Sunday, April 2, 2023
Homeविविध विषयअन्य'मैं सन्न हूँ... वह मेरी आँखें थी': वानखेड़े में सचिन के पहले मैच में...

‘मैं सन्न हूँ… वह मेरी आँखें थी’: वानखेड़े में सचिन के पहले मैच में स्कोरर थे सुहास, अब कोरोना ने किया ‘नेत्रहीन’

कुछ दिन पहले सुहास और उनकी पत्नी दोनों कोरोना संक्रमित हुए थे। ठाणे के अस्पताल में दोनों इलाज चला। सुहास तो ठीक हो गए, लेकिन उनकी पत्नी वेंटिलेटर सपोर्ट पाने के बाद भी बच नहीं सकीं।

कोरोना संक्रमण ने कई लोगों से जीने का सहारा छीन लिया। ऐसे ही लोगों में से एक हैं ठाणे के सुहास मराठे। सुहास पेशे से क्रिकेट के आँकड़ों, रिकॉर्ड आदि को संकलित (स्टैट्समैन) करने का काम करते हैं। लेकिन पिछले दिनों जब उनकी पत्नी सुचेता ने कोविड के कारण दम तोड़ दिया तो वह भी बुरी तरह टूट गए।

ऐसा नहीं है कि सुहास मराठे, पत्नी के गुजरने के बाद होश खो बैठे या उनके भीतर काम करने की इच्छा नहीं बची। उनके सामने परेशानी ये है कि वह नेत्रहीन हैं और इतने सालों से पत्नी ही उनके पास आँखें बनकर साथ-साथ थीं। आज जब सुचेता जा चुकी हैं तो वह कहते हैं, “मैं सन्न हूँ। टूट गया हूँ। वह मेरी आँखें थी।”

मिड-डे की रिपोर्ट के अनुसार, 69 वर्षीय सुहास मराठे की सुचेता से शादी 38 साल पहले हुई थी। सुहास को बाईं आँख से शुरुआत से ही नहीं दिखता था। लेकिन 2002 में कॉर्निया ट्रांसप्लांट के बाद वह पूरी तरह नेत्रहीन हो गए। अपनी पत्नी को याद करते हुए सुहास कहते हैं, “मेरी पत्नी अखबार और मैग्जीन पढ़कर मेरी मदद करती थी। उसने विभिन्न प्रकाशनों में आँकड़ों को संकलित करने में मेरी मदद की थी।”

सुहास मराठे के बारे में बता दें कि 1992-1993 में जब सचिन तेंदुलकर ने वानखेड़े स्टेडियम में अपना पहला टेस्ट मैच खेला तो वह वहाँ ऑल इंडिया रेडियो मराठी कमेंट्री के स्कोरर थे। इसके अतिरिक्त भी कई मैचों में वे स्कोर संकलित करने का काम कर चुके हैं।

कुछ दिन पहले वह और उनकी पत्नी दोनों कोरोना संक्रमित हुए थे। ठाणे के अस्पताल में दोनों इलाज चला। सुहास तो ठीक हो गए, लेकिन उनकी पत्नी वेंटिलेटर सपोर्ट पाने के बाद भी बच नहीं सकीं। वह कहते हैं, “मुझे  इस समय खुद को मजबूत करना होगा। कुछ लोग इस समय बहुत-बहुत समर्थन दे रहे हैं जैसे, शिरिष कोंकार और उनके माध्यम से भारत के स्टैट्स गुरु मोहन मेनन से संवेदनाएँ पाकर भी अच्छा लगा।”

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

हिंसाग्रस्त बंगाल में BJP नेता की हत्या: अपराधियों ने पहले रॉड से कार का शीशा तोड़ा, उसके बाद अंधाधुन गोलियाँ बरसाईं, 2 साथी भी...

बंगाल में अज्ञात अपराधियों ने गाड़ी में साथियों के साथ जा रहे भाजपा नेता राजू झा की गोली मारकर हत्या कर दी। राजू को 5 गोली लगी हैं।

साहिबगंज में मूर्ति विसर्जन के वक्त छतों से पत्थरबाजी, पुलिसकर्मी घायल: रिपोर्ट का दावा- बाइक भी फूँकी गई

साहिबगंज घटना के दौरान जुलूस में शामिल लोगों के अलावा कुछ पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं। एक पुलिस की गाड़ी में भी आग लगाई गई है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -

हमसे जुड़ें

295,307FansLike
252,169FollowersFollow
415,000SubscribersSubscribe