सामाजिक मुद्दे
घिसी-पिटी और पॉलिटिकली करेक्ट लाइन से अलग और बेबाक बातें
बेगानी कामयाबी में बिहारी दीवाना, UPSC टॉपर शुभम कुमार के बहाने कुछ कड़वी बातें
अजीत झा -
UPSC में शुभम की इस सफलता से बिहार के उन सभी विश्वविद्यालयों के सत्र नियमित हो जाएँगे जो 3 साल की डिग्री देने में 5-6 साल भी लगा देते हैं?
केरल में बचाओ-बचाओ, कर्नाटक में चाहें खुला मैदान: भोले-भाले हिंदुओं को मिशनरियों के रहम पर नहीं छोड़ सकती सरकारें
धर्मांतरण को लेकर अब सरकारें केवल चिंता व्यक्त कर काम नहीं चला सकतीं। वे इस चुनौती का मुकाबला कैसे करती हैं, इस पर हिंदू समाज की दृष्टि रहेगी।
जिस राजस्थान में सबसे ज्यादा रेप, वहाँ की पुलिस भेज रही गंदे मैसेज-चौकी में भी हो रही दरिंदगी: कॉन्ग्रेस है तो चुप्पी है
NCRB 2020 की रिपोर्ट के मुताबिक राजस्थान में जहाँ 5,310 केस दुष्कर्म के आए तो वहीं उत्तर प्रेदश में ये आँकड़ा 2,769 का है।
हिजाब में माँ दुर्गा… और अभिव्यक्ति के नाम पर लिबरलों की ढिठाई का मारा सहिष्णु हिंदू: आखिर कब तक चलेगा ये सब?
इसे विडंबना ही कहेंगे कि हिंदू जिस त्यौहार में माँ दुर्गा के शक्ति रूप की पूजा करते हैं उसी त्यौहार के बहाने उन्हीं माँ दुर्गा को एक कलाकार हिजाब में दिखा रहा है।
चलती से दौड़ती हिंदी, 1965 वाली बिंदी नहीं रही अब हिंदी: एक-दूसरे से जुड़े हिंदुस्तान, हिंदी भाषा और हिंदी का बाजार
संविधान सभा ने 14 सितंबर 1949 को हिंदी को राजभाषा का दर्जा प्रदान किया। इसी स्मृति में प्रतिवर्ष 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जाता है।
भारत की भाषा संबंधी बहस में हिंदी की भूमिका: मातृभाषा के लिए श्यामा प्रसाद मुखर्जी से लेकर अमित शाह तक का योगदान
हिंदी सभी भारतीय भाषाओं में सबसे व्यापक रूप से बोली जाने वाली भाषा है। यह एक एकीकृत भाषा के रूप में कार्य कर सकती है और गैर-देसी ज़बानों की भूमिका को बदल सकती है।
सभी धर्मों, उत्पीड़ितों और शरणार्थियों वाला स्वामी विवेकानंद का संदेश… अफगानिस्तान और US दोनों पर लागू
आज हमें विवेकानंद के 128 वर्ष पूर्व दिए उस संदेश को याद करने की आवश्यकता है, जो संसार को सहिष्णुता तथा सार्वभौम स्वीकृति की शिक्षा देता है।
भारतीय लिबरलों की बंदर बैलेंसिंग यूॅं ही नहीं, हिंदूफोबिया के काटों का नया आका है तालिबान
भारतीय लिबरलों का आचरण इस बात को बल देता है कि आज इस्लामिक आतंकवाद के साथ वैचारिक कन्धा मिलाकर खड़ा होने में जिन्हें शर्म नहीं, वे भविष्य में सामरिक कंधा देने के लिए खड़े हो जाएँ तो आश्चर्य न होगा।
समाज जिसे बालिका कहता है, तालिबानी कबीलाई कानून में वो सिर्फ ‘योनि’ है: टैगोर के ‘काबुलीवाला’ के बहाने बात इस्लामी आतंक की
हमें एक ऐसा संगठन दिखाई देता है जिसके लिए स्त्री एक योनि से अधिक कुछ है ही नहीं! वो इस बात की पैरोकारी करते हैं कि लड़कियों को शिक्षा भी नहीं दी जानी चाहिए।
भारत आए पाकिस्तानी हिंदुओं की दशा क्या? गैर-मुस्लिम शरणार्थियों पर AAP सरकार को कोर्ट ने क्यों दिया निर्देश?
दिल्ली हाईकोर्ट ने केजरीवाल सरकार को पड़ोसी देशों में प्रताड़ित होने के कारण भारत आए और दिल्ली में रह रहे हिंदुओं का पूरा ध्यान रखने को कहा है।