मोदी सरकार को सवालों को घेरे में लेने के लिए विपक्षी नेता हमेशा इंतजार में रहते हैं इस क्रम में कई बार वो झूठी और पुरानी खबरें भी साझा करने से नहीं चूकते। इस बार ऐसा ही कुछ ऐसा ही हुआ। अखिलेश यादव ने अपने सोशल मीडिया पर एक स्क्रीनशॉट शेयर करके गुजरात के शिक्षा मॉडल पर सवाल खड़े किए और फिर अरविंद केजरीवाल भी उसी के आधार पर गुजरात की शिक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़ा करने लगे। हालाँकि, बाद में दोनो नेताओं की किरकिरी तब हुई जब सोशल मीडिया पर लोग इसे फेक न्यूज कहने लगे।
अखिलेश यादव ने अपने ट्वीट में लिखा था- गुजरात मॉडल ही फ़ेल हो गया… गुजरात में 157 स्कूलों में 10वीं की बोर्ड परीक्षा में एक भी छात्र पास नहीं हुआ। भाजपा हटाएॉँगे, भविष्य बचाएँगे!
गुजरात मॉडल ही फ़ेल हो गया… गुजरात में 157 स्कूलों में 10वीं की बोर्ड परीक्षा में एक भी छात्र पास नहीं हुआ।
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) April 12, 2025
भाजपा हटाएंगे, भविष्य बचाएंगे! pic.twitter.com/koGFpTfwuS
इस ट्वीट को अरविंद केजरीवाल ने भी आगे बढ़ाया। उन्होंने ट्वीट किया कि भाजपा पूरे देश को अनपढ़ रखना चाहती है। उन्होंने ट्वीट में लिखा- ये गुजरात मॉडल है। ये बीजेपी मॉडल है जो ये पूरे देश में लागू करना चाहते हैं। ये डबल इंजन मॉडल है। पूरे देश को ये अनपढ़ रखना चाहते हैं। आप मुझे एक राज्य बता दीजिए जहाँ इनकी सरकार हो और इन्होंने वहाँ शिक्षा का कबाड़ा ना किया हो। इसी मॉडल के तहत अब ये दिल्ली की शिक्षा व्यवस्था को भी ध्वस्त करने में लगे हैं।
ये गुजरात मॉडल है। ये बीजेपी मॉडल है जो ये पूरे देश में लागू करना चाहते हैं। ये डबल इंजन मॉडल है।
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) April 13, 2025
पूरे देश को ये अनपढ़ रखना चाहते हैं। आप मुझे एक राज्य बता दीजिए जहाँ इनकी सरकार हो और इन्होंने वहाँ शिक्षा का कबाड़ा ना किया हो।
इसी मॉडल के तहत अब ये दिल्ली की शिक्षा व्यवस्था… https://t.co/idza3RVeCu
दोनों नेताओं के ट्वीट को पढ़कर लग रहा है कि जैसे ये नतीजे इस बार के हैं जबकि जब खबर को सर्च किया गया तो पता चला गुजरात बोर्ड ने तो 10वीं परीक्षा के इस वर्ष नतीजे ही अभी नहीं घोषित किए। इसे लेकर कई नेटिजन्स ने दोनों नेताओं को लताड़ा भी। वो लिंक खोजकर दिए जिसमें कहा गया है कि बोर्ड परीक्षा का रिजल्ट 11 मई तक आएगा।

अब रही बात इसकी कि अगर इस बात नतीजे नहीं आए तो दोनों नेताओं ने झूठ कैसे फैलाया, तो बता दें कि ये खबर 2 साल पुरानी यानी 2023 के नतीजों की है। दो साल बाद इस खबर को विवाद की तरह दिखाना साफ दिखाता है कि इनका उद्देश्य राजनीति के अतिरिक कुछ नहीं है।
अखिलेश यादव जी, गुजरात मॉडल को कोसने से पहले ज़रा उत्तर प्रदेश की अपनी विरासत भी याद कर लेते—जहां आपकी सरकार में नकल माफिया का राज था और परीक्षा से ज़्यादा धंधा चलता था।
— Prof. Sudhanshu 𝕋ℙ𝕊🚩 (@ProfSudhaanshu) April 12, 2025
गुजरात बोर्ड का ये परिणाम सिस्टम में पारदर्शिता और नकल मुक्त परीक्षा की पहचान है, न कि विफलता। यहाँ फर्जी…
लोग इस तरह के हथकंडे आजमाने पर अखिलेश यादव को उनका समय याद दिला रहे हैं जब नकल कराकर परीक्षा लिए जाने के मामले चर्चा में होते थे। लोग पूछ रहे हैं कि उन खबरों को क्यों नहीं शेयर करते जिसमें सीढ़ी लगाकर बच्चों को नकल कराई जाती थी।