Monday, October 14, 2024
Homeदेश-समाजभगवान अयप्पा की पूजा के लिए पादरी ने छोड़ा पद, कर रहे 41 दिनों...

भगवान अयप्पा की पूजा के लिए पादरी ने छोड़ा पद, कर रहे 41 दिनों का ‘व्रत’: सबरीमाला मंदिर जाने से पहले मानने पड़ते हैं ये नियम

पादरी मनोज ने कहा कि दुनिया में हरेक समस्या का समाधान हो सकता है, अगर सभी धर्म एक ईश्वर की बात को समझ लें। ऐसे में दूसरे धर्म को जानने के लिए अपना धर्म छोड़ने की जरूरत नहीं है, क्योंकि सभी धर्मों का लक्ष्य मानव कल्याण है।

केरल के ईसाई पादरी रेव मनोज केजी इन दिनों चर्चा में हैं। उन्होंने भगवान अयप्पा के प्रसिद्ध सबरीमला मंदिर में पूजा करने का फैसला लिया है। इसके लिए वो 41 दिनों का ‘व्रत’ भी कर रहे हैं। उनके इस फैसले से चर्च खासा नाराज है। इसके बाद उन्होंने पादरी वाला अपना लाइसेंस लौटा दिया है।

हालाँकि, चर्च का कहना है कि उसने पादरी मनोज केजी का लाइसेंस सात माह पहले ही रद्द कर दिया है। अब वो कुछ भी करने के लिए स्वतंत्र है। चर्च ने उनके काम को धर्म विरोधी करार दिया है। इसके लिए चर्च ने उन्हें फटकार भी लगाई है।

कुछ दिन पहले प्राप्त की तुलसी की माला

मीडिया रिपोर्ट्स में के मुताबिक, फादर मनोज ने कहा कि ‘तत्वमसि’ दर्शन उन्हें अयप्पा के करीब लाया। इसके लिए वो छह दिन पहले तिरुवनंतपुरम में एक शिव मंदिर गए और वहाँ के पुजारी से मोतियों की माला भी प्राप्त की थी। ये माला भी सबरीमाला में दर्शन की प्रक्रिया से जुड़ा एक महत्वपूर्ण अनुष्ठान है।

भगवान अयप्पा के दर्शन के लिए कही ये बात

इस विवाद को लेकर फादर मनोज ने कहा कि ‘तत्वमसि’ दर्शन उन्हें अयप्पा के करीब लाया। उन्होंने कहा कि धर्म ही ईश्वर को अलग-अलग तरीकों से देखते हैं। सभी धर्म एक बात कहते हैं। ऐसे में ईश्वर को धर्म की सीमा तक सीमित नहीं किया जा सकता।

पादरी मनोज ने कहा कि दुनिया में हरेक समस्या का समाधान हो सकता है, अगर सभी धर्म एक ईश्वर की बात को समझ लें। ऐसे में दूसरे धर्म को जानने के लिए अपना धर्म छोड़ने की जरूरत नहीं है, क्योंकि सभी धर्मों का लक्ष्य मानव कल्याण है।

मनोज ने कहा, “जब चर्च को मेरे लक्ष्य के बारे में पता चला तो उसने कहा कि इस तरह का आचरण अस्वीकार्य है। मुझसे स्पष्टीकरण माँगा कि मैंने उसके सिद्धांतों और नियमों का उल्लंघन क्यों किया। इसलिए, स्पष्टीकरण देने के बजाय मैंने चर्च की ओर से मुझे दिया गया आईडी कार्ड और लाइसेंस लौटा दिया।”

पादरी मनोज को ये चीजें तब दी गई थीं, उन्होंने पादरी का पद संभाला था। बता दें कि 41 दिनों के उपवास के बाद एंग्लिकन पादरी फादर डॉक्टर मनोज सबरीमाला की तीर्थयात्रा पर निकलेंगे। वहाँ वे सभी अनुष्ठानों का लगन से पालन करेंगे और भगवान अयप्पा का आशीर्वाद ग्रहरण करेंगे। ।

सबरीमाला मंदिर की मान्यताएँ

सबरीमाला मंदिर भगवान अयप्पा को समर्पित है, जिन्हें विकास के देवता के रूप में जाना जाता है। भगवान अयप्पा को शिव और विष्णु के पुत्र के रूप में भी माना जाता है। मंदिर में भगवान अयप्पा को योगमुद्रा में बैठे हुए दिखाया गया है।

सबरीमाला मंदिर के लिए जाने वाले तीर्थयात्रियों को कई नियमों का पालन करना पड़ता है। तीर्थयात्रियों को 41 दिनों के लिए ब्रह्मचर्य का पालन करना पड़ता है, जिसमें वे मांस, मछली, शराब और अन्य वर्जित पदार्थों का सेवन नहीं कर सकते हैं। इसके अलावा, तीर्थयात्रियों को लोहे की वस्तुओं को छूने से बचना चाहिए।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

Searched termsKerala
ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

घुसपैठ कर हरियाणा में बसे ही नहीं हैं रोहिंग्या मुस्लिम, चला रहे मदरसे भी: मौलवी बोले- हम ब्लैक में म्यांमार से आए, भारत में...

हरियाणा के मुस्लिम बहुत मेवात क्षेत्र के नूहं में म्यामांर से आए हुए रोहिंग्या मुस्लिमों की एक बड़ी आबादी अवैध रूप से रह रही है।

कबाड़ का काम करने गया पुणे, अब मुंबई में बाबा सिद्दीकी की हत्या में धराया: कूरियर से शूटर्स को मिले हथियार-पैसे, लॉरेंस बिश्नोई के...

बाबा सिद्दीकी की हत्या को अंजाम देने वाले अपराधियों का संबंध कुख्यात लॉरेंस बिश्नोई गैंग से है। बिश्नोई गैंग ने फेसबुक पर हत्याओं की जिम्मेदारी ली है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -