Thursday, May 2, 2024
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धोनी की तारीफ से हरभजन सिंह किलसे, फैन पर निकाली खुंदस: बोले- हाँ, उसने अकेले जिताए वर्ल्ड कप

हरभजन के खीझ भरे ऐसे ट्वीट को देखने के बाद सोशल मीडिया पर यूजर्स अपनी अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। कोई कह रहा है कि आज जाकर हरभजन ने मन की भड़ास निकाली है तो कोई कह रहा है कि उन्होंने नशे में दिल की बात बोल दी है।

महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी के लिए उनकी तारीफ होना सोशल मीडिया पर कोई नया नहीं हैं। उनके फैंस अक्सर उनके बनाए रिकॉर्ड्स को सोशल मीडिया पर साझा करते ही रहते हैं। 11 जून को भारत के WTC फाइनल हारने के बाद कुछ लोगों को फिर धोनी की कप्तानी की याद आ गई और उन्होंने वो समय याद करना शुरू कर दिया जब महेंद्र सिंह धोनी की सूझबूझ से भारत ने कई टूर्नामेंट जीते। हालाँकि, ट्विटर पर धोनी की होती तारीफ पूर्व क्रिकेटर हरभजन सिंह को रास नहीं आई और ट्वीट करके उन्होंने अपनी खुंदस निकाली।

यूजर पर भड़के हरभजन सिंह

एक यूजर ने धोनी के लिए लिखा, “कोई कोच नहीं था, कोई मेंटर नहीं था, सारे नए लड़के थे, बड़े खिलाड़ियों ने खेलने से मना कर दिया था, पहले कभी कप्तानी नहीं की थी…. फिर भी इस शख्स ने सेमीफाइनल्स में ऑस्ट्रेलिया को हराया और कप्तान बनने के 48 दिन में टी 20 वर्ल्ड कप जीता।”

इस कमेंट पर हरभजन सिंह ने लिखा, “हाँ जब ये मैच खेले गए थे तो यह युवा लड़का भारत से अकेले खेल रहा था। बाकी 10 नहीं.. इतना अकेले होकर उन्होंने विश्व कप ट्राफियाँ जीतीं.. विडंबना यह है कि जब ऑस्ट्रेलिया या कोई अन्य देश विश्व कप की सुर्खियाँ जीतता है तो कहता है कि ऑस्ट्रेलिया या आदि देश जीत गए। लेकिन जब भारत जीतता है तो कहा जाता है कि कप्तान जीत गया, यह एक टीम खेल है। एक साथ जीतें एक साथ हारते हैं।”

यूजर्स ने लिए मजे

हरभजन के खीझ भरे ऐसे ट्वीट को देखने के बाद सोशल मीडिया पर यूजर्स अपनी अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। कोई कह रहा है कि आज जाकर हरभजन ने मन की भड़ास निकाली है तो कोई कह रहा है कि उन्होंने नशे में दिल की बात बोल दी है।

मधुर सिंह लिखते हैं, “आज भज्जी ने 2 पेग ज्यादा मार लिए हैं। कल सुबह बेचारा रिग्रेट करेगा। नशे में दिल की बात बोल गया अब पूरा देश गाली दे रहा है।”

आरायांश ने हरभजन को धोनी की क्वालिटी गिनवाई। उन्होंने कहा, “कम से कम उन्होंने कभी ग्राउंड पर किसी को थप्पड़ नहीं मारा। उनके जाने के बाद अब भी ये 10 खिलाड़ी आईसीसी ट्रॉफी नहीं ला पाए। तुम्हारे जैसे दोस्त होते हुए ये इतना शांत रहे कि भारत को कई जीत दिलाई।”

मेजर नील नाम के यूजर्स हरभजन से पूछते हैं, “हम लोग 2007 के टी 20 फाइनल की बात कर रहे हैं, तो आप बताओ आपने आखिरी ओवर में बॉल क्यों नहीं डाला था। कई क्रिकेटरों ने बताया कि आपने बॉल डालने से मना कर दिया था। इसलिए धोनी ने जोगिंदर को बॉल दिया ये जानते हुए कि अगर पाकिस्तान जीती तो फाइनल ओवर के कारण सारे आरोप उन पर लगेंगें।”

एक यूजर ने लिखा, हम हमेशा आभारी है धोनी के कि उन्होंने 2007 में लास्ट ओवर डालने का मौका जोगिंदर शर्मा को दिया, हरभजन सिंह को नहीं।

जब हरभजन की जगह जोगिंदर शर्मा को दिया धोनी ने लास्ट ओवर

बता दें कि साल 2007 के जिस टी 20 मैच पर हरभजन सिंह को लेकर यूजर्स सुना रहे हैं। उस मैच में धोनी के पास आखिरी ओवर कराने के लिए हरभजन सिंह और जोगिंदर शर्मा का विकल्प था। लेकिन इस मैच के 17वें ओवर में हरभजन की गेंदों पर मिस्बाह उल हक ने 3 छक्के मारे थे और इसी के बाद धोनी ने बड़ा जोखिम लेते हुए जोगिंदर शर्मा को फाइनल ओवर दिया था। मैच आखिरकार भारत ने जीता। लेकिन धोनी के इस फैसले पर बहुत सवाल उठे। इस पर धोनी ने कहा भी हरभजन श्योर नहीं थे कि उनकी योर्कर सही होगी या नहीं इसलिए उन्होंने जोगिंदर को बॉलिंग दी थी।

जोगिंदर जब गेंद करने आए तो पहले एक वाइड और एक डॉट बॉल गई। फिर दूसरी गेंद पर छक्का दे दिया। सबको लगा कि शायद धोनी ने गलत फैसला ले लिया। मगर तभी अगली गेंद गई और स्कूप शॉट खेलने की कोशिश में मिस्बाह कैच आउट हो गए। अब इसी मैच की बात छेड़ते हुए लोग कह रहे हैं कि धोनी का फैसला सही था। वरना हरभजन ने तो उस समय मन बना ही लिया था कि भारत को न जिताने का।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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