Tuesday, October 8, 2024
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हल्के में न लें सर्दी, खाँसी, बुखार… H3N2 वायरस से अब तक देश में 2 मौतें: हरियाणा में 10 संक्रमित मिले, स्वास्थ्य मंत्री ने ‘सतर्क’ रहने को कहा

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा है कि मार्च के अंत तक H3N2 फ्लू के केसों में कमी आएगी। डॉक्टरों के मुताबिक अधिकतर संक्रमित लोगों का इलाज 1 सप्ताह में पूरा हो जाता है लेकिन हाई रिक्स वाले मरीजों को अधिक सतर्कता की जरूरत है। इस बीमारी के फैलने का तरीका कोविड-19 से मिलता-जुलता है।

भारत में H3N2 इन्फ्लुएंजा से संक्रमित 2 लोगों की मौत की जानकारी सामने आई है। पहली मौत कर्नाटक के हासन जिले में हुई। मृतक की उम्र 82 साल थी। 1 मार्च 2023 को उनकी मौत हुई थी। दूसरी मौत 10 मार्च को हरियाणा में हुई। इन दोनों मौतों के बाद शुक्रवार (10 मार्च 2023) को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने विभिन्न राज्यों को सतर्कता बरतने की एडवाइजरी जारी की है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पहली मौत कर्नाटक के हासन जिले में हीरा गौड़ा नामक व्यक्ति की हुई है। इसी माह 1 मार्च को हुई इस मौत में 5 दिनों के बाद 6 मार्च को आई रिपोर्ट के मुताबिक मृतक H3N2 फ्लू से संक्रमित था। 82 वर्षीय हीरा गौड़ा 24 फरवरी 2023 को अस्पताल में भर्ती हुए थे। हीरा गौड़ा की मौत के बाद जिले में अभी तक कोई अन्य संक्रमित नहीं मिला है।

कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री के. सुधाकर ने भी एच3एन2 मामले में राज्य के अधिकारियों की बैठक में बताया है कि केंद्र सरकार की तरफ से प्रत्येक सप्ताह 25 टेस्ट्स का टारगेट है। के. सुधाकर H3N2 संक्रमण 15 साल से छोटे बच्चों और 65 साल से ज्यादा उम्र के लोगों में अधिक देखा जाता है।

वहीं प्रदेश में हुई 1 मौत की पुष्टि के बाद हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने 10 मार्च 2023 (शुक्रवार) बताया कि पूरे राज्य में अब तक H3N2 फ्लू से संक्रमित कुल 10 लोगों की पहचान हुई है। उन्होंने लोगों से न घबराने की अपील करते हुए कहा कि राज्य सरकार सभी जरुरी कदम उठा रही है।

इस मामले में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा है कि मार्च के अंत तक H3N2 फ्लू के केसों में कमी आएगी। डॉक्टरों के मुताबिक अधिकतर संक्रमित लोगों का इलाज 1 सप्ताह में पूरा हो जाता है लेकिन हाई रिक्स वाले मरीजों को अधिक सतर्कता की जरूरत है। इस बीमारी के फैलने का तरीका कोविड-19 से मिलता-जुलता है।

डॉक्टर रणदीप गुलेरिया के मुताबिक मास्क पहनना, सोशल डिस्टेंस बना कर रखना और हाथों को लगातार धोना ही इस बीमारी का बेहतर बचाव है। डॉक्टर के मुताबिक इस बीमारी से प्रभावित हुए हाई रिस्क के लोगों, खास कर बुजुर्गों के लिए वैक्सीन मौजूद है।

इस बीमारी के लक्षणों में लगातार खांसी, बुखार, ठंड लगना, सांस फूलना और घरघराहट, मतली, गले में खराश, शरीर में दर्द और दस्त शामिल हैं। इसमें से किसी भी लक्षण के दिखने पर मरीजों को डॉक्टर से मिलने की सलाह दी गई है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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