Monday, February 24, 2025

मीडिया हलचल

एक ‘राहुल जी’ की नजर को बेताब, दूजी टिकट की आस में बौराई… प्रज्ञा मिश्रा और नेहा सिंह राठौर ई का बा

एक 'पत्रकार' तो दूसरी 'लोकगायिका' के नकाब में बलजोरी करती हैं। जब कोई आलोचना करता है दोनों महिला वाला विक्टिम कार्ड निकाल लेती हैं।

एकता का गला रेता, समोसे में बीफ, कंडोम, पत्थर और गुटखा डाल कर खिलाया, आरफा खानम शेरवानी को दिक्कत – हमारे कौम वालों का...

एकता नाम की जिस हिन्दू महिला का बेरहमी से कत्ल कर दिया गया, उसके लिए आरफा के मन में कोई सहानुभूति नहीं है। दिक्कत खबर छापने वाले से है। समोसे में गोमांस, या पत्थर, कंडोम और गुटखा डाल कर खिलाने वालों के भी वो समर्थन में हैं।

‘निष्पक्ष’ नाचते राजदीप सरदेसाई: मिला सिर्फ 2 मिनट का इंटरव्यू… लेकिन विपक्ष की ढोल बजा पत्रकारिता की पुच्छी में लगाई आग

नरेंद्र मोदी विभिन्न माध्यमों से जनता से संचार करते हैं, फिर भी वो 'तानाशाह' हैं। MK स्टालिन 3 साल में 2 मिनट का इंटरव्यू देकर भी 'जननेता' हैं। अन्नामलाई को लेकर राजदीप सरदेसाई ने इस इंटरव्यू में एक शब्द भी नहीं पूछा।

‘पाकिस्तान में आतंकियों को मरवा रहा है भारत’: चुनाव के समय ‘प्रोपेगेंडा’ खड़ा करने चला था हिंदू विरोधी विदेशी मीडिया, आम लोगों में PM...

द गार्जियन ने आर्टिकल लिखा था ये सोचकर कि इससे मोदी सरकार पर सवाल उठेंगे लेकिन सवाल उठना तो दूर, लोग अब पीएम मोदी की जमकर तारीफ कर रहे हैं।

रमजान में हिंदू बच्चों के हत्यारे को बचाने निकली RJ सायमा निभा रही मुस्लिम ब्रदरहुड, ‘काफिर’ अजीत अंजुम लेकिन क्यों कर रहा ऐसा?

आरजे सायमा का मतलब इससे नहीं है कि बदायूँ में जो हुआ वो किस कारण हुआ, उनका मकसद है कि कैसे लोग इस पर बात करना बंद करें कि हत्यारा साजिद है।

टाइम बम बनवाने वाली इमराना बेगम TOI के लिए पीड़ित, दिखा ‘मुजफ्फरनगर का घाव’: लादेन को ‘अच्छा पिता और पति’ बनाने वाला मीडिया अब...

क्या आपको पता है कि जहाँ सचिन के शरीर पर पोस्टमॉर्टम के दौरान 17 और गौरव के शरीर पर 15 गहरे घाव मिले थे? उनकी हत्या निर्मम तरीके से की गई थी।

मुस्लिम औरतों के लिए 3 महीने का ‘इद्दत’, सागरिका जी ने 3 साल का रखा, इसलिए TMC से जायज माना जाए राजदीप सरदेसाई की...

कभी राज्यसभा की सीट कबूल नहीं करने की मुनादी करने वाली सागरिका घोष ने अब बताया है कि क्यों टीएमसी का ऑफर कबूल करना उनके लिए जायज है।

हल्द्वानी जल गया, पर रवीश कुमार की नहीं बुझी है प्यास: चाहते हैं अब मौके पर पहुँचकर आग भड़काए विपक्ष, दंगाइयों की बने ढाल

रवीश कुमार विपक्ष को सलाह दे रहे हैं कि वो वहाँ जाकर आग को और भड़काए। क्या इतना खून काफी नहीं है? न्यायालय भी अब सांप्रदायिक हो गया?

डियर आरफा, एक बार तेल लगाकर डाबर का DNA निकाल लो बाबर का, फिर सीने में नहीं चुभेगा भगवा

आरफा, जब तक आप खुद को बाबर से जोड़कर देखेंगी तब तक आपको भगवा चुभेगा ही चुभेगा। आप नहीं समझ पाएँगी कि इस धरती पर राम मंदिर का महत्व क्या है।

‘न्यूजलौंडी’ वालो, जन्नत की टपरी पर 72 हूरों के साथ शराब कब बहाओगे?

फालतू डिस्क्लेमर डाल कर पौराणिक पात्रों का मजाक बनाने वाला 'न्यूजलॉन्ड्री' क्या इस्लाम, जन्नत, 72 हूरों और दारू की नदी पर व्यंग्य करेगा? यहाँ तो तथ्य कहने पर 'सर तन से जुदा' हो जाता है, सोचिए व्यंग्य पर क्या होगा।

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