Wednesday, October 9, 2024
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तुम्हारी देशभक्ति के उन्माद की परिणति है पायलट का लापता होना: लिबरल गिरोह

आज सुबह पाकिस्तान के F-16 ने भारतीय सीमा के कुछ सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने की कोशिश की। उनकी तरफ से बम भी गिराए गए और जब वो वापस जा रहे थे तब भारतीय वायु सेना के लड़ाकू विमानों ने उनका पीछा करते हुए एक F-16 को मार गिराया। ख़बरों के अनुसार यह विमान भारतीय सीमा के भीतर राजौरी सेक्टर में गिरा है। 

इसी लेख का वीडियो यहाँ देखें

इसी का दूसरा पहलू यह रहा कि भारतीय वायुसेना के पायलट अपने जहाज़ों के साथ जब पाकिस्तानी जेट का पीछा कर रहे थे तो उनके विमान को भी क्षति पहुँची और हमारे एक जेट को पाकिस्तानी एयर फ़ोर्स ने गिरा दिया एवम् एक पायलट, भारतीय विदेश मंत्रालय के आधिकारिक बयान के अनुसार, लापता बताए जा रहे हैं। कई ख़बरों से, और पाकिस्तानी पीएम इमरान खान के स्टेटमेंट से पता चला है कि एक पायलट पाकिस्तान में हैं। 

अगर पाकिस्तान से आने वाली जानकारी सही भी है, फिर भी जेनेवा कन्वेंशन के अनुसार वो पायलट सुरक्षित भारत वापस लाए जाएँगे। इसके अलावा जो भी ख़बर है, वो संदिग्ध है क्योंकि वो आधिकारिक नहीं हैं। इसको लिए आप अपनी बुद्धि और विवेक का इस्तेमाल कीजिए, कि आपको किसका वर्जन सही लगता है। इसके लिए आप स्वतंत्र हैं। 

ज़ाहिर सी बात है कि ऐसे मौक़ों पर, जितनी खबरें आ रही हैं, और पब्लिक तक पहुँच रही हैं, तो आम जनता सकते में है। वो इसलिए कि हमारी सेना का एक अफसर लापता है। ये अपने आप में भारत के लिए एक नकारात्मक ख़बर है, भले ही हम पाकिस्तान को तहस-नहस करने की क्षमता रखते हैं। 

एक तरफ़ ऐसे लोग हैं, और बहुत हैं जो इस स्थिति में एक बेहतर रुख़ लेकर, सकारात्मक रवैये के साथ यह कह रहे हैं कि हमें अपनी सेना के साथ, अपने देश के साथ खड़े रहने की ज़रूरत है। ये भले ही एक धक्का है, लेकिन इसे हार नहीं कहा जा सकता। और दूसरी तरफ एक गिरोह है, जिसके होने से हमें लगता है कि हमें पाकिस्तान के F-16 की ज़रूरत नहीं है, उससे ज़्यादा घाव तो यही लोग कर जाते हैं। 

ये वही गिरोह है जिससे भारतीय मीडिया का समुदाय विशेष कहा जाता है। ये लम्पट और धूर्त पत्रकारों और छद्म-बुद्धिजीवियों का एक गिरोह है जो मौक़े तलाशता रहता है। चूँकि इनके पास शब्दों की कमी कभी होती नहीं, तो ये उस स्थिति में हमेशा रहते हैं जब बात घुमाकर देश की परिकल्पना और सरकारों के मजबूत क़दमों के खिलाफ लाया जा सके।

ये लोग सैनिकों के बलिदान से जाति निकाल लेते हैं, ये लोग सैनिकों के साथ खड़े होने वाले देशभक्त लोगों को हिन्दुओं के सवर्ण और मेट्रो शहरों के होने का दावा कर लेते हैं, ये लोग ऐसे धक्कों पर देश के साथ खड़े न होकर पाकिस्तान की मदद करते दिखते हैं जब वो पूछते हैं कि क्या सबूत है कि हमने 300 आतंकी मार गिराए। और पाकिस्तान इनकी मदद इन्टरनेशनल कोर्ट ऑफ़ जस्टिस तक लेता रहता है। 

देशभक्त होना गाली नहीं है। जिंगोइस्ट होना भी बुरा नहीं है। अतिराष्ट्रवाद भी बुरा नहीं है क्योंकि इन सबका उद्देश्य राष्ट्र की बेहतरी और वैश्विक छवि को सुदृढ़ करने का होता है। राष्ट्रवाद ज़हर कैसे हो सकता है? जो लोग मोमबत्तियाँ लेकर सड़कों पर श्रद्धांजलि देते हैं, उनके लिए देश बहुत मायने रखता है भले ही उनके घरों के पास की नाली साफ न की गई हो। 

ये इसलिए होता है क्योंकि हम चाहे जिस भी सरकार में, जिस भी स्थिति में हो, वो सिर्फ और सिर्फ देश के देश होने के कारण ही संभव है। इसलिए ऐसे मौक़ों पर कोई भीख माँगकर जीवन यापन करती बुजुर्ग महिला की पूरी पूँजी पुलवामा के बलिदानियों के परिवारों के नाम हो जाती हे। इसीलिए ऐसे मौक़ों पर लोग आगे बढ़कर हर संभव मदद करते दिखते हैं। 

यहाँ लोग, सरकार ने क्या विकास किया, उनके जीवन में क्या बदलाव लाए, इससे ऊपर उठ जाते हैं क्योंकि देशभक्ति गरीब से गरीब स्थिति में, अपनी पहचान के लिए लड़ते देश के लोगों में भी होती है। उसके लिए अमेरिका जैसी चमचमाती इमारतों की ज़रूरत नहीं होती। देशभक्ति देश के लिए होती है, और इसमें ‘नागरिक’ और ‘देश’ दो शब्द भर काफी हैं, इसके बीच की सारी बातें गौण हो जाती हैं क्योंकि आपका अस्तित्व और आपके देश का अस्तित्व एक दूसरे पर आश्रित हैं। 

इसलिए, ऐसी परिस्थितियों में हम एक हो जाते हैं। सारी पार्टियाँ एक हो जाती हैं। हम सड़कों पर एक साथ उतरते हैं, और एक साथ नारे लगाते हैं। हम किसी को नारे लगाता देखते हैं, तो उनके साथ हो जाते हैं, उस प्रदर्शन में शामिल हो जाते हैं। इसके लिए कुछ कहने की ज़रूरत नहीं होती। क्यों? क्योंकि देशप्रेम उसी तरह से विकसित होता है जैसे अपनी माँ से प्रेम करना। उसके लिए हम पूरे जीवन भर तैयार होते हैं, चाहे वो खेलों से हो, युद्धों की कहानियों से हो, हमारे इतिहास से हो, या इस बात से कि हम कहाँ थे, कैसे बर्बाद किए गए और आज कहाँ पहुँचे हैं। 

ये एक प्राकृतिक प्रतिक्रिया है ऐसे समय पर। लेकिन कुछ लोगों के लिए ये एक सहज बात नहीं होती। उन्होंने बार-बार दिखाया है कि उनकी ज़मीन कहीं और है। उनके लिए सैनिकों पर पत्थर फेंकने वालों के लिए, जवानों के घेरकर मार देने वाले नक्सलियों के लिए, देश को तोड़ने वाली शक्तियों के लिए हमेशा मानवाधिकार जैसे शाब्दिक हथियार होते हैं। लेकिन जब सैनिक का बलिदान होता है तो तर्क घास चरने चला जाता है, और जब आता है तो कहा जाता है कि ये तो उनका काम है! 

अब अगर आज ही की बात की जाए तो यही गिरोह सक्रिय हो चुका है और एक पायलट के लापता होने की ख़बर पर उसके परिवार की चिंता का फर्जी नाटक करते हुए कह रहा है कि उन्हें उस पायलट के परिवार की चिंता है, जो इंतजार में होंगे और प्रार्थना कर रहे हैं कि वो सुरक्षित लौट आएँ। इसमें उनकी चिंता पायलट की बिलकुल नहीं है, उनकी चिंता है कि कैसे देशभक्ति जैसे भाव को नीचा दिखाया जा सके, और सेना के समर्थन में खड़े लोगों को इसका दोषी बनाया जाए।

गिरोह के लोग यहीं नहीं रुके, उन्होंने लगातार लिखा कि वायु सेना द्वारा एयर स्ट्राइक की जड़ में भारतीय देशभक्तों का उन्माद है जिसके कारण सरकार ने ऐसी आज्ञा दी। साथ ही, उन्होंने पुलवामा हमलों के समय भी सरकार को घेरा था। इनकी स्थिति स्पष्ट नहीं हो पाती, क्योंकि इन्हें न तो सेना से मतलब है, न सैनिक से, न देश से, न समाज से। 

इन्हें मतलब सिर्फ और सिर्फ नैरेटिव से है जो कि किसी भी तरह से, कैसे भी उन लोगों के खिलाफ ज़हर पैदा कर सके जो सही मायनों में देश के साथ खड़े हैं। गिरोह का सदस्य इसे चुनावों से जोड़ता है, और इसकी टाइमिंग पर सवाल उठाता है क्योंकि यही अजेंडा है। 

ऐसे लोगों को पहचानिए, और इनके अजेंडाबाजी पर, फर्जी के आँसू पर, इनकी नग्नता और निम्न स्तर के ट्वीटों पर सवाल कीजिए कि इतना गिरने की क्या ज़रूरत है? इनसे पूछिए कि कहाँ से लाते हैं ऐसा ज़हर जो उसी देश के खिलाफ इस्तेमाल होता है जिन्होंने उन्हें इतना बोलने की आज़ादी दे दी है कि वो देश के अस्तित्व को ही मिटाने वालों के साथ खड़े हो जाते हैं। 

लिबरलों का ये एक रोग है, ये मानसिक रूप से बीमार, घटिया लोग हैं। घटिया इसलिए क्योंकि ये चुप नहीं रह सकते। ये संवेदनशील नहीं हैं, ये देशविरोधी ताक़तों के एजेंट हैं जो क्षति होने पर सरकार को घेरते हैं, और बदला लेने पर सरकार को समीकरण से हटाकर सैनिकों की जय-जय बोलते हैं। फिर, जब इस प्रोसेस में क्षति होती है, तो दोबारा सरकार को, देशभक्त लोगों को कोसने लगते हैं। 

बदलते समीकरण पर विचार नहीं बदलते। विचार बदलने का मतलब है कि आपके आशीर्वचनों में धूर्तता है। इसका मतलब है कि आपकी संवेदनशीलता की जड़ में संवेदनहीनता है जो शब्दों के खेल से बस छुप गई है। जिंगोइज्म कुछ नहीं होता, अतिराष्ट्रवाद कुछ नहीं होता। देश के साथ होने की, अपने सैनिकों को समर्थन देने की कोई सीमा नहीं होती। 

चूँकि किसी ने ऐसे शब्द बना रखे हैं, तो उन्हें हर समय फेंक कर मारने और देशभक्त लोगों का मनोबल गिराने के लिए इस्तेमाल करना धूर्त लोगों की पहचान है। लेकिन, चिंता मत कीजिए, ऐसे लोग मोर बनने को चक्कर में खुद ही कपड़े उतार लेते हैं। और ये कपड़े इनकी कुत्सित सोच पर से भी उतर जाते हैं, जो कि हमारे और आपके लिए दिन के उजाले में साफ तरीके से दिखते हैं। 

और हाँ, हमें सुनने और जानने वाले राष्ट्रवादियो! आप कुछ भी गलत नहीं कर रहे। युद्ध में जय बोलने वालों का भी महत्व होता है। जवानों को हमेशा यह लगना चाहिए कि अगर उनके हाथ में बंदूक है, और उनका जीवन हम जैसों के लिए समर्पित है, तो हम जैसे लोग इस बात को हमेशा ध्येय वाक्य बनाकर चलते हैं कि ‘When you go home, Tell them of us and say, For your tomorrow, We gave our today.’

हाँ, हमारे अंदर आपके लिए असीमित सम्मान है क्योंकि आप हैं तो देश है, हम हैं तो देश है, और आपके कारण ही ये लिबरलों का धूर्त गिरोह साँस लेता है, ट्वीट करता है, फर्जी नैरेटिव गढ़ता है। और ऐसे समय पर ये सम्मान अपने उच्चतम स्तर पर होता है। इसे जिंगोइज्म कहें, राष्ट्रवाद कहें, अतिराष्ट्रवाद कहें, देशभक्ति कहें, हमें सब स्वीकार है क्योंकि हमें स्वयं पर गर्व है, इस भारत भूमि पर गर्व है, और सबसे ऊपर हर भारतीय सैनिक पर गर्व है चाहे वो जिस भी रंग की वर्दी पहनता है। 

जय हिन्द, जय भारत! 

पाकिस्तान का ‘डीप स्टेट’ चाहता है कि मोदी PM बनें – क्रिस्टीन फेयर के खोखले तर्क

सी क्रिस्टीन फेयर भारत पाकिस्तान मामलों की एक जानी-मानी विश्लेषक हैं। ‘फाइटिंग टू दी एंड: पाकिस्तान आर्मीज़ वे ऑफ़ वॉर’ पाकिस्तानी फ़ौज पर लिखी उनकी बहुचर्चित पुस्तक है। अच्छी बात यह है कि एक अमरीकी होने के बावजूद उन्हें हिंदी भी आती है। बीबीसी की वेबसाइट पर हाल ही में प्रकाशित एक लेख में क्रिस्टीन फेयर ने लिखा है कि मोदी के जीतने से पाकिस्तान के ‘डीप स्टेट’ को फायदा होता है।

क्रिस्टीन फेयर के अनुसार जब मोदी भारत में जीतते हैं तो पाकिस्तानी फ़ौज को अपनी जनता को यह समझाने में मदद मिलती है कि हिंदुस्तान में एक हिंदूवादी सरकार है और इस तरह पाकिस्तानी फ़ौज खुद को पाकिस्तान की जनता का रक्षक साबित करती है। ग़ौरतलब है कि दशकों से पाकिस्तानी हुक्मरानों ने अपनी जनता के भीतर भारत (विशेषकर हिन्दू) विरोधी भावनाओं का संचार किया है। इसलिए अपनी जनता पर नियंत्रण रखने के लिए उन्हें भारत की कथित ‘हिंदूवादी सरकार’ का भय दिखाना ज़रूरी हो जाता है।  

दूसरे शब्दों में कहें तो पुलवामा में पाकिस्तानी आतंकियों ने CRPF के काफिले पर हमला इसलिए करवाया था ताकि मोदी सरकार पाकिस्तान के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करे जिसके बाद भारत की जनता के बीच मोदी सरकार की अच्छी इमेज बने और नरेंद्र मोदी को आगामी चुनाव में फायदा मिले।

चुनाव में मोदी की विजय से हिंदूवादी सरकार का भय पाकिस्तानी जनता में बरकरार रहेगा जिससे सुरक्षा की गारंटी पाकिस्तानी फ़ौज अपनी जनता को देती है। क्रिस्टीन फेयर के अनुसार इस तर्क का यह अर्थ बिल्कुल भी नहीं है कि पुलवामा हमले का मोदी से कोई संबंध है लेकिन वो यह बताना चाहती हैं कि मोदी की जीत पाकिस्तानी सेना की ज़रूरत है।  

दरअसल पाकिस्तानी फ़ौज पश्तूनों और बलूचों पर जो अत्याचार करती है उसे छुपाने के लिए वो किसी भी हद तक जा सकती है। ग़ौरतलब है कि आज पाकिस्तान के एक बड़े हिस्से में विद्रोह की स्थिति है। पाकिस्तान में बलूचिस्तान, सिंध, गिलगित (POK) समेत कई प्रांतों में ऐसी स्थिति है कि वहाँ के लोग पाकिस्तान से अलग होना चाहते हैं। ऐसे में पाकिस्तानी फ़ौज ही एकमात्र ताक़त है जो हिंसा के प्रयोग से ही सही लेकिन पाकिस्तान के भूभाग को एक रखने में अहम भूमिका निभाती है। ऐसे ही विचार एक अन्य अमरीकी चिंतक स्टीफेन कोहेन के भी हैं किंतु इस निष्कर्ष के अन्य पहलुओं पर भी ध्यान देना ज़रूरी है।

हम इतिहास को देखें तो पाकिस्तान का जन्म ही मज़हबी आधार पर हुआ था। पाकिस्तान का आधिकारिक नाम ‘इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ़ पाकिस्तान’ है। इसलिए उसे अपने अस्तित्व को क़ायम रखने के लिए इस्लामी आइडेंटिटी को डिफेंड करना पड़ता है। चूँकि पाकिस्तान के दृष्टिकोण से इस्लामी आइडेंटिटी ‘हिन्दू बहुल भारत’ के विरोध पर ही टिकी है इसलिए उनका ‘डीप स्टेट’- जो कि आईएसआई और पाकिस्तानी फ़ौज का मिश्रण है- इस आइडेंटिटी को भुनाता है।  

क्रिस्टीन फेयर के दृष्टिकोण से बालाकोट में जैश ए मोहम्मद के ठिकानों पर भारत द्वारा की गई दंडात्मक कार्यवाही का विश्लेषण करें तो ढेर सारे प्रश्न सामने आते हैं, जिनमें पहला यह है कि क्या भारत ने नियंत्रण रेखा के पार एयर स्ट्राइक कर गलती की है? क्या भारत की एयर स्ट्राइक से पाकिस्तानी फ़ौज का दबदबा अपनी जनता पर बढ़ा है? इसका जवाब देना इतना कठिन भी नहीं है। यदि भारत की जवाबी कार्यवाही के कारण पाकिस्तान की जनता अपनी फ़ौज से जवाब माँगती है जिसके बदले में फ़ौज जनता को भारत के खतरे से सुरक्षा की गारंटी प्रदान करती है, तो वहीं दूसरी तरफ भारत में नरेंद्र मोदी का कद भी बढ़ा है।

वस्तुतः भारत एक दशक (2004-2014) तक एक मज़बूत राष्ट्रीय नेतृत्व के अभाव में रहा है। ऐसे में निर्णायक कदम उठाने में सक्षम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर यदि भारत की जनता पुनः विश्वास जताती है तो यह भारत के लिए भी अच्छा होगा। यह न केवल भारत की जनता बल्कि देश की ग्लोबल छवि के लिए भी अच्छा होगा कि नरेंद्र मोदी पुनः प्रधानमंत्री बने। यह ध्यान रखना आवश्यक है कि पाकिस्तान द्वारा जारी छद्म युद्ध के विरुद्ध भारत ने पहले कभी एयर स्ट्राइक का प्रयोग नहीं किया था। भारत को एक कमज़ोर देश समझा जाने लगा था जो लगातार आतंकी हमले झेलने को अभिशप्त है।

अब भारत अपनी इस छवि से बाहर आ चुका है। उसने दुनिया को दिखा दिया है कि यदि हम पर हमला हुआ तो हम हर संभव जवाबी कार्यवाही करेंगे। नरेंद्र मोदी द्वारा अपने सम्बोधनों में सवा सौ करोड़ भारतीयों का उल्लेख करना यह दर्शाता है कि केंद्र में एक मज़बूत सरकार कड़े फैसले लेने में सक्षम होती है। और यदि ऐसी सरकार एक से डेढ़ दशक तक भी सत्ता में रह जाती है तो देश की व्यवस्था में ऐसे बदलाव कर सकती है जिससे पाकिस्तान द्वारा छेड़े गए छद्म युद्ध से लंबे समय तक लड़ने की क्षमता विकसित की जा सके।

ऐसे में क्रिस्टीन फेयर का आकलन पूरी तरह सही नहीं है। हालाँकि लेख में उनका अपना मत है जिसे प्रकट करने के लिए वे पूरी तरह स्वतंत्र हैं। यह संभव है कि भारत में हिंदूवादी नेतृत्व का भय दिखाकर कुछ समय के लिए पाकिस्तानी फ़ौज अपनी जनता का असली रक्षक बनने का दिखावा करे लेकिन यह रणनीति दीर्घकाल तक कामयाब होगी इसकी संभावना नगण्य है।

क्रिस्टीन फेयर का एक और आकलन है कि जब भारत में कॉन्ग्रेस की सरकार होती है तब पाकिस्तानियों में कॉन्ग्रेस की जीत उस तरह से हिंदू अंध-राष्ट्रवादी भारत- जिसमें मुस्लिम हाशिये पर हों- का डर पैदा नहीं कर पाती है। यह तर्क देते हुए क्रिस्टीन फेयर यह भूल जाती हैं कि कॉन्ग्रेस की सरकार होने पर स्वयं भारत की सुरक्षा खतरे में पड़ जाती है। मुंबई हमले (26/11) के बाद मनमोहन सिंह की अकर्मण्यता इसकी गवाह है। जिस राष्ट्रीय सुरक्षा व्यवस्था की नींव अटल सरकार में रखी गई थी उसे मज़बूत संस्थागत स्वरूप देने में मनमोहन सरकार विफल रही थी।

मनमोहन सिंह ने प्रधानमंत्री रहते जिस प्रकार भारत-पाक के बीच सॉफ्ट बॉर्डर और सियाचिन के विसैन्यीकरण जैसी बातों पर अमल करना लगभग प्रारंभ ही कर दिया था उससे भारत की ही अखंडता और सुरक्षा पर प्रश्न खड़े हो गए थे। ऐसे में यह कहना कि कॉन्ग्रेस के राज में पाकिस्तान अधिक असुरक्षित होता है, तर्कसंगत नहीं लगता। पाकिस्तानी फ़ौज या डीप स्टेट की सबसे बड़ी ताक़त वह सामरिक विचारधारा है जो ब्रिगेडियर एस के मलिक की क़िताब “क़ुरानिक कंसेप्ट ऑफ़ वॉर” से निकलती है। इसका उल्लेख क्रिस्टीन फेयर ने भी अपनी पुस्तक में किया है।

भले ही आज पाकिस्तानी जनरलों के कब्जे में पाकिस्तान की सत्ता और अर्थतंत्र दोनों है लेकिन एक मज़बूत भारत की तरक्की और तल्ख़ी उन्हें अपनी जनता से अलग ही करती है। पाकिस्तान की जनता के भीतर भारतीयों से प्रतिस्पर्धा की भावना बहुत तगड़ी है। वे हर परिस्थिति में तेज़ी से आगे बढ़ते भारत से होड़ करना चाहते हैं। इसलिए हर चीज के लिए अपनी फ़ौज पर निर्भरता आने वाले दिनों में बढ़ने की अपेक्षा घटेगी ही।

पाकिस्तानी फ़ौज सरहदी इलाको में फोन कर जुटा रही है भारतीय सेना की जानकारी

एक ओर जहाँ पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान अपने प्रेस वक्तव्य के माध्यम से दुनिया के सामने भारत को शान्ति का सन्देश देने का ढोंग कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर पाकिस्तानी फ़ौज भारतीय सेना की जानकारी जुटाने लिए हर प्रयास कर रही है।

पाकिस्तान इस हद तक चला गया है कि सीमा के पास इलाके के लोगों को फोन करके भारतीय आर्मी से जुड़ी सूचनाएँ जुटाने की कोशिश कर रहा है। भारत-पाक के बीच बने नाजुक हालात के बीच पाकिस्तान की सेना राजस्थान के लोगों को फोन कर भारतीय सेना की लोकेशन और गुप्त सूचनाएँ इकट्ठा करने की कोशिश कर रही है। यह मामला राजस्थान के श्रीगंगानगर का है। श्रीगंगानगर भारत-पाकिस्तान के अंतरराष्ट्रीय सीमा पर राजस्थान के 4 सरहदी जिलों में से एक है।

रिपोर्ट्स के अनुसार, श्रीगंगानगर की ग्राम पंचायत सोमासर के सरपंच पति राकेश बिश्नोई के पास बुधवार (फरवरी 27, 2019) सुबह साढ़े बजे 13 डिजिट के नम्बर से एक फोन कॉल आया। फोन करने वाले उससे भारतीय सेना की लोकेशन पूछी। इंटरनेट के जरिए फोन करने वाले ने राकेश से पूछा कि भारतीय सेना अभी क्या कर रही है? सेना के जवान बॉर्डर के आस-पास हैं या नहीं? राकेश के अनुसार वे बॉर्डर इलाके के जिले में रहने के कारण अपनी जिम्मेदारी बखूबी जानते हैं। इसलिए फोन करने वाले को उन्होंने भारतीय सेना के बारे में कुछ भी नहीं बताया।

हालाँकि, अभी इस बात की पुष्टि नहीं हुई है कि राकेश के पास आया फोन कॉल पाकिस्तानी सेना का ही है। लेकिन जिले के एसपी हेमंत शर्मा ने कहा कि भारत-पाक के बीच तनाव को देखते हुए ऐसे फोन कॉल्स किसी के भी पास आ सकते हैं। अगर किसी के पास भी ऐसे फोन आते हैं, तो वे भारतीय सेना से जुड़ी कोई भी जानकारी किसी के साथ साझा न करें।

गत 14 फरवरी को जम्मू कश्मीर के पुलवामा में आतंकी हमला करने के बाद 26 फरवरी को भारतीय वायुसेना की कड़ी कार्रवाई के बाद बौखलाए पाकिस्तान ने आज अपनी वायुसेना के तीन F-16 लड़ाकू विमान भारतीय सीमा में भेजे। लेकिन फिर भारतीय वायुसेना की त्वरित कार्रवाई के बाद एक F-16 को मार गिराया गया, जो पाकिस्तान के लाम घाटी में जाकर गिरा।

कॉन्ग्रेस ने की चन्द्रशेखर आज़ाद की पुण्यतिथि पर भगत सिंह की फ़ोटो ट्वीट

रॉबर्ट वाड्रा की पत्नी प्रियंका गाँधी वाड्रा की रैली में भीड़ दिखाने के लिए ट्विटर पर फ़ेक तस्वीरों का सहारा लेने वाली कॉन्ग्रेस प्रवक्ता प्रियंका चतुर्वेदी आज एक बार फिर अपनी मूर्खता का परिचय देते हुए नजर आईं। आज का कारनामा ये था कि उन्होंने चंद्रशेखर आज़ाद की पुण्यतिथि के अवसर पर भगत सिंह की फ़ोटो ट्वीट कर डाली।

प्रियंका चतुर्वेदी ने अपने अधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट करते हुए लिखा, “दुश्मन की गोलियों का हम सामना करेंगे, आज़ाद ही रहे हैं आज़ाद ही रहेंगे।” लेकिन चंद्रशेखर आज़ाद जी के बलिदान दिवस पर विनम्र नमन लिखते हुए उन्होंने जो फ़ोटो इस्तेमाल किया वो दरअसल है भगत सिंह का। हालाँकि, उन्हें अपना ट्वीट आज एक बार फिर डिलीट करना पड़ा।

उनके इस ट्वीट के बाद ट्विटर पर उनकी जमकर आलोचना हो रही है। मिथुन चक्रवर्ती के पैरोडी एकाउंट ने प्रियंका चतुर्वेदी से विनती करते हुए कहा की वो कृपया गाँधी परिवार की ग़ुलामी तक सीमित रहें और बलिदानी आत्माओं का अपमान ना करें।

एक अन्य ट्विटर यूजर ने महात्मा गाँधी जैसे दिखने वाले एक शख्स की तस्वीर पोस्ट करते हुए लिखा, “प्रियंका सो डम्ब।”

‘द स्किन डाक्टर’ (@theskindoctor13) नाम के ट्विटर हैंडल ने बॉलीवुड कलाकारों की तस्वीर पोस्ट करते हुए बताया कि प्रियंका चतुर्वेदी के अनुसार ये मंगल पांडेय, भगत सिंह और अरविंद केजरीवाल हैं।

कॉन्ग्रेस पार्टी प्रवक्ता के इस मूर्खतापूर्ण कारनामे पर मजाक करते हुए ‘स्मोकिंग स्किल्स’ (@SmokingSkills) नाम के एक ट्विटर हैंडल ने सचिन तेंदुलकर की पायलट ड्रेस वाली फ़ोटो को ‘सचिन पायलट’ बताते हुए प्रियंका पर निशाना साधा।

कॉन्ग्रेस के लिए इस तरह के कारनामे अब आम हो चुके हैं। साल 2015 में कॉन्ग्रेस नेता अजय माकन चंद्रशेखर आजाद के ही जन्मदिन पर भगत सिंह की तस्वीर को फेसबुक पर पोस्ट कर ‘नमन’ कर चुके हैं।

Pak उप-उच्चायुक्त को विदेश मंत्रालय ने बुलाया, पायलट के वापसी की कोशिशें हुईं तेज

आज 27 फ़रवरी की सुबह पाकिस्तान के विमानों ने भारतीय सीमा का उल्लंघन किया। जवाबी कार्रवाई में भारतीय वायु सेना ने उनका F-16 लड़ाकू विमान मार गिराया। सीमा पर ऐसे हालात के बाद कश्मीर का पूरा एयर फील्ड सील कर दिया गया है।

जिसकी पुष्टि करते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा, “पाकिस्तान का एक विमान इंडियन एयरफोर्स के द्वारा मार गिराया गया। इस ऑपरेशन में हमारा एक मिग क्षतिग्रस्त हो गया और विमान के पायलट मिसिंग हैं।” पाकिस्तान की वायु सेना ने भारतीय रक्षा ठिकानों को निशाना बनाते हुए आज सुबह हमला किया।

पाकिस्तान ने यह दावा किया है कि मिसिंग पायलट उनके कब्जे में है। और अब नई सूचना यह है कि दिल्ली में पाकिस्तान के उप-उच्चायुक्त सैयद हैदर शाह को विदेश मंत्रालय ने तलब किया है।

अभी तक इस बात की पुष्टि नहीं हो पाई है कि उप-उच्चायुक्त हैदर शाह को तलब करने की वजह क्या है? लेकिन कयास यह लगाया जा रहा है कि विदेश मंत्रालय ने अपनी तरफ से मिसिंग पायलट की पुष्टि, उसकी सलामती और उसकी वापसी के कोशिशों के तहत तलब किया है।

चीन और रूस आतंकवाद के ख़िलाफ़ भारत के साथ, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर Pak बिलकुल अकेला

चीन के वू-चेन में भारत, रूस और चीन के विदेश मंत्रियों की हुई बैठक में आतंकवाद पर लगाम लगाने को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की बड़ी जीत हुई है। तीनों देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक के बाद जो घोषणापत्र जारी किया गया, उसमें आतंकवाद और आतंकी ठिकाने नष्ट करने का स्पष्ट संदेश दिया गया।

तीनों देश के मंत्रियों ने आतंकवाद के सभी प्रारूपों की कड़ी निंदा की। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से संयुक्त राष्ट्र के नेतृत्व में आतंकवाद विरोधी ‘ग्लोबल काउंटर टेररिज्म कोऑपरेशन’ को मजबूत करने का निवेदन किया। उन्होंने उचित संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) के प्रस्तावों पर अमल करने की भी अपील की। तीनों नेताओं ने संयुक्त राष्ट्र के नियमों और अंतररष्ट्रीय क़ानून के तहत सभी देशों की स्वतन्त्रता और सम्प्रभुपता की रक्षा करते हुए आतंकवाद के ख़िलाफ़ अविलम्ब एक समग्र सहमति विकसित करने की भी बात कही। वे इस बात पर सहमत हुए कि राष्ट्र और उनकी योग्य एजेंसियाँ राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आतंकवाद के ख़िलाफ लड़ाई में एक अहम किरदार निभाती है। तीनों मंत्रियों ने इस बात पर भी बल दिया कि आतंकवाद का इस्तेमाल राजनीतिक व भू-राजनीतिक (Geopolitical) हितों को साधने के लिए नहीं होना चाहिए।

आतंकी गतिविधियों का जो भी समर्थन करता है या उसे बढ़ावा देता है, ऐसी संस्थाओं और देशों को आतंकवाद के ख़िलाफ़ वर्तमान के अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत जवाबदेह माना जाए। इन कानूनों में यूएन ग्लोबल काउंटर-टेररिजम, यूएन सिक्यॉरिटी काउंसिल रेजोल्यूशन और FATF स्टैंडर्ड के अलावा ऐसी अंतरराष्ट्रीय संधियों को भी शामिल करना चाहिए, जिसमें प्रत्यर्पण और सज़ा का भी प्रावधान है।

जाँच व बातचीत के लिए तैयार, समझते हैं पुलवामा का दर्द: इमरान ख़ान

भारतीय वायुसेना द्वारा पाकिस्तान के भीतर आतंकी ठिकानों पर एयर स्ट्राइक करने के बाद पाकिस्तान ने आज बुधवार (फरवरी 27, 2019) को जवाबी हमला किया। भारतीय विदेश मंत्रालय के अनुसार, पाकिस्तान ने भारतीय मिलिट्री इंस्टॉलेशंस को निशाना बनाया। जबकि पाकिस्तान के अनुसार उन्होंने खाली जगह पर हमला कर अपनी शक्ति का प्रदर्शन किया। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने अपने देश को सम्बोधित करते हुए कहा:

“मैं कल सुबह से अभी तक हुए घटनाक्रम को लेकर देश को विश्वास में लेना चाहता था। पुलवामा (आत्मघाती हमला) में जो कुछ हुआ उसके बाद हमने भारत को शांति की पेशकश की। मैं उन परिवारों के दर्द को समझता हूँ, जिन्होंने पुलवामा में परिवार के सदस्यों को खो दिया। मैंने अस्पतालों का दौरा किया है और हिंसा से प्रभावित लोगों के दर्द को नज़दीक से देखा है।”

पुलवामा हमले के बाद अपने पाकिस्तान द्वारा की गई कथित पेशकश के बारे के बारे में बात करते हुए इमरान ख़ान ने कहा:

“हमने भारत को प्रस्ताव दिया कि हम जाँच करेंगे। हम सहयोग करना चाहते थे और ऐसा करने के लिए तैयार थे। मुझे डर था कि भारत इसके बावजूद भी कार्रवाई करेगा, और मैंने इसलिए भारत को आक्रामकता दिखाने के ख़िलाफ़ चेतावनी दी थी।”

पाक पीएम ने कहा कि वह अधिकारियों से बात कर भारत द्वारा किए गए एयर स्ट्राइक में हुए नुक़सान रहे थे। बकौल ख़ान, ये प्रक्रिया पूरी करने के बाद पाकिस्तानी सेना ने जवाबी कार्रवाई की। आज के घटनाक्रम पर बोलते हुए ख़ान ने कहा:

“हमारी कार्रवाई केवल यह बताने के लिए थी कि यदि आप हमारे देश में आ सकते हैं, तो हम भी ऐसा कर सकते हैं। हमारे एयर स्पेस में भारतीय जेट पीछा करते आ गए थे, हमारी कार्रवाई में उनके (भारत) दो मिग को मार गिराया गया। यहाँ से, यह जरूरी है कि हम अपने दिमाग का उपयोग करें और बुद्धिमता के साथ कार्य करें।

इमरान ख़ान ने प्रथम विश्व युद्ध का उदाहरण देते हुए कहा कि उसे हफ़्तों में ख़त्म हो जाना चाहिए था लेकिन 6 वर्ष लग गए। ख़ान ने आतंकवाद के ख़िलाफ़ चल रही लड़ाई के बारे में कहा कि इसे 17 वर्षों तक नहीं खिंचना चाहिए था। उन्होंने कहा कि भारत और पाकिस्तान के पास मौजूद हथियारों को देखते हुए स्थिति बदतर होने पर प्रधानमंत्री मोदी और उनके (इमरान)- दोनों के ही हाथ से बाहर निकल सकती है।

अंत में उन्होंने बातचीत की वकालत करते हुए एक साथ बैठने की बात कही। इमरान ख़ान ने कहा कि वह जाँच और बातचीत के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि वह पुलवामा हमले के दुःख और दर्द को समझते हैं।

DAC ने उठाया बड़ा क़दम, ₹2,700 करोड़ के रक्षा उपरकणों की ख़रीद को मिली मंज़ूरी

भारतीय वायुसेना की ओर से मंगलवार की रात को पीओके में की गई एयर स्ट्राइक के बाद से ही भारत-पाकिस्तान बीच तनाव बढ़ गया है। इस बढ़े तनाव के चलते भारत ने अपनी रक्षा प्रणाली को और मज़बूत करने के उद्देश्य से अहम फ़ैसला लिया है। इसके लिए रक्षा अधिग्रहण परिषद् (DAC) ने रक्षा उपकरणों को लेकर सरकार ने बड़ा क़दम उठाया है। जानकारी के अनुसार, 2,700 करोड़ रुपए के रक्षा उपकरणों को ख़रीदने के लिए मंजूरी दे दी गई।

बता दें कि रक्षा सौदों के लिए सर्वोच्च निर्णय लेने वाली संस्था परिषद की बैठक की अध्यक्षता रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने की। संस्था द्वारा भारतीय नौसेना के लिए तीन कैडेट प्रशिक्षण जहाज़ों की ख़रीद के लिए स्वीकृति प्रदान की गई है। इसका इस्तेमाल महिला अंडरट्रेनी अधिकारियों सहित कैडेट अधिकारियों को आधारभूत समुद्री प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए किया जाएगा। ये जहाज़ के मानवीय सहायता, आपदा राहत के अलावा राहत-बचाव मिशन और ग़ैर लड़ाकू निकासी अभियानों को संचालित करने में पूरी तरह से सक्षम होंगे।

भारतीय वायु सेना की एयर स्ट्राइक के बाद से पाकिस्तान इस ताक में है कि भारत से इस कारर्वाई का बदला ले और इसके लिए उसने धमकी भी दी है कि वो भारत को किसी भी क्षण जवाब दे सकता है। ख़बरो से ख़ुलासा हुआ है कि बढ़े तनाव के चलते भारत की सेना को हाईअलर्ट पर रखा गया है। पाकिस्तान के बॉर्डर से लगे गाँवों पर विशेष रूप से निगरानी रखी जा रही है। जम्मू के राजौरी और किश्तवाड़ ज़िले में सभी स्कूलों को बंद रखने का आदेश दिया गया है।

PAK के जेट को IAF ने मार गिराया, भारतीय मिग क्षतिग्रस्त, पायलट मिसिंग : विदेश मंत्रालय

सर्जिकल स्ट्राइक-2 के बाद दोनों तरफ हलचल तेज है। सभी के अपने अनुमान है। क्या है सही तस्वीर, मौजूदा हालातों की जानकारी देने के लिए विदेश मंत्रालय की मीडिया ब्रीफिंग हुई।

आज 27 फ़रवरी की सुबह पाकिस्तान के विमानों ने भारतीय सीमा का उल्लंघन किया। जवाबी कार्रवाई में भारतीय वायु सेना ने उनका F-16 लड़ाकू विमान मार गिराया। सीमा पर ऐसे हालात के बाद कश्मीर का पूरा एयर फील्ड सील कर दिया गया है।

जिसकी पुष्टि करते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा, “पाकिस्तान का एक विमान इंडियन एयरफोर्स के द्वारा मार गिराया गया। इस ऑपरेशन में हमारा एक मिग क्षतिग्रस्त हो गया और विमान के पायलट मिसिंग हैं।” पाकिस्तान की वायु सेना ने भारतीय रक्षा ठिकानों को निशाना बनाते हुए आज सुबह हमला किया।

ये ऑफिसियल स्टेटमेंट है।

विदेश मंत्रालय प्रवक्ता रवीश कुमार ने भारतीय पायलट के मिसिंग की पुष्टि की। भारतीय पायलट को हिरासत में लेने का दावा आज पाकिस्तानी आर्मी ने किया है।

बडगाम में तकनीकी कारणों से भारतीय हेलिकॉप्टर क्रैश, पाक ने कहा उनका हाथ नहीं

जम्मू-कश्मीर के बडगाम में भारतीय वायुसेना का ट्रांसपोर्ट हेलिकॉप्टर एमआई-17 तकनीकी कारणों से क्रैश हो गया। इस दुःखद हादसे में दोनों ही पायलट वीरगति को प्राप्त हो गए। ख़बरों के अनुसार, हैलीकॉप्टर अपने नियमित उड़ान पर निकला था जिसके बाद ये दुर्घटना हुई। इस बारे में विशेष जानकारी देते हुए बडगाम के एसएसपी ने कहा:

“भारतीय वायुसेना की तकनीकी टीम घटनास्थल पर पहुँच रही है। इसके बाद ही पूरी जानकारी मिलेगी। हमें दो शव मिले हैं। इस घटना में दो लोगों की मृत्यु हो गई। हेलीकॉप्टर बडगाम के गारेंद कलां गाँव के पास खुले मैदान में सुबह 10 बजकर पाँच मिनट पर दुर्घटनाग्रस्त हुआ।”

हेलिकॉप्टर दुर्घटना के दौरान दो हिस्सों में टूट गया और उसमे आग लग गई। आग के कारण इलाक़े में काला धुआँ छा गया। अभी तक दोनों मृतकों की पहचान नहीं हो सकी है। कई ख़बरों में इसे भारत और पाकिस्तान के बीच चल रहे चल रहे तनाव से जोड़ कर देखा जा रहा था लेकिन अब ख़ुद पाकिस्तान ने इस हादसे से किसी भी प्रकार का वास्ता होने की ख़बरों को नकार दिया है।

हादसे के बाद पाकिस्तान के इंटर सर्विस पब्लिक रिलेशन के डायरेक्टर जनरल (DG ISPR) मेजर जनरल आसिफ़ गफ़ूर ने कहा कि उन्हें भारतीय चॉपर के बडगाम में क्रैश होने की ख़बर मिली है और पाकिस्तान का इस से कोई वास्ता नहीं है।

बता दें कि पाकिस्तान के कुछ पत्रकारों ने अफवाह उड़ाना शुरू कर दिया था कि इस हैलीकॉप्टर दुर्घटना के पीछे पाकिस्तानी सेना का हाथ है। आसिफ़ गफ़ूर के बयान के बाद सोशल मीडिया में लोगों ने ऐसी अफवाह उड़ाने वालों को जम कर लताड़ लगाई।

कई लोगों को संदेह था कि भारतीय लड़ाकू विमान मिग-21 दुर्घटनाग्रस्त हुआ है। बता दें कि यह मिग-21 लड़ाकू विमान नहीं बल्कि एमआई-17 नामक ट्रांसपोर्ट चॉपर है।