कश्मीर में एक शख्स को मानव ढाल बनाकर सुर्खियों में आए मेजर लीतुल गोगोई की वरिष्ठता 6 महीने घटा दी गई है। साथ ही उनका तबादला भी जम्मू-कश्मीर से बाहर कर दिया गया। जानकारी के मुताबिक, गोगोई को कड़ी फटकार लगाते हुए सिर्फ पेंशन के लिए वरिष्ठता में छह महीने की कमी करने की सजा दी गई है। उनकी सामान्य तैनाती को लेकर उन पर लगे अनुशासनिक सतर्कता पाबंदी हटा ली गई है। मेजर गोगोई पर यह कार्रवाई महिला के साथ दोस्ती के मामले में हुई है।
Army sources: Army has awarded loss of six months seniority to Major Leetul Gogoi in the case related to meeting a lady source in a hotel in Srinagar on May 23, 2018. The officer is now being posted out of Kashmir Valley as he has completed his tenure there.
— ANI (@ANI) May 5, 2019
बता दें कि, मेजर गोगोई और उनके ड्राइवर समीर मल्ला को दो चीजों के लिए कोर्ट मार्शल में दोषी ठहराया गया। पहला, स्थानीय महिला से दोस्ती करने और दूसरा, ड्यूटी के दौरान ऑपरेशनल एरिया से दूर रहने के लिए। मल्ला को क्या सजा मिलेगी, इसका फैसला उनके कंपनी कमांडर पर सौंपा गया था, जिसमें उन्हें कड़ी फटकार लगाई गई है। मल्ला पर अवैध तरीके से गायब रहने का आरोप था। साल 2017 में, मल्ला की प्रादेशिक सेना में नियुक्ति हुई थी। उनकी तैनाती राष्ट्रीय राइफल्स के 53 सेक्टर में थी। राष्ट्रीय राइफल्स जम्मू-कश्मीर में आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई करता है।
गौरतलब है कि 23 मई 2018 को मेजर गोगोई और उनका ड्राइवर 18 साल की लड़की के साथ जबरन होटल में घुसने का प्रयास कर रहे थे। इस दौरान उनका होटल स्टाफ के साथ विवाद हो गया और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने उनको हिरासत में ले लिया। गोगोई और मल्ला के खिलाफ ‘समरी ऑफ एविडेंस’ फरवरी में पूरी की गई थी, जिसके बाद कोर्ट मार्शल की प्रक्रिया शुरू की गई। आर्मी कोर्ट ने आरोपी और गवाहों के बयान रिकॉर्ड किए और फिर बाद में उन्हें सजा सुनाई गई। बता दें कि, उस लड़की ने गवाही देने से मना कर दिया था और कहा था कि उसके द्वारा मजिस्ट्रेट के सामने दिए गए बयान को ही अंतिम बयान माना जाए। लड़की ने बताया था कि उसकी मेजर गोगोई के साथ दोस्ती फेक फेसबुक आईडी के जरिए हुई थी, जिसमें गोगोई ने अपना नाम उवैद अरमान बताया था।
मेजर गोगोई अप्रैल 2017 में चर्चा में आए थे। उस वक्त कश्मीर के बडगाम में उपचुनाव हो रहे थे। इसी दौरान कुछ पत्थरबाजों ने उनके काफिले पर हमला किया। जिससे बचने के लिए उन्होंने एक पत्थरबाज को अपनी गाड़ी पर बाँधकर उसे अपनी ढाल बनाया था।