ओडिशा के क्योंझार जेल से मिशनरी ग्राहम स्टेंस की हत्या के दोषी हिन्दू कार्यकर्ता महेन्द्र हेम्ब्रम रिहा कर दिए गए हैं। महेंद्र हेम्ब्रम को अच्छे आचरण के चलते 25 वर्ष की सजा काटने के बाद रिहा किया गया है। महेंद्र हेम्ब्रम स्टेंस की हत्या मामले में दारा सिंह के साथ आजीवन कारावास की सजा काट रहे थे। उनके रिहा होने के साथ ही मिशनरी ग्राहम स्टेंस की मारे जाने से पहले की हरकतें एक बार फिर सामने आ रही हैं। ग्राहम स्टेंस पर ईसाई धर्मांतरण करवाने के साथ ही महिलाओं का यौन शोषण करने के आरोप भी लगे थे।
जंगल के कैम्प में किया था शोषण
ग्राहम स्टेंस की हत्या के बाद उसके कुकर्मों के विषय में कोर्ट की सुनवाई में जानकारी सामने आई थी। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, 2003 में इस मामले की सुनवाई के दौरान एक महिला ने गवाही देते हुए बताया था कि ग्राहम स्टेंस ने कैसे उसका जंगल में यौन उत्पीड़न किया।
ग्राहम स्टेंस ने पीड़िता ने बताया था कि अगर वह उससे शारीरिक संबंध बनाएगी तो उसे फायदा होगा। पीड़िता ने बताया था कि ग्राहम स्टेंस ने उसे मनोहरपुर के पास जंगलों में बनाए गए एक कैम्प में बुलाया था। यह कैम्प ईसाई धर्मांतरण के लिए ही स्थापित किया गया था। यहाँ वह अपने पति के साथ पहुँची थी।
ग्राहम स्टेंस ने कैम्प में बुलाने के बाद उसके पति को एक अलग झोपड़ी में सोने का आदेश दिया था और उसे दूसरी झोपड़ी में अकेले सोने को कहा था। महिला ने बताया था कि उसने यह बात मान ली और अलग जगह पर आराम करने चली गई।
पीड़िता के बयान के अनुसार, ग्राहम स्टेंस रात में महिला की झोपड़ी में घुस आया और उससे आँखे बंद करके ध्यान लगाने को कहा। पीड़िता ने कोर्ट को बताया था कि इसके बाद ग्राहम उसके शरीर पर हाथ चलाने लगा और छेड़खानी करने लगा।
ग्राहम ने महिला से संबंध बनाने को कहा और इसके एवज में फायदा होने की बात कही। पीड़िता ने बताया था कि उसने ग्राहम स्टेंस की इस हरकत पर शोर मचा दिया था जिससे वह चला गया था। पीड़िता ने इस विषय में अपने पति और बाकी ग्रामीणों से भी बताया था।
पीड़िता के अनुसार, यह घटना 21 जनवरी, 1999 को हुई थी। पीड़िता और उसका पति इसके बाद यह कैम्प और मनोहरपुर इलाका छोड़ कर चले गए थे। इस घटना के एक दिन बाद ही रहस्यमयी तरीके से गाड़ी में आग लगने के चलते ग्राहम स्टेंस की मौत हो गई थी।
गोमांस खिलाने का किया था प्रयास
ग्राहम स्टेंस सिर्फ यौन उत्पीड़न ही नहीं करता था बल्कि वह हिन्दू मान्यताओं पर भी प्रहार करता था। यौन उत्पीड़न की ही पीड़ित महिला ने बताया था कि मनोहरपुर के जंगल में उसका यौन उत्पीड़न करने से पहले पति के साथ गोमांस खाने के लिए भी दबाव डाला गया था।
पीड़िता ने बताया था कि ग्राहम स्टेंस गोमांस खाने को ईसाइयत में धर्मांतरण के लिए जरूरी बताता था। कोर्ट में महिला के लगाए गए आरोपों को लेकर मामले की जाँच कर रही CBI ने कई सवाल पूछे थे। CBI के वकील ने पीड़िता के आरोप नकार भी दिए थे।
गाड़ी में जल कर मरा था ग्राहम स्टेंस
ग्राहम स्टेंस एक ईसाई मिशनरी था जो ऑस्ट्रेलिया से आया था। ग्राहम स्टेंस ओडिशा के क्योंझर और आसपास के जनजातीय इलाके में हिन्दुओं का धर्मांतरण करवाता था। ग्राहम स्टेंस का इस इलाके में काफी विरोध था। बताया जाता है कि 23 जनवरी की रात को ग्राहम स्टेंस एक चर्च के बाहर एक गाड़ी में अपने 2 नाबालिग बेटों के साथ सो रहा था।
आरोप है कि हिंदूवादी नेता दारा सिंह और महेंद्र हेम्ब्रम ने इस दौरान भीड़ को भड़का दिया था। इसी के बाद ग्राहम स्टेंस की गाड़ी में आग लग थी और उसकी बेटों के साथ जलकर मौत हो गई थी। यह भी आरोप है कि इस दौरान भीड़ ने ग्राहम को गाड़ी से भागने का मौका नहीं दिया।
इस मामले में 51 लोग आरोपित बनाए गए थे। लेकिन एक-एक करके 49 लोग बरी हो गए जबकि दारा सिंह और महेन्द्र हेम्ब्रम को दोषी करार दिया गया था। उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। महेन्द्र हेम्ब्रम ने खुद को जल्द रिहा किए जाने की याचिका डाली थी। उनका अच्छा आचरण देते हुए उन्हें 25 वर्ष बाद जेल से छोड़ दिया गया है।
दारा सिंह की ऐसी ही याचिका अभी लंबित है। इस याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने 6 जनवरी 2024 को दोषी दारा सिंह की रिहाई को लेकर दायर याचिका पर ओडिशा सरकार और CBI से जवाब माँगा था। हालाँकि, इस पर अभी कोई निर्णय हुआ है।