पश्चिम बंगाल के शिक्षक भर्ती घोटाले में ममता बनर्जी की सरकार में मंत्री रहे पार्थ चटर्जी पर शिकंजा कसता जा रहा है। अर्पिता मुखर्जी ने दावा किया है कि उनके फ्लैट से प्रवर्तन निदेशालय (ED) को जो पैसा मिला है, वह चटर्जी का ही है। फ्लैट के जिस कमरे से ये पैसे मिले हैं, उधर कथित तौर पर अर्पिता को जाने की भी इजाजत नहीं थी।
पूछताछ में अर्पिता मुखर्जी ने बताया कि पार्थ चटर्जी के आदमी उनके यहाँ पैसे लाकर रखते थे। कभी-कभी चटर्जी खुद भी आते थे और कमरों में रखे पैसों की जाँच करते थे। अर्पिता का दावा है कि उन्हें उस कमरे में जाने की अनुमति नहीं थी, जहाँ पैसे रखे जाते थे। हालाँकि उन्हें यह पता था कि उनके घर में पैसे रखे गए हैं। लेकिन यह रकम कितनी है, इसके बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं थी।
अर्पिता ने इससे पहले बताया था कि पार्थ चटर्जी उनके घर को ‘मिनी बैंक’ की तरह इस्तेमाल करते थे। उल्लेखनीय है कि अर्पिता मुखर्जी के घरों पर छापे से अब तक तकरीबन 50 करोड़ नकदी और 5 किलो सोना बरामद होने की बात सामने आई है। इसके साथ ही अर्पिता के बेलघरिया फ्लैट की तलाशी के दौरान अधिकारियों को दो सेक्स टॉय भी मिले थे।
गौरतलब है कि बुधवार (27 जुलाई 2022) को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने अर्पिता मुखर्जी के दूसरे फ्लैट पर छापा मारा। यहाँ से ईडी को करीब 28.90 करोड़ रुपए कैश और 5 किलो सोना मिला। यह छापेमारी गुरुवार (28 जुलाई 2022) सुबह 4 बजे तक चली थी। अर्पिता मुखर्जी के फ्लैट में यह रकम टॉयलेट में छुपाकर रखी गई थी। इस रकम को गिनने के लिए ईडी के अधिकारियों को नोट गिनने की 3 मशीनें मँगवानी पड़ी। समाचार एजेंसी ANI ने बताया था कि अर्पिता मुखर्जी के बेलघरिया स्थित आवास से लगभग 29 करोड़ रुपए की नकदी मिली थी। इसे 10 ट्रक में भरकर एजेंसी साथ ले गई। इससे पहले 23 जुलाई को अर्पिता के एक अन्य घर से ED ने 21 करोड़ रुपए कैश बरामद किए थे।
पार्थ चटर्जी को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी मंत्री के पद से हटा दिया है। पार्थ तृणमूल कॉन्ग्रेस (TMC) के महासचिव के साथ-साथ उपाध्यक्ष भी थे। इसके अलावा, उनके पास तीन और जिम्मेदारियाँ थीं। ममता के भतीजे और TMC नेता अभिषेक बनर्जी ने कहा कि जाँच जारी रहने तक पार्थ को पार्टी से निलंबित किया गया है। अगर बेगुनाह साबित होते हैं तो वे पार्टी में फिर से आ सकते हैं।
बता दें कि पश्चिम बंगाल शिक्षा घोटाले की जाँच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) कर रही है। केंद्रीय एजेंसी ने पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग की सिफारिशों पर सरकार द्वारा प्रायोजित व सहायता प्राप्त स्कूलों में समूह ‘सी’ और ‘डी’ के कर्मचारियों व शिक्षकों की भर्ती में हुई कथित अनियमितताओं की जाँच शुरू की है। पार्थ चटर्जी उस समय शिक्षा मंत्री थे, जब घोटाला हुआ था। सीबीआई दो बार उनसे पूछताछ कर चुकी है। पहली बार पूछताछ 25 अप्रैल, जबकि दूसरी बार 18 मई को की गई थी।