Wednesday, April 9, 2025
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कालीचरण महाराज गिरफ्तार, ‘धर्म संसद’ में गाँधी पर आपत्तिजनक टिप्पणी का आरोप: FIR के बाद कहा था– फाँसी दे दो, माफ़ी नहीं माँगूँगा

महाराज कालीचरण पिछले साल तब चर्चा में आए थे, जब मध्य प्रदेश के प्रसिद्ध भोजपुर शिव मंदिर में शिव तांडव स्त्रोत का गायन करते हुए उनका वीडियो वायरल हुआ था।

कालीचरण महाराज (Kalicharan Maharaj) गिरफ्तार कर लिए गए हैं। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार उन्हें मध्य प्रदेश के खजुराहो से गिरफ्तार किया गया है। उन पर छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में आयोजित ‘धर्म संसद’ में महात्मा गाँधी पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने का आरोप है। इसको लेकर उन पर रायपुर और महाराष्ट्र के पुणे में मामला दर्ज किया गया था। अब खबर आ रही है कि रायपुर पुलिस ने खजुराहो के एक होटल से उन्हें गिरफ्तार कर लिया है।

उनके खिलाफ रायपुर के टिकरापारा थाने में मामला दर्ज किया गया था। जिस ‘धर्म संसद’ में गाँधी को लेकर अपमानजनक बात की गई थी वह 26 दिसंबर 2021 को रायपुर के रावण भाटा मैदान में आयोजित की गई थी। आरोप है कि कालीचरण महाराज ने गाँधी की हत्या को जायज ठहराते हुए गोडसे को नमन किया था। कथित तौर पर उन्होंने मंच से कॉन्ग्रेस नेताओं की आलोचना करते हुए हिंदू नेता चुनने की बात भी श्रोताओं से कही। इसके अलावा उन्होंने इस्लाम को लेकर कहा था कि मुस्लिम देश पर कब्जा करना चाहते हैं।

अपने खिलाफ केस दर्ज होने के बाद कालीचरण महाराज ने YouTube चैनल के जरिए स्पष्टीकरण दिया था। इसमें कहा था कि उन्हें महात्मगा गाँधी के लिए कहे गए अपशब्दों का कोई पश्चाताप नहीं है। उन्होंने पूछा था कि महात्मा गाँधी ने हिन्दुओं के लिए किया ही क्या है? उन्होंने बताया कि किस तरह 14 वोट प्रधानमंत्री पद के लिए सरदार वल्लभभाई पटेल को मिले, लेकिन शून्य वोट वाले जवाहरलाल नेहरू को पीएम बना कर उन्होंने वंशवाद फैलाया।

उन्होंने कहा था कि अगर सरदार पटेल के हाथों में भारत की सत्ता गई होती तो हमारा देश आज जगद्गुरु होता और अमेरिका से भी आगे होता, लेकिन जनता के साथ विश्वासघात हुआ। उन्होंने कहा कि गाँधी चाहते तो भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव की फाँसी रुकवा सकते थे, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। कालीपुत्र कालीचरण महाराज ने गाँधी का तिरस्कार करने की बात करते हुए बताया कि कैसे उन्होंने अपनी लाश पर भारत का बँटवारा होने की बात कही थी, लेकिन पाकिस्तान और बांग्लादेश बन गया।

उन्होंने कहा था, “जब बँटवारा हुआ, तब गाँधी ज़िंदा थे। बँटवारे के दंगे में लाखों हिन्दुओं-सिखों को काट डाला गया। 27 लाख हिन्दुओं का नरसंहार हुआ ‘डायरेक्ट एक्शन डे’ के दिन जिन्ना द्वारा। पाकिस्तान की ट्रेनों से बोर के बोर भर कर हिन्दुओं की लाशें और महिलाओं के सामूहिक बलात्कार के बाद स्तन काट कर भेजे जा रहे थे। गाँधी अनशन कर रहे थे कि पाकिस्तान को 55 करोड़ रुपए दो। जब दंगा पीड़ित सिखों ने ठंड में मस्जिदों का श्री लिया, तब उन्हें बाहर निकाल कर मुस्लिमों को मस्जिदें सौंपने के लिए गाँधी ने अनशन किया। इसीलिए, मैं नफरत करता हूँ गाँधी से।” बता दें कि महाराज कालीचरण पिछले साल तब चर्चा में आए थे, जब मध्य प्रदेश के प्रसिद्ध भोजपुर शिव मंदिर में शिव तांडव स्त्रोत का गायन करते हुए उनका वीडियो वायरल हुआ था।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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