गुजरात की अहमदाबाद कोर्ट ने नाबालिग लड़की का यौन शोषण करने के आरोप में पीड़िता की माँ और उसके सौतेले पिता को 5 साल की सजा सुनाई है। पीड़ित लड़की ने अपने सौतेले पिता पर यौन शोषण करने का आरोप लगाया था। पीड़िता ने कहा था कि इसमें उसकी माँ भी सहयोग कर रही थी। पीड़ित नाबालिग लड़की यूट्यूबर है। उसने दोनों आरोपितों की हरकतों का वीडियो सबूत के तौर पर कोर्ट में पेश किया था।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अहमदाबाद के गेरतपुर की रहने वाली 17 वर्षीय यूट्यूबर ने दिसंबर 2021 में अपनी 52 वर्षीय माँ और 38 वर्षीय सौतेले पिता के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। पीड़िता महिला की चार बेटियों में सबसे छोटी है। उससे तीन बड़ी बहनों की शादी हो चुकी है। पीड़िता ने अपनी शिकायत में कहा था कि वह कोरोना महामारी के समय अपनी माँ के साथ रहने गई थी। वहाँ सौतेले पिता ने उसका यौन शोषण करना शुरू कर दिया था।
पीड़ित नाबालिग लड़की ने जब इसकी शिकायत अपनी माँ से की तो उसने अनसुना कर दिया। इसके साथ ही उसकी माँ ने कहा कि उसका सौतेला पिता जल्द ही उससे शादी कर लेगा। पीड़िता ने परेशान होकर अपने साथ हो रही घटना की जानकारी पड़ोसियों को दी। तब पड़ोसियों ने उससे अपनी माँ और सौतले पिता की हरकतों का वीडियो बनाने की सलाह दी।
इसके बाद जब सौतला पिता उसे गलत तरीके से छू रहा था, तब पीड़िता ने इसका वीडियो बना लिया। यही नहीं, उसने अपनी माँ का वीडियो भी रिकॉर्ड किया। वीडियो में माँ उसकी शादी होने तक इंतजार करने के लिए कह रही थी। इसके बाद पीड़िता ने वीडियो के बारे में पड़ोसियों को बताया। इस पर पड़ोसियों ने मामले की जानकारी पुलिस को दी।
पीड़िता के बयान और वीडियो फुटेज के आधार पर पुलिस ने 13 दिसंबर 2021 को पीड़िता की माँ और सौतेले पिता के खिलाफ आईपीसी (IPC) की धारा 354 और पॉक्सो एक्ट (Pocso Act) के तहत मुकदमा दर्ज किया था। मुकदमा दर्ज करने के बाद पुलिस ने दोनों को को गिरफ्तार कर लिया था।
वीडियो बना सबसे बड़ा सबूत
इस मामले की सुनवाई करते हुए विशेष पॉक्सो कोर्ट ने पीड़िता के बयान और वीडियो को सबूत मानते हुए कहा है कि आरोपित सौतेले पिता की हरकतों से यह साबित होता है कि वह अपने और पीड़िता के बीच संबंधों को ताक पर रखते हुए उसका यौन शोषण कर रहा था। भले ही पीड़िता उसकी सौतेली बेटी थी, लेकिन फिर वह एक बेटी ही है।
इसके बाद कोर्ट ने पीड़िता की माँ और सौतेले पिता पर नौ-नौ हजार रुपए का जुर्माना लगाते हुए 5 साल की सजा सुनाई। इसके साथ ही कोर्ट ने गुजरात सरकार को आदेश दिया है कि वह सहायता राशि के रूप में पीड़ित नाबालिग लड़की को 1 लाख रुपए प्रदान करे।