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मीडिया से जुड़ी ख़बरों पर नज़र
गोहत्या मामलों में भाजपा से अच्छा खेल रहे हैं कमलनाथ
15 वर्षों तक सत्ता में रही भाजपा सरकार ने गो-माता सम्बन्धी अपराधों में ज्यादा ध्यान नहीं दिया, वहीं गाय माता के प्रति CM कमलनाथ भाजपा से ज्यादा संवेदनशील हैं और गो हत्या के मामलों पर बिलकुल भी नरमी बरतने के मूड में नहीं दिख रहे हैं।
पत्रकारिता के समुदाय विशेष के लोगो! मोदी के वीडियो से जलता है बदन क्या?
अगर वहाँ एक भी व्यक्ति था, चाहे वो कश्मीर का हो, या कहीं बाहर का, उसे देखकर मोदी ने अभिवादन किया तो इन पत्रकारों की देह में आग क्यों लग रही है?
‘जी ले जी ले मेरे यार, जेब खाली तो उधार जी ज़िन्दगी’
फ़ोटो की सबसे खास बात है कि बच्चे जिस 'यंत्र' से सेल्फ़ी क्लिक कर रहे हैं, वो कोई स्मार्टफ़ोन नहीं, बल्कि एक ‘चप्पल’ है।
कश्मीरी आतंकियों ने 25 साल की लड़की को गोली मारी, 10 सेकेंड का वीडियो वायरल
कश्मीर में इस प्रकार की यह पहली घटना नहीं है, नवंबर 2018 को शोपियां जिले के निकलोरा गाँव में 17 वर्षीय नदीम मंज़ूर की गोलियों से छलनी लाश मिली थी।
‘उरी’ से हमारी जली, ‘मणिकर्णिका’ से हुए धुआँ-धुआँ: कट्टर वामपंथी गिरोह एवं एकता मंच
आज तक इस निर्धारित पैटर्न में होता यह था कि 'संप्रदाय विशेष' हमेशा दोस्ती के लिए जान देने को तैयार दिखाया जाता था। ब्राह्मण और पुजारी को व्यभिचारी, बनिया को हेरफ़ेर करने वाला दिखाया जाता रहा था। तब तक इस गिरोह को कभी समस्या नहीं हुई थी।
एमजे अकबर #MeToo केस: अदालत ने प्रिया रमानी को समन किया
#MeToo: एमजे अकबर द्वारा दायर किए गए मानहानि के मुक़दमे में अदालत ने प्रिया रमानी को आरोपित मानते हुए उन्हें 25 फरवरी को कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया है।
AltNews के संस्थापक प्रतीक सिन्हा, फ़ैक्ट-चेक की आड़ में कितना गिरोगे?
साइबर क्राइम की बात होने पर कानून और स्पष्ट कानूनी ढाँचे के अभाव में, प्रतीक सिन्हा जैसे लोगों का ऑनलाइन स्टॉकिंग और उत्पीड़न जैसे अपराधों में शामिल होने के बाद भी बच निकलना आसान हो जाता है।
लोकसभा चुनाव : MOTN सर्वे के मुताबिक उत्तर भारत में NDA के लिए UPA नहीं होगी बड़ी चुनौती
सर्वे में इस बात की भी चर्चा है कि यदि सपा व बसपा यूपीए का हिस्सा होता तो एनडीए को नुकसान होता।
ECIL ने कहा सैयद शूजा कभी भी ECIL में कार्यरत नहीं था
अपने एक लाइव प्रसारण में सैयद शूजा नाम का यह व्यक्ति बता रहा था कि उसने 2009 से लेकर 2014 तक ECIL के लिए काम किया था और उस पर 4 दिन पहले हमला किया गया था।
रोज़गार कहाँ हैं? सिर्फ़ ऑटो और प्रोफ़ेशनल सेक्टर ने दी 1.8 करोड़ नौकरियाँ
सिर्फ दो सेक्टर ने इतने लोगों को नौकरियाँ दी हैं, जबकि मुद्रा लोन, इन्फ़्रास्ट्रक्चर सेक्टर से लाखों लोगों को काम देने की बात या स्वरोज़गार करते लोगों की संख्या आदि का कोई आधिकारिक या सरकारी आँकड़ा न होने के कारण ये कहना आसान हो जाता है कि ये ग्रोथ 'जॉबलेस' या रोज़गारहीन है।