महाराष्ट्र के अकोला जिले के बालापुर तालुका के लोहरा गाँव में एक दुखद घटना सामने आई है, जिसमें दो जनजातीय छात्र- प्रशांत ढेले और आनंद इंगले, को एक सहायक पुलिस इंस्पेक्टर द्वारा बेरहमी से पीटा गया। घटना 21 मार्च 2025 सुबह लगभग 7 बजे हुई। छात्रों की गलती बस इतनी थी कि उन्होंने व्हाट्सएप पर छत्रपति शिवाजी महाराज की तलवार संभाले एक तस्वीर साझा की थी। इसी स्टेटस पर नाराजगी जताते हुए इंस्पेक्टर गोपाल धोले, जो उरला पुलिस थाना में तैनात हैं, ने बिना किसी पूर्व चेतावनी के दोनों छात्रों को बुलाकर बुरी तरह पीटा।
स्थानीय समाचार पत्र ‘अजिंक्य भारत’ के अनुसार, पुलिस अधिकारी ने छात्रों पर डंडे से वार किया, जिसके चलते छात्रों को गंभीर चोटें आई। घटना के तुरंत बाद घायल छात्रों को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहाँ उनका इलाज जारी है। वहीं, छात्रों के माता-पिता और गाँव के लोग इस घटना से रोष में हैं।
बता दें कि घटना की सूचना मिलते ही लोहरा गाँव के करीब 50 से अधिक ग्रामीण मिलकर अकोला के एसपी कार्यालय पहुँचे। वहाँ उपस्थित लोगों ने इंस्पेक्टर धोले के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने और तत्काल सस्पेंड करने की माँग करते हुए शिकायत दर्ज कराई है। ग्रामीणों का कहना है कि पुलिस की यह कार्रवाई न सिर्फ अवैध है बल्कि पुलिस की ओर से अपनी शक्ति का दुरुपयोग भी है।
Shameful! Akola Police thrashed two Adivasi schoolboys just for keeping Chhatrapati Shivaji Maharaj’s image as a WhatsApp status. API Gopal Dhole had the guts to beat kids but not criminals!@CMOMaharashtra @Dev_Fadnavis @Devendra_Office pic.twitter.com/XqwUc3Ni2t
— 𝘼𝙢𝙤𝙡🪷(𝙈𝙤𝙙𝙞'𝙨 𝙁𝙖𝙢𝙞𝙡𝙮) (@archer_amol) March 23, 2025
स्थानीय हिंदू समाज के एक प्रमुख समूह, ‘सकाल हिंदू समाज’ ने भी एसपी कार्यालय के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया। वहाँ मौजूद हिंदू कार्यकर्ता राजीत गवांडे ने कहा, “यह अत्यंत निंदनीय है कि पुलिस अधिकारी हिंदू युवाओं को निशाना बना रहे हैं और उन्हें इस तरह बेरहमी से पीट रहे हैं। यदि इंस्पेक्टर धोले में इतनी हिम्मत है, तो वह अपने क्षेत्र में चल रहे अवैध रैकट और कसाईखानों को बंद करने का साहस भी दिखा सकते हैं।” उनके इस बयान से स्थानीय लोगों में नाराजगी और बढ़ गई है।
अकोला जिल्ह्यातील लोहारा येथील दोन तरुणांनी शिवजयंती निमित्त छत्रपती शिवाजी महाराजांचे स्टेटस ठेवले होते. मात्र, या स्टेटसमुळे कोणाच्या तरी धार्मिक भावना दुखावल्या गेल्याचा आरोप करत उरल येथील पोलिस आयुक्त गोपाल ढोले यांनी या तरुणांना बेकायदेशीर मारहाण केली.
— Vijay Agrawal (@VijayAgrawalBJP) March 21, 2025
छत्रपती शिवाजी pic.twitter.com/X5V7k2GPNM
घटना को लेकर सोशल मीडिया पर भी विरोध जताया जा रहा है। इस पूरे मामले ने न केवल स्थानीय लोगों के बीच गहरी नाराजगी पैदा की है, बल्कि पूरे राज्य में पुलिस बल के दुरुपयोग को लेकर प्रश्न उठने लगे हैं। कई राजनीतिक और सामाजिक दल इस घटना की कड़ी निंदा कर रहे हैं। स्थानीय प्रशासन और पुलिस विभाग से माँग की जा रही है कि वे इस मामले की निष्पक्ष जाँच करें और दोषियों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करें ताकि आम जनता का विश्वास फिर से बहाल हो सके।