बड़ी ख़बर
‘चूल्हा जलई ले नाले से पिया, नाला मा बड़ी आग है’… चाय के बाद अब बन रहा खाना
प्लांट लगाने में करीब साढ़े 3 लाख का ख़र्च आया। हेमंत ने बताया कि यहाँ लगाए गए चूल्हे पर बने खाने को रोज़ाना शाम को 6 से 8 बजे तक ज़रूरतमंद बच्चों को बाँटा जाता है।
Mann Ki Baat: 2019 में PM मोदी के पहले रेडियो संदेश की ABCD
प्रधानमंत्री ने कहा कि 29 जनवरी को सवेरे 11 बजे ‘परीक्षा पे चर्चा’ कार्यक्रम के ज़रिए वो देश भर के विद्यार्थियों के साथ बातचीत करेंगे।
‘प्रियंका गाँधी को मानसिक बीमारी, हिंसक होकर लोगों को पीटती है’
ऐसा कयास लगाया जा रहा है कि प्रियंका गाँधी 4 फरवरी को कुंभ मेले में गंगा में डुबकी लगाने के बाद अपने राजनीतिक करियर की औपचारिक शुरुआत कर सकती हैं।
₹5,650 करोड़ से चीन पर नज़र: हिंद महासागर में ड्रैगन को घेरने की तैयारी
इस योजना की समीक्षा राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल की अध्यक्षता वाली डिफेंस प्लानिंग कमिटी ने भी की थी, जिसमें तीनों सेनाओं के प्रमुख भी शामिल हुए थे।
राष्ट्रीय शक्ति का प्रतीक भारत का न्यूक्लियर ट्रायड
"जल थल और नभ से परमाणु हथियार दागने की क्षमता को हम न्यूक्लियर ट्रायड विकसित कर लेने की संज्ञा देते हैं।"
CBI और ED का जालः मेहुल चोकसी को वेस्ट इंडीज से लाने के लिए जहाज तैयार!
चोकसी ने अपनी भारतीय कंपनियों – ‘गीतांजलि जेम्स’, ‘गिल इंडिया’ और ‘नक्षत्र’ के बढ़े हुए आयात संबंधी दस्तावेज़ प्रस्तुत करके पीएनबी बैंक को धोखा दिया है।
ऑल्ट न्यूज़ वाला प्रतीक सिन्हा: दोमुँहापन, नंगई और बेहूदगी का पर्याय
वैसे प्रतीक सिन्हा के कुकर्मों की शृंखला से यह संभावना तो लगती नहीं कि इसमें सुधार की गुंजाइश है, फिर भी उम्मीद पर दुनिया क़ायम है।
अगर ‘JNU कांडियों’ और नम्बी नारायणन में से आप सिर्फ़ पहले वालों को जानते हैं, तो समस्या आपके साथ है
नम्बी नारायणन को प्रिंसटन यूनिवर्सिटी से अपनी डिग्री पूरी करने में मात्र 10 महीने लगे थे। मात्र 10 महीने? जेएनयू के ‘सेलेब्रिटी छात्रों’ ने अकेले टीवी स्टूडियो में ही 10 महीने से अधिक समय बिता दिया होगा।
प्रतीक सिन्हा की घटिया करतूत और इस्लामी कट्टरपंथियों की धमकी के पीड़ित नवयुवक का ट्विटर अकाउंट सस्पैंड
जिस पीड़ित पर हिंसक हत्या से लेकर परिवार को भद्दी गालियाँ देते हुए कई ट्विटर अकाउंट साफ़ दिख रहे हैं, उसी को ट्विटर ने सस्पैंड कर दिया है। ट्विटर की कार्यप्रणाली लोगों की समझ से बाहर है!
कहानी वैज्ञानिक नाम्बी नारायणन की जिन्हें केरल की राजनीति ने बर्बाद किया
अमेरिका भारत को क्रायोजेनिक तकनीक देने से मना कर चुका था और रूस से भी अब कोई उम्मीद नहीं थी। फिर भी, नाम्बी नारायणन और शशि कुमार इस प्रोजेक्ट पर काम कर रहे थे।