि हजारों लोगों की तरह वो भी एक योग गुरु के रूप में बाबा रामदेव का सम्मान करते हैं।

बता दें कि जयलाल लगातार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित भारतीय जनता पार्टी के नेताओं पर निशाना साधते हुए अपनी विचारधारा और मंशा को उजागर करने वाली खबरें (कुछ तो फेक भी), कार्टून और हैशटैग साझा करते रहते हैं। उन्होंने आयुर्वेद की निंदा करने वाले साक्षात्कार, व्याख्यान और सेमिनार देने में महीनों बिताए। उन्होंने कोरोना से ठीक होने का श्रेय भी जीसस को दिया।