Saturday, May 4, 2024
Home Blog Page 2829

केजरीवाल ने दिल्ली में युवाओं के लिए वैक्सीनेशन सेंटर किए बंद: केंद्र को फिर ठहराया जिम्मेदार, दूसरी लहर में 400+ डॉक्टर्स की मौत

दिल्ली में शनिवार ( 22 मई 2021) से युवाओं (18 से 44 साल) के लिए वैक्सीनेशन सेंटर बंद कर दिए गए हैं। मुख्यमंत्री ने अरविंद केजरीवाल इस मामले पर हाथ खड़े कर दिए हैं। उन्होंने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ”हमें दुख है कि युवाओं के लिए वैक्सीनेशन सेंटर बंद करने पड़ रहे हैं। केंद्र से हमने और वैक्सीन की माँग की है। जैसे ही वैक्सीन मिलेगी, दोबारा सेंटर खोलेंगे।”

उन्होंने कहा, “दिल्ली को ढाई करोड़ वैक्सीन की जरूरत है। मई में दिल्ली को 16 लाख वैक्सीन दी गई और जून में इसे घटाकर 8 लाख कर दिया गया है। ऐसा केंद्र की तरफ से कहा गया है। अगर इसी गति से वैक्सीन मिली तो वैक्सीन लगाने में हमें 30 महीने लग जाएँगे।”

मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि वैक्सीन की कमी की वजह से देश में बहुत मुश्किल हालात पैदा हो गए हैं। कोरोना से लोगों की जान बचाने के लिए वैक्सीन ही एक मात्र उपाय है। देश में वैक्सीन की उपलब्धता बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार को चार सुझाव दिए गए हैं। भारतीय बायोटेक कंपनी अपनी फॉर्मूला बताने के लिए तैयार हो गई है। केंद्र सरकार उन सभी कंपनियों को 24 घंटों के अंदर आदेश दे कि वे युद्ध स्तर पर भारत में वैक्सीन का उत्पादन करें। भारत सरकार इन विदेशी कंपनियों और वहाँ की सरकार से बात करे। इसके अलावा, भारत में सभी विदेशी वैक्सीन के इस्तेमाल की तुरंत इजाजत दी जाए।।

दिल्ली सरकार के मुताबिक, राजधानी में शुक्रवार (21 मई 2021) तक 49.67 लाख लोगों को वैक्सीन की कम से कम एक डोज लग चुकी है। इनमें से 38.44 लाख ऐसे हैं, जिन्हें पहली डोज लगी है, जबकि 11.23 लाख लोगों को दोनों डोज लग चुकी है।

वहीं, कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में देश भर के 400 से ज्यादा डॉक्टरों को अपनी जान गँवानी पड़ी है। इसमें अकेले दिल्ली में 100 डॉक्टरों की कोरोना के कारण मौत हो गई है। 420 डॉक्टर्स की लिस्ट जारी हुई है जिन्होंने कोरोना की इस लहर में जान गवाई।

बता दें कि दिल्ली और महाराष्ट्र में चिकित्सा सुविधाएँ नहीं होने के कोरोना काल में कई लोगों ने दम तोड़ दिया। देश भर में इन दोनों राज्यों में सबसे अधिक कोरोना के नए मामले सामने आए और ​कोरोना संक्रमण से सबसे अधिक मौतें दर्ज की गईं।

राजस्थान के डूंगरपुर में 10 दिनों में 315 बच्चे कोरोना+, लॉकडाउन तोड़ कर मस्जिद में नमाज भी इसी जिले में

कोरोना वायरस का संक्रमण अब राजस्थान के गाँवों में तेजी से फैल रहा है लेकिन खतरे की बात यह है कि संक्रमण के शिकार अब बच्चे भी हो रहे हैं। बच्चों में फैल रहे इस संक्रमण का ताजा मामला राजस्थान के डूंगरपुर से आया है, जहाँ 18 वर्ष से कम के 300 से अधिक बच्चे Covid-19 संक्रमित हुए हैं।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार राजस्थान में पिछले 10 से 12 दिनों में 500 से अधिक बच्चों में कोरोना वायरस संक्रमण का मामला सामने आया है। इनमें से अधिकांश बच्चे डूंगरपुर जिले के हैं, जहाँ 500 से अधिक बच्चे संक्रमित हैं। पिछले 10 दिनों में ही डूंगरपुर में लगभग 315 बच्चे संक्रमित हुए हैं।

डूंगरपुर के सीएमएचो डॉ. राजेश शर्मा ने रिपब्लिक चैनल को बताया कि जिले में 12 से 22 मई के बीच 0-19 साल के 315 बच्चे संक्रमित हुए हैं। डॉ. शर्मा के अनुसार सभी बच्चों को होम आइसोलेट करके उनका उपचार चल रहा है।

हाल ही में डूंगरपुर से ही खबर आई थी कि जिले की एक स्थानीय मस्जिद में लॉकडाउन के नियमों को तोड़ कर बड़ी संख्या में मुस्लिम इकट्ठा हुए थे। खबर शुक्रवार (14 मई) की है। ज्ञात हो कि राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार ने राज्य में 14 दिनों का कड़ा लॉकडाउन लगा रखा है। इसके बावजूद भी मस्जिद में कई मुस्लिम बड़ी संख्या में ईद की नमाज के लिए जुटे थे।

शुक्रवार (21 मई) को राजस्थान में कोरोना वायरस के 6,225 संक्रमण के नए मामले सामने आए। साथ ही 129 लोगों की संक्रमण के चलते मौत हुई है। राज्य में Covid-19 संक्रमितों की कुल सँख्या बढ़कर 9,03,418 हो गई है। इनमें से सक्रिय मरीजों की सँख्या 1,31,806 है। राज्य में कुल 7,475 मौतें हुई हैं।

मुंबई में कुत्तों से रेप… नागपुर के रंजीत 190+ कुत्तों को खिलाते हैं चिकन बिरयानी, 11 सालों से कर रहे सेवा

ऐसे समय में जब मुंबई से कुछ ऐसे मामले सामने आ रहे हैं, जहाँ जानवरों का बेरहमी से यौन उत्पीड़न जाता है। सिरफिरे न तो गायों को छोड़ रहे हैं और न ही कुत्ते और भेड़-बकरियों को। इन्हीं खबरों के बीच महाराष्ट्र के नागपुर के एक व्यक्ति लगभग 190 आवारा कुत्तों को रोज चिकन बिरयानी खिलाते हैं।

कोरोना महामारी के इस दौर में जहाँ कई लोगों को एक वक्त का भोजन मुश्किल से मिल रहा है और लोग घर से बाहर निकलने में कतरा रहे हैं, वहीं एक शख्स ऐसे हैं जो हर रोज घर से बाहर इसलिए निकलते हैं ताकि आवारा कुत्ते भूखे ना रह जाएँ। इस शख्स का नाम है रंजीत नाथ, जो नागपुर के रहने वाले हैं। 

रंजीत नाथ नागपुर में पिछले 11 साल से इन कुत्तों की सेवा कर रहे हैं। रंजीत नाथ पिछले 11 सालों से चुपचाप आवारा कुत्तों को खाना परोस रहे हैं और वह उन्हें अपना ‘बच्चा’ मानते हैं। उनकी कहानी अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। 58 साल के रंजीत नाथ पेशे से ज्योतिषी हैं। उन्होंने कहा कि वह कई वर्षों से यह काम कर रहे हैं। वह आवारा जानवरों को बच्चे बोलते हैं। उन्हें यह पसंद नहीं है कि कोई उन्हें कुत्ता कहे।

रंजीत की कहानी को अभिनव जेसवानी नाम के एक ब्लॉगर ने एक ब्लॉग पेज पर शेयर किया, जहाँ उन्होंने शहर में आवारा कुत्तों की सेवा करने वाले 58 वर्षीय व्यक्ति का एक वीडियो डाला। वीडियो के साथ, उस आदमी की कहानी भी लिखी गई थी। रंजीत ने कथित तौर पर 11 साल पहले आवारा कुत्तों की सेवा शुरू की थी और शुरू में उन्हें बिस्किट देते थे। पिछले ढाई साल से उन्होंने चिकन और मटन मिक्स बिरयानी देना शुरू किया। वह दान से मिलने वाले पैसे से बिरयानी तैयार करते हैं।

वीडियो इंटरनेट पर वायरल होते ही आवारा जनवरों के लिए रंजीत नाथ के दिल में दया ने लोगों के दिलों को छू लिया। कई लोग सीधे तौर पर उन्हें योगदान देना चाहते हैं और आवारा पशुओं को खिलाने में उनकी मदद करना चाहते हैं।

एक यूजर ने लिखा, “भगवान उन्हें हर आशीर्वाद और खुशियाँ दें।” एक अन्य ने लिखा, “कितना दयालु आदमी! हमें इस मिस्टर काइंडनेस जैसे इंसानों से उदाहरण लेने की जरूरत है। एक अन्य ने टिप्पणी की, “ग्रेट वर्क दादा।”

रंजीत नाथ महामारी की शुरुआत के बाद से रोजाना लगभग 40 किलोग्राम बिरयानी पका रहे हैं। वह करीब 190 आवारा कुत्तों को खाना खिलाते हैं। पिछले दिनों एएनआई से बात करते हुए, रंजीत नाथ ने कहा, “मैं बुधवार, रविवार और शुक्रवार को व्यस्त रहता हूँ, क्योंकि मैं इन कुत्तों के लिए 30-40 किलोग्राम बिरयानी तैयार करता हूँ। वे अब मेरे बच्चों की तरह हैं। मैं अपने जिंदा रहने तक यह काम करूँगा। यह मुझे खुशी प्रदान करता है।”

रंजीत नाथ के दिन की शुरुआत बिरयानी की तैयारी से होती है। वह इसे दोपहर से पकाना शुरू कर देते हैं और रोजाना शाम 5 बजे अपनी बाइक पर एक बड़ा सा बर्तन लेकर आवारा कुत्तों को खिलाने के लिए शहर का चक्कर लगाते हैं। नाथ बताते हैं, “मेरे पास 10-12 निश्चित स्थान (लोकेशन) हैं और मेरे ‘बच्चे’ उन जगहों के बारे जानते हैं। जैसे ही वे मुझे देखते हैं, वे मेरी ओर दौड़ने लगते हैं। मैं भेदभाव नहीं करता। मैं बिल्लियों को भी खिलाता हूँ।”

नागपुर के रंजीत नाथ के उलट गौर करते हैं देश की आर्थिक राजधानी मुंबई की ओर। बीते चंद महीनों की बात करें तो मुंबई से पशुओं के साथ सेक्स के 4 मामले सामने आ चुके हैं। मुंबई के सांताक्रुज के कलीना में 20-25 वर्ष का तौफीक अहमद एक कुतिया का रेप करते सीसीटीवी में पकड़ा गया। मामला संज्ञान में आते ही पुलिस ने उसके विरुद्ध केस दर्ज कर लिया।

तौफीक की तरह ही कुछ दिन पहले मुंबई पुलिस ने 68 वर्षीय एक व्यक्ति को कुतिया के साथ बलात्कार के आरोप में गिरफ्तार किया था। आरोपित की पहचान अहमद शाह के तौर पर हुई थी। उसने करीब 30 कुत्तों का रेप किया था।

वहीं साल 2020 के अक्टूबर माह में मुबंई के पवई में गैलेरिया शॉपिंग कॉम्प्लेक्स के अंदर नूरी नाम की एक कुतिया का रेप हुआ था, जिसके बाद उसकी हालत बिगड़ गई। बाद में उसे एनिमल केयर सेंटर ले जाया गया, जहाँ डॉक्टर्स ने बताया कि उसके प्राइवेट पार्ट्स से 11 इंच की लकड़ी की छड़ी मिली थी, जिसे ईलाज के दौरान निकाल दिया गया।

भारत को बदनाम करने वाले कमलनाथ के बयान पर सोनिया गाँधी से माँगा गया जवाब, लोगों ने कहा- ‘यही तो है कॉन्ग्रेस टूलकिट’

केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने शनिवार (22 मई 2021) को नए कोविड वेरिएंट को ‘इंडियन वेरिएंट’ कहने के लिए कॉन्ग्रेस और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ पर तीखा हमला किया। उन्होंने कहा कि कॉन्ग्रेस पार्टी देश को बदनाम कर रही है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा, ”कमलनाथ इसे इंडियन कोरोना कह रहे हैं। वह कह रहे हैं हमारी पहचान, मेरा भारत कोविड। यह भारत का अपमान है। कॉन्ग्रेस के अन्य नेता भी ऐसे बयान दे रहे हैं, जबकि डब्ल्यूएचओ (WHO) ने स्पष्ट कर दिया है कि उन्होंने वैश्विक महामारी के लिए किसी भी देश के नाम का इस्तेमाल नहीं किया है।”

प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि कॉन्ग्रेस पार्टी अब नकारात्मक राजनीति पर उतर आई है। उन्होंने सोनिया गाँधी से सवाल किया है कि कॉन्ग्रेस इस तरह की नकारात्मक राजनीति क्यों कर रही है। साथ ही उन्होंने कमलनाथ के बयान पर भी सोनिया गाँधी से जवाब माँगा है?

उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “शुरुआत में कोवैक्सीन को ‘बीजेपी की वैक्सीन’ कहा गया। अब सबसे ज्यादा अच्छी कोवैक्सीन साबित हुई। तो अब इन्होंने एक नया शब्द ‘ट्रैवल बैन’ जोड़ा है, लेकिन डब्ल्यूएचओ (WHO) ने ऐसा कोई भी निर्णय ही नहीं लिया है।”

जावेड़कर ने कहा कि कॉन्ग्रेस पार्टी देश में कोरोना के खिलाफ लड़ाई को कमजोर करने का काम कर रही है। लोगों में डर और भ्रम पैदा किया जा रहा है। ये एक जिम्मेदार विपक्ष की भूमिका नहीं है। सोनिया गाँधी को बताना चाहिए कि उनकी पार्टी इस तरह की नकारात्मक राजनीति क्यों कर रही है?

दरअसल, सोशल मीडिया पर कॉन्ग्रेस नेता कमलनाथ का बयान वायरल होने के बाद वह नेटिजन्स के निशाने पर आ गए हैं। एक यूजर ने ट्विटर पर लिखा, “कमलनाथ जी का दिमाग खराब है। कमलनाथ जी को कोरोना इतना पसंद आ गया है कि कॉन्ग्रेस उसको अपनी प्रयोगशाला में प्रयोग कर रही है।”

ज्योति परमार नाम की यूजर ने लिखा, “सत्ता के लिए इतनी हद तक गिर जाने वाले कॉन्ग्रेसियों को सत्ता के बाहर ही रखा जाएगा, यह जनता को तय करना पड़ेगा।”

सोशल मीडिया पर एक यूजर ने लिखा कि यही तो कॉन्ग्रेस टूलकिट के पॉइंट्स हैं, जो ये सब कर रहे हैं।

कमलनाथ का शुक्रवार (21 मई 2021) को कॉन्ग्रेस कार्यकर्ताओं को किसान आंदोलन के नाम पर क्षुद्र राजनीति करने और आग लगाने की सलाह देने का वीडियो भी सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुआ था। इसको लेकर एक यूजर ने लिखा, “कॉन्ग्रेस का यही चरित्र था और है। पहले सामने नहीं आता था, अब आधुनिक तकनीक के समय में दुनिया के सामने आ जाता है। यह देश को तोड़ने वाली पार्टी है। क्या कमलनाथ के घर वाले शर्मसार नहीं होते कि कैसा पति, पिता है, जो @#### में लगा है।”

बता दें कि कमलनाथ ने क​हा था, ”दुनिया भर में देश की पहचान इंडियन कोरोना से बन गई है। इसकी शुरुआत चीनी कोरोना से हुई थी, लेकिन अब यह इंडियन वेरिएंट कोरोना है। आज भारत के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री COVID-19 के भारतीय वेरिएंट से डरते हैं। यह कौन सा टूलकिट है? हमारे वैज्ञानिक इसे इंडियन वेरिएंट कह रहे हैं। सिर्फ बीजेपी के सलाहकार ही नहीं मान रहे हैं।”

कॉन्ग्रेस नेता ने वीडियो में कहा, ”हम कहते थे कि चाइनीज कोरोना है। अगर आपको याद हो तो जनवरी 2020 में जब इसकी शुरुआत हुई थी, तब हम कहते थे यह कोरोना चीन का है। चाइनीज लेबोरेटरी में बनाया गया था और एक खास शहर से आया था। हम आज कहाँ पहुँच गए हैं? आज दुनिया इसे इंडियन कोरोना कहती है।”

जमीयत उलेमा-ए-हिन्द के अध्यक्ष कारी उस्मान का कोरोना से निधन: जनाजे में भारी भीड़, किट के बाहर शव, देखें वीडियो

जमीयत उलेमा-ए-हिन्द के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं दारुल उलूम देवबंद के कार्यवाहक मोहतमिम हजरत मौलाना कारी मोहम्मद उस्मान मंसूरपुरी का शुक्रवार (मई 21, 2021) को कोरोना से निधन हो गया। कोरोना संक्रमित होने के बाद 75 वर्षीय मौलाना को नोएडा के मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

कोरोना संक्रमित मरीज की मौत के बाद उसे किट में लपेटकर उसका अंतिम संस्कार किया जाता है। ताकि दूसरे संक्रमित न हों, लेकिन यूट्यूब पर “दीनदारी” नाम के यूजर द्वारा अपलोड किए गए वीडियो में स्पष्ट देखा जा सकता है कि मौलाना की मौत बाद उनके जनाजे के दौरान किट को हटा दिया गया था और मौलाना का मुँह खुला हुआ था। इससे जितने भी लोग वहाँ थे उनके कोरोना संक्रमित होने का खतरा बढ़ गया है।

वहीं “एमटी मीडिया ओडिशा” नाम के हैंडल से जो वीडियो अपलोड किया है उसमें साफ तौर पर देखा जा सकता है कि जिस वक्त मौलाना कारी मोहम्मद उस्मान मंसूरपुरी का जनाजा आता है उस दौराना हजारों की तादात में भीड़ इकट्ठी होती है। वीडियो में देखा जा सकता है कि सोशल डिस्टेंसिंग पूरी तरह से नदारद थी।

एक अन्य “आल ओडिशा मदरसा” नाम के यूजर ने भी वैसा ही वीडियो अपलोड किया है, जिसमें भारी भीड़ देखी जा सकती है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, मौलाना की मौत के बाद शोक सभा में जमीयत उलमा ए हिंद के शहर अध्यक्ष जैनुर राशिद्दीन सिद्दीकी ने मगफिरत के लिए दुआ कराई। बता दें कि दारुल उलूम देवबंद मुसलमानों की सबसे बड़ी संस्था मानी जाती है और मौलाना कारी मोहम्मद उस्मान मंसूरपुरी उसके कार्यकारी मुहतमिम थे।

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश सरकार की 24 अप्रैल 2021 की गाइडलाइंस के मुताबिक, किसी के भी अंतिम संस्कार में केवल 20 लोग ही शामिल हो सकते हैं। बावजूद इसके यूट्यूब पर अपलोड किए गए वीडियो में हजारों की भीड़ देखी जा सकती है, जो कि राज्य सरकार की गाइडलाइंस का उल्लंघन है। उत्तर प्रदेश में मास्क नहीं पहनने पर पहली बार एक हजार और दूसरी बार ऐसा ही करने पर 10,000 रुपए के जुर्माने का भी प्रावधान है।

अमानतुल्लाह खान ने मुस्लिम समुदाय को क्यों कहा फंगस? लोग ‘रेड-ऑरेंज दाढ़ी’ वालों की फोटो क्यों कर रहे शेयर?

आम आदमी पार्टी का एक विधायक है। नाम है अमानतुल्लाह खान। विधायक अमानतुल्लाह खान ने आज मतलब 22 मई 2021 को मतलब जुमे की नमाज के ठीक 24 घंटे बाद एक ट्वीट किया है। पहले ट्वीट पढ़ा जाए। फिर इस पर चर्चा करते हैं।

नेताओं पर भरोसा नहीं, ट्वीट डिलीट करके भाग जाते हैं… इसलिए स्क्रीनशॉट

विधायक अमानतुल्लाह खान ने जो ट्वीट किया, उसमें साफ नहीं है कि वो किसे फंगस कह रहे हैं। लेकिन नीचे देश की जनता (जिसके एक वोट की कीमत राष्ट्रपति के एक वोट के बराबर होती है, मतलब अमानतुल्लाह जैसे विधायक जनता के सामने नौकर/सेवक के बराबर हैं) ने उन्हें साफ कर दिया कि फंगस है कौन।

अमानतुल्ला विधायक हैं। उनकी पार्टी के नेता केजरीवाल मुख्यमंत्री हैं। मतलब ये मुख्यमंत्री से छोटे कद के नेता हैं। यह उदाहरण देकर भी जनता ने इन्हें समझाया कि फंगस कौन है।

महामारी के समय तरह-तरह के फंगस आ गए हैं। विधायक अमानतुल्लाह खान को यह विज्ञान भी समझाया गया कि ब्लैक फंगस क्या होता है।

ब्लैक फंगस से ज्यादा खतरनाक होता है वॉइट फंगस। यह तो डायरेक्ट लिंग पर ही अटैक करता है। यह देखते हुए विधायक अमानतुल्लाह खान को वॉइट फंगस के बारे में भी बताया गया।

विधायक अमानतुल्लाह खान चूँकि गर्दन और जुबान काटने की बात करना खुलेआम पसंद करते हैं, इसलिए जिस जुबान के सहारे थूका जाता है, उसके विज्ञान को भी समझाया गया।

उम्मीद है देश की आम जनता से AAP वाले विधायक अमानतुल्लाह खान ने फंगस-फोबिया समझ लिया होगा।

सलीम ने सोनू बनकर हिंदू महिला को फँसाया, शादी के बाद ससुराल पहुँची तो दूसरी बीवी के साथ मिलकर पीटा: गिरफ्तार

उत्तर प्रदेश के सहारनपुर से ग्रूमिंग जिहाद (लव जिहाद) का मामला सामने आया है। सलीम नाम के युवक पर हिंदू महिला ने आरोप लगाया है कि सलीम ने झूठी पहचान बताकर पहले उसे अपने प्रेम जाल में फँसाया और बाद में धर्म परिवर्तन करवाकर उससे निकाह किया। हाल में जब महिला अपने ससुराल गई तो वहाँ उसके साथ मारपीट हुई।

समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार सहारनपुर एसपी ने इस संबंध में बताया कि एक महिला ने अपने पति पर धर्म परिवर्तन और घरेलू हिंसा के आरोप में शिकायत लिखवाई है। मुकदमा दर्ज हो चुका है और आरोपित को भी गिरफ्तार कर लिया गया है।

न्यूज नेशन की खबर के अनुसार, शेखपुरा गाँव का रहने वाला सलीम, सोनू बन कर मोदीनगर की हिंदू महिला से मिला और उसे अपने प्रेम जाल में फाँसा। इसके बाद शारीरिक संबंध बनाकर उसे कई बार गर्भवती भी किया। महिला लगातार शादी के लिए कहती रही। लेकिन सलीम ने हर बार उसका गर्भपात करवा दिया।

हाल में जब महिला ने ज्यादा दबाव बनाया तो सलीम ने उसका धर्म परिवर्तन करवाया और फिर उससे 5 मार्च को निकाह किया, मगर कागज पर तारीख 20 दिसंबर 2018 की लिखवा ली।

महिला का आरोप है कि निकाह के बाद जब वह अपने ससुराल गई तो सलीम ने अपने परिजनों के साथ मिलकर उससे मारपीट की। वहीं उसे ये भी पता चला कि सलीम की एक और शादी हो रखी है। इतना ही नहीं महिला ने पत्रकारों से बातचीत में यह भी खुलासा किया कि सोनू उर्फ सलीम बसपा नेता का बेटा है। उन दोनों का एक बेटा भी हुआ था। लेकिन सलीम ने उसे अपने भाई के साथ मिल कर खत्म कर दिया।

पुलिस का इस संबंध में कहना है कि सलीम ने हिंदू युवती से शादी 2018 में (महिला के अनुसार, शादी मार्च में हुई मगर उस पर तारीख 2018 की है) की थी। उससे उसकी एक बेटी है। लेकिन इसी वर्ष सलीम ने हिंदू लड़की को छोड़ मुस्लिम महिला से निकाह कर लिया। जब हिंदू युवती को यह पता चला तो वह सलीम के घर पहुँच गई। महिला का कहना है कि यहाँ उसके साथ मारपीट हुई। इस केस में धर्म परिवर्तन और अन्य धाराओं में मुकदमा पंजीकृत कर पुलिस ने आरोपी सलीम को गिरफ्तार कर लिया है।

ये है ऑल टाइम भारतीय टेस्ट टीम, Wisden ने कर दी घोषणा: ऋषभ पंत को बनाया है विकेट-कीपर, सचिन को कप्तानी नहीं

क्रिकेट का बाइबिल कही जाने वाली विजडन मैग्जीन ने आईसीसी की रैंकिंग के हिसाब से अपनी ऑल टाइम भारतीय टेस्ट इलेवेन का चयन कर लिया है। विजडन ने अपनी टीम का कप्तान विराट कोहली को बनाया है।

इस टीम में राहुल द्रविड़, सचिन तेंदुलकर, सुनील गवास्कर, रविंद्र जडेजा, कपिल देव, ऋषभ पंत (विकेट कीपर), आर अश्विन, अनिल कुंबले और जसप्रीत बुमराह को शामिल किया है। हालाँकि, हैरानी की बात यह है कि विजडन ने न तो पूर्व भारतीय क्रिकेट कप्तान महेंद्र सिंह धोनी और न ही वीरेंद्र सहवाग को शामिल किया है।

गौरतलब है कि भारतीय क्रिकेट टीम इंग्लैंड के दौरे पर जा रही है, जहाँ तीन महीने से भी अधिक समय के इस दौरे के दौरान टीम 6 टेस्ट मैच खेलेगी।

क्या था सेलेक्शन प्रोसेस

विजडन ने अपनी टीम चुनने को लेकर कहा है कि उसके चयन की प्रक्रिया आसान थी। मैग्जीन का कहना है कि उसने आईसीसी के रैंकिंग के आधार पर टॉप फाइव बैट्समैन, टॉप रैंकिंग वाले विकेटकीपर और हाईएस्ट रैंकिंग वाले ऑल राउंडर (आर अश्विन) और टॉप 4 बॉलर्स को चुना था।

मैग्जीन ने ऑल टाइम बैटिंग रैंकिंग में सुनील गवास्कर को 916 प्वॉइंट्स के साथ नंबर पर रखा है। उनके अलावा राहुल द्रविड़ (892 प्वाइंट्स), सचिन तेंदुलकर (898 प्वाइंट्स) और विराट कोहली (कप्तान-937 प्वाइंट्स) को भी नंबर वन रैंकिंग दी है।

वहीं ऑल टाइम बैटिंग रैंकिंग में 888 प्वाइंट्स के साथ चेतेश्वर पुजारा को सेकंड रैंक दी गई है, जबकि ऋषभ पंत (747 प्वाइंट्स) को इस मामले में 9वीं रैंक दी गई है।

रविचंद्रन अश्विन (904 प्वाइंट्स) को ऑल टाइम बॉलिंग में नंबर वन रैंक दिया गया है। इसके अलावा उन्हें ऑल टाइम ऑल राउंडर में भी 492 प्वाइंट्स के साथ पहली रैंक दी गई है। उनके अलावा 899 प्वाइंट्स के साथ रविंद्र जडेजा (899 प्वाइंट्स) को भी ऑल टाइम बॉलिंग रैंक में नंबर वन पर शामिल किया गया है। अनिल कुंबले को 859 प्वाइंट्स के साथ इस मामले में सेकंड रैंक पर रखा गया है। जबकि, ऑल टाइम बॉलिंग रैंकिंग में 835 प्वॉइंट्स के साथ जसप्रीत बुमराह को थर्ड रैंक पर रखा गया है।

यूपी में चलेगा गाँवों-वार्डों को कोरोना मुक्त कराने का अभियान, सबसे अच्छा काम करने वालों को पुरस्कार देगी योगी सरकार

उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हर संभव प्रयास कर रहे हैं। इसी बीच उन्होंने राज्य में महाअभियान शुरू करने के निर्देश दिए हैं। सीएम योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार (21 मई 2021) को टीम-9 के साथ कोरोना समीक्षा को लेकर हुई मीटिंग में कोरोना से मुक्त होने पर गाँवों और शहरों के वॉर्डों को पुरस्कार देने का ऐलान किया।

मुख्यमंत्री योगी ने सभी डीएम को गाँवों और शहरी वार्डों में “मेरा गाँव, कोरोना मुक्त गाँव” और “मेरा वार्ड, कोरोना मुक्त वार्ड” अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं। इसके तहत हर जिले में सबसे अच्छा काम करने वाले तीन-तीन गाँवों और तीन-तीन वार्डों को कोरोना मुक्त का अवॉर्ड दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से ऐसे गाँवों और वार्डों को विकास कार्यों के लिए अतिरिक्त धनराशि दी भी जाएगी।

सीएम योगी ने समीक्षा बैठक में कहा कि गाँवों में वृहद टेस्टिंग अभियान के अच्छे परिणाम मिल रहे हैं। निगरानी समितियों और आरआरटी टीमों की मेहनत रंग ला रही है। ऐसे में इसे मिशन के रूप में लेने की जरूरत है। सभी गाँवों में जागरूकता बढाएँ और प्रयास करें कि ‘कोरोना मुक्त गाँवों’ के संदेश को हर ग्रामवासी अपना लक्ष्य बनाएँ।

उन्होंने क​हा कि भारत सरकार द्वारा ब्लैक फंगस के उपचार के संबंध में दिए गए सुझावों एवं निर्देशों का जल्द ही क्रियान्वयन किया जाए। साथ ही महामारी अधिनियम-1897 के अन्तर्गत ब्लैक फंगस को अधिसूचित बीमारी घोषित किया जाए। मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश में अब तक 4 करोड़, 61 लाख, 12 हजार 448 कोविड टेस्ट किए जा चुके हैं।

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि विगत 24 घंटों में राज्य में 753 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की आपूर्ति की गई है। विगत कुछ दिनों में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में कमी आने से ऑक्सीजन की माँग में भी तेजी से कमी आई है।

उन्होंने आयुष विभाग द्वारा संचालित हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर को एक्टिव करने का निर्देश भी दिया। सीएम ने कहा कि आयुष विभाग द्वारा प्राणायाम के अभ्यास के संबंध में लोगों को व्यापक जानकारी दी जाए व इसका प्रचार-प्रसार भी कराया जाए।

#CleanNCERT: कभी स्थानीय भाषा तो कभी बिना साक्ष्य के इतिहास, गलत शिक्षा को लेकर NCERT हेड मो सिराज निशाने पर

हाल में NCERT के पाठ्यक्रम में कक्षा-1 के छात्रों को पढ़ाए जाने वाली कविता ‘आम की टोकरी’ को लेकर सोशल मीडिया पर बवाल हुआ। लोगों ने इसे डबल मीनिंग कविता करार देते हुए पाठ्यक्रम से निकालने की बात की। ये पहली बार नहीं है कि NCERT पर गलत शिक्षा देने के आरोप लगे हों। इससे पहले कई बार ऐसा हुआ। जिसके मद्देनजर इस दफा ट्विटर पर #CleanNCERT ट्रेंड करने लगा और NCERT प्रमुख भी लोगों के निशाने आ गए।

सोशल मीडिया पर यूजर्स #CleanNCERT ट्रेंड करवा कर उस सामग्री को उजागर कर रहे हैं, जिनके जरिए गलत शिक्षा छात्रों को दी जा रही है। लोग बता रहे हैं कि आखिर NCERT में क्या पढ़ाया जाना चाहिए और हमें पढ़ाया क्या जा रहा है। सक्रिय यूजर्स इस बात को उठा रहे हैं कि आखिर बाबर, औरंगजेब और खिलजी जैसे क्रूर शासक महान कैसे हो गए और क्यों छत्रपति शिवाजी, महाराणा प्रताप को विस्तार से हमें इतिहास की किताबों में नहीं पढ़ाया गया।

NCERT पर लगे गलत शिक्षा देने के आरोप

इससे पहले NCERT अपने कंटेंट को लेकर कई बार चर्चा में आया है। ‘आम की टोकरी’ कविता के अलावा NCERT की पाँचवी कक्षा में पढ़ाई जाने वाली मैरीगोल्ड के यूनिट 8 में द लिटिल बुली को लेकर भी ये बात उठी थी कि आखिर उसमें हरि नाम के बच्चे पर ऐसी कहानी क्यों गढ़ी गई कि वह लड़कियों को चिढ़ाता है या चिकोटी काट कर उन पर धौंस जमाता है।

इसी तरह कक्षा 12 में पढ़ाए जाने वाली इतिहास की किताब पर बवाल हुआ था। इसमें सिखाया जा रहा था कि औरंगजेब जैसे आक्रांताओं ने भी भारत में रहते हुए मंदिरों की रक्षा की और उनकी देख-रेख का जिम्मा उठाया था। लेकिन जब एनसीईआरटी से इस दावे का स्रोत पूछा गया तो उनके पास अपना दावा साबित करने के लिए कोई प्रमाण या स्रोत नहीं था। ऐसे ही कुतुब मीनार को लेकर भी एनसीआरटी के पास कोई सबूत नहीं थे कि उसे  कुतुबुद्दीन ऐबक और इल्तुतमिश ने बनवाया।

NCERT का बयान

आज निराधार दावों वाली शिक्षा और दोयम दर्जे की भाषा को लेकर NCERT विवादों में हैं। लेकिन अपनी सफाई में उन्होंने गलती मानने की बजाय या कोई आश्वासन देने की जगह अपनी गलती को स्थानीय भाषा का हवाला देकर ढकना चाहा। ऐसे में भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने उन्हें लताड़ा और कविता की भाषा को घटिया और स्तरहीन कहा।

दरअसल, NCERT ने लिखा था, “एनसीईआरटी की पाठ्यपुस्तक में दी गई कविताओं के संदर्भ में: एनसीएफ-2005 के परिप्रेक्ष्य में स्थानीय भाषाओं की शब्दावली को बच्चों तक पहुँचाने के उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए ये कविताएँ शामिल की गई हैं ताकि सीखना रुचिपूर्ण हो सके।”

अगले ट्वीट में NCERT ने बताया, “ राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के परिप्रेक्ष्य में नई राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा के निर्माण की प्रक्रिया आरंभ हो चुकी है। इसी पाठ्यचर्या की रूपरेखा के आधार पर भविष्य में पाठ्यपुस्तकों का निर्माण किया जाएगा।”

NCERT हेड मोहम्मद सिराज पर उठी उंगलियाँ

NCERT पर उठे सवालों के बीच राष्ट्रीय सुरक्षा मामलों के विश्लेषक दिव्य कुमार सोती समेत कई लोग ऐसी शिक्षा के लिए NCERT हेड को जिम्मेदार मान रहे हैं। दिव्य कुमार सोती ने मोहम्मद सिराज का बायोडेटा शेयर करते हुए लिखा,

“जो मदरसों के सिलेबस में औरंगजेब की महानता पर चैप्टर लिखने लायक थे वो  NCERT की किताबें लिख रहे हैं। 10 साल रूक जाइए, आज इनके लिखे सिलेबस को पढ़ रहे हिंदुओं के बच्चे भी उमर खालिद और शरजील उस्मानी के साथ भारत विरोधी नारे लगाते दिखाई देंगे।”

राजपांडे लिखते हैं, “अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के मो सिराज अनवर जुलाई 2020 से NCERT की योजना और अनुसंधान के प्रमुख है। इसके पहले वह 2016-19 के दौरान प्रकाशन विभाग के प्रमुख (योजना निगरानी) थे। उन्होंने 1997 में NCERT ज्वाइन किया था और औरंगजेब के निजाम शाही के अनुयायी हैं। ”

इनके अलावा कई यूजर्स हैं जो इन सबके लिए मो सिराज और उससे पहले के NCERT प्रमुखों को जिम्मेदार मान रहे हैं।

गौरतलब है कि आज के समय में भारतीय सनातन संस्कृति से वामपंथी इतिहासकारों और शिक्षाविदों की घृणा का यह चरम है। यही वजह है कि हमें सालों से गलत इतिहास और ऐसी भाषा पढ़ाई जाती रही, जिसकी वजह से हमारा दिमाग एक दिशा में सेकुलरिज्म की परिभाषा गढ़ता रहे।

मसलन बाबर को किताबों में महान शासक बनाया गया। उनका महिमामंडन करने के लिए पाठ के पाठ समर्पित कर दिए गए। वहीं दूसरी ओर शिवाजी महाराज या महाराणा प्रताप को तस्वीरों या फिर एक पैराग्राफ में सीमित कर दिया गया।

तस्वीरों से लेकर भाषा तक में हमारे दिमाग का इस्लामीकरण किया जाता रहा और हम इसे पढ़ते आए। #CleanNCERT के ट्रेंड होने का मतलब यही है कि आज बड़ी तादाद में लोग ऐसे एकतरफा कंटेंट का विरोध कर रहे हैं और भारत के असली हीरोज और उसकी सभ्यता की जानकारी बच्चों को दिलवाना चाहते हैं।