Thursday, May 2, 2024
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कर्नाटक के नए CM सिद्धारमैया के खिलाफ सरकारी टीचर ने लिखा FB पोस्ट, कुछ देर बाद सस्पेंड: प्रशासन ने कहा- नियमों के उल्लंघन पर हुई कार्रवाई

शिक्षक ने कहा कि कृष्णा के समय से लेकर शेट्टार तक मुख्यमंत्रियों द्वारा लिया गया ऋण 71,331 करोड़ रुपए था, लेकिन सिद्धारमैया के शासनकाल में यह 2,42,000 करोड़ रुपए तक पहुँच गया था। इस पोस्ट में लिखा है, “इसलिए उनके लिए मुफ्त उपहारों की घोषणा करना आसान है।”

कर्नाटक के चित्रदुर्ग जिले के कानुबेनहल्ली में एक सरकारी प्राइमरी स्कूल के एक शिक्षक को फेसबुक पोस्ट पर निलंबित कर दिया गया। शिक्षक का नाम शांतन मूर्ति है। टीचर के खिलाफ यह कार्रवाई सिर्फ इसलिए हुई है क्योंकि उन्होंने प्रदेश के नए मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की फ्री नीतियों के कारण बढ़ रहे कर्जे की पोल अपने पोस्ट में खोली थी।

जिस फेसबुक पोस्ट को लेकर उन पर यह कार्रवाई हुई है उसमें उन्होंने लिखा था पूर्व मुख्यमंत्रियों के कार्यकाल में कर्जा… एसएम कृष्णा के दौरान कर्ज 3590 करोड़ रुपए था। जबकि धरम सिंह के वक्त 15635 करोड़ रुपए, एचडी कुमारस्वामी के कार्यकाल में 3545 करोड़ रुपए, बीएस येदियुरप्पा के समय 25653 करोड़ रुपए, डीवी सदानंद गौड़ा के रहते 9464 करोड़ रुपए, जगदीश शेट्टार में 13464 करोड़ रुपए था। लेक‍िन सिद्धारमैया के कार्यकाल के दौरान यह कर्ज 2,42,000 करोड़ रुपए हो गया था।

शिक्षक ने अपने पोस्ट के जरिए बताया था कि कृष्णा के समय से लेकर शेट्टार तक मुख्यमंत्रियों द्वारा लिया गया ऋण 71,331 करोड़ रुपए था, लेकिन सिद्धारमैया के शासनकाल में यह 2,42,000 करोड़ रुपए तक पहुँच गया था। इस पोस्ट में लिखा था, “इसलिए उनके लिए (सिद्धारमैया) मुफ्त उपहारों की घोषणा करना आसान है।”

इस फेसबुक पोस्ट के आधार पर चित्रदुर्ग जिले के पब्लिक इंस्ट्रक्शन के डिप्टी डायरेक्टर के रविशंकर रेड्डी ने होसदुर्गा तालुक के ब्लॉक शिक्षा अधिकारी एल जयप्पा को शिक्षक को निलंबित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि टीचर ने ऐसा पोस्ट लिखकर कर्नाटक सिविल सेवा (आचरण) नियम-1966 का उल्लंघन किया है। उन्होंने यह भी कहा क‍ि श‍िक्षक के विरुद्ध आगे की कार्रवाई करने से पहले विभागीय जाँच करवाई जाएगी।

बता दें कि शिक्षक के खिलाफ हुई कार्रवाई का सोशल मीडिया पर काफी विरोध हो रहा है। लोग पूछ रहे हैं कि क्या ये फासीवाद नहीं है क्या जो केवल सीएम की आलोचना पर टीचर सस्पेंड कर दिया गया। यूजर्स का सवाल है कि अगर ऐसा कुछ भाजपा के शासनकाल में हुआ होता तो अब तक हल्ला मच जाता।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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