वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 को लेकर देश में बहस तेज़ हो हो गई। वहीं, इसके विरोध के नाम पर हो रहे प्रदर्शनों में जमकर हिंसा हो रही है। इन प्रदर्शनों ने कानून और व्यवस्था की गंभीर चुनौतियाँ खड़ी कर दी हैं। दरअसल, वक्फ संशोधन कानून की संवैधानिकता को लेकर सुप्रीम कोर्ट में बहस चल रही है। इस बीच पश्चिम बंगाल में जारी हिंसा और इसके कारण हिंदुओं के हो रहे पलायन को सुप्रीम कोर्ट और महिला आयोग, दोनों ने गंभीरता से लिया है।
सुप्रीम कोर्ट में बुधवार (16 अप्रैल 2025) को मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना की अगुवाई में तीन सदस्यीय पीठ ने अधिनियम की संवैधानिकता को चुनौती देने वाली 70 से अधिक याचिकाओं पर सुनवाई शुरू की। इस दौरान मुख्य न्यायाधीश ने इस कानून के विरोध के नाम पर हो रही हिंसा पर गहरी चिंता जताई और कहा कि जब मामला अदालत में है, तब सड़कों पर हिंसा नहीं होनी चाहिए।
वहीं, सरकार का पक्ष रख रहे सॉलिसिटर जनरल (SG) तुषार मेहता ने भी हिंसा को दबाव की रणनीति करार बताया। दरअसल, वक्फ कानून को लेकर पश्चिम बंगाल में मुस्लिम बड़ी संख्या में सड़कों पर उतरे हैं और हिंसा को अंजाम दिया है। पिता-पुत्र सहित कई लोगों की हत्या कर दी गई है। लोग अपने घार-बार छोड़कर पड़ोसी झारखंड-बिहार में शरण ले रहे हैं।
NCW Forms Inquiry Committee to Probe Murshidabad Violence; Chairperson Vijaya Rahatkar to Personally Visit Affected Areas and Meet Survivors. pic.twitter.com/HMuimlOxxc
— IANS (@ians_india) April 16, 2025
इस बीच मुर्शिदाबाद और मालदा सहित कई जगहों पर जारी हिंसा में महिलाओं को निशाना बनाए जाने का राष्ट्रीय महिला आयोग ने संज्ञान लिया है। इसकी जाँच के लिए एक कमिटी गठित की गई है। आयोग की अध्यक्ष विजया राहतकर 18-19 अप्रैल को मालदा और मुर्शिदाबाद का दौरा करेंगी। आयोग की टीम स्थानीय प्रशासन, पीड़ित महिलाओं और उनके परिजनों से मुलाकात कर करेगी।