Friday, July 11, 2025
Homeदेश-समाज2004, 2010, 2012, 2025… नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर बार-बार क्यों मचती है भगदड़,...

2004, 2010, 2012, 2025… नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर बार-बार क्यों मचती है भगदड़, इस बार कैसे हुईं मौतें, क्या अचानक प्लेटफॉर्म बदला जाना कारण: जानिए सब कुछ

जनसंपर्क अधिकारी हिमांशु शेखर उपाध्याय ने बताया, "यह दुखद घटना उस वक्त घटी, जब पटना की ओर जाने वाली मगध एक्सप्रेस नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर 14 पर खड़ी थी, और जम्मू की ओर जाने वाली उत्तर संपर्क क्रांति प्लेटफॉर्म नंबर 15 पर खड़ी थी। इस दौरान प्लेटफॉर्म 14-15 की ओर आ रहा एक यात्री सीढ़ियों पर फिसल कर गिर गया, और उसके पीछे खड़े कई यात्री इसकी चपेट में आ गए।"

नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़ घटना में 18 लोगों की जान चली गई और 10 लोग घायल हो गए। पहले बताया जा रहा था कि रेलवे स्टेशन पर भगदड़ वाला माहौल 15 फरवरी की रात तब बना जब 9:55 के करीब सूचना आई कि प्रयागराज जाने वाली एक ट्रेन दूसरे प्लैटफॉर्म पर है। उसी समय प्लैटफॉर्म नंबर 14, 15 पर खड़े होकर इंतजार कर रहे यात्री तेजी से भागे और स्थिति बिगड़ती गई। हालाँकि बाद में उत्तर रेलवे के जनसंपर्क अधिकारी ने बताया कि ये घटना एक यात्री के पैर फिसलने के बाद हुई।

उत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी हिमांशु शेखर उपाध्याय ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया, “यह दुखद घटना उस वक्त घटी, जब पटना की ओर जाने वाली मगध एक्सप्रेस नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर 14 पर खड़ी थी, और जम्मू की ओर जाने वाली उत्तर संपर्क क्रांति प्लेटफॉर्म नंबर 15 पर खड़ी थी। इस दौरान प्लेटफॉर्म 14-15 की ओर आ रहा एक यात्री सीढ़ियों पर फिसल कर गिर गया, और उसके पीछे खड़े कई यात्री इसकी चपेट में आ गए।”

उन्होंने बताया कि इस घटना की उच्च स्तरीय समिति द्वारा जाँच की जा रही है। कोई भी ट्रेन रद्द नहीं की गई, न ही प्लेटफॉर्म में कोई बदलाव किया गया… प्लेटफॉर्म पर स्थिति अब सामान्य है। सभी ट्रेनें अपने सामान्य समय पर चल रही हैं…”

भारतीय रेलवे ने इस घटना के बाद पीड़ितों को मुआवजा देने की घोषणा की है। मृतकों के परिजनों को 10 लाख रुपए का मुआवजा दिया जाएगा। गंभीर रूप से घायल लोगों को 2.5 लाख रुपए और मामूली रूप से घायल लोगों को 1 लाख रुपए का मुआवजा मिलेगा।

इस मामले की जाँच के लिए दो सदस्यीय समिति भी गठित की गई है। इसमें पीसीसीएम (रेलवे के प्रधान मुख्य वाणिज्य प्रबंधक), उत्तर रेलवे नरसिंह देव और पीसीएससी उत्तर रेलवे पंकज गंगवार शामिल हैं। समिति ने एनडीएलएस रेलवे स्टेशन के सभी वीडियो फुटेज को सुरक्षित करने का आदेश दिया है।

नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर जुटी भीड़

2004, 2010, 2012 में भी हुई थी भगदड़

बता दें कि ये पहली बार नहीं है कि नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़ मची हो। इससे पहले भी साल 2004, 2010 और 2012 में अलग-अलग कारणों से नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़ मची थी, जिसमें कई लोगों की जान गई थी।

नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर जुटी भीड़

साल 2004 में छठ के मौके पर भीड़ देखी गई थी। सबको घर लौटना था। प्लेटफॉर्म पर हर जगह लोग थे। अचानक से उस समय ट्रेन के दूसरे प्लेटफॉर्म पर होने की जानकारी लोगों को मिली और भगदड़ मचने लगी। इस घटना में 11 लोग घायल हुए थे और 5 लोगों की मौत हो गई थी।

नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर जुटी भीड़

इसी तरह मई 2010 में भी कुछ ऐसा ही हुआ था। समय गर्मियों की छुट्टी का था और पटना जाने वाले लोग क्रांति एक्सप्रेस का इंतजार कर रहे थे। ट्रेन को प्लेटफार्म 13 पर आना था लेकिन वो आई प्लैटफॉर्म नंबर 12 पर। यात्रियों को जैसे ही इसकी जानकारी हुई वहाँ तुरंत भगदड़ मच गई। इस आपाधामी में 2 लोगों की मौत हो गई जबकि कम से कम 15 यात्री घायल हुए थे।

इसके बाद साल 2012 में भी नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर एक दुर्घटना हुई थी। उस समय विक्रमशिला एक्सप्रेस अपने निर्धारित समय से 5 मिनट देरी से दोपहर 2.50 बजे प्लेटफार्म 12 की बजाय प्लेटफार्म 13 से रवाना हुई थी। इसके तुरंत बाद, यात्रियों की भीड़ प्लेटफार्म 13 पर खड़ी सप्त क्रांति एक्सप्रेस की ओर दौड़ पड़ी, जो आमतौर पर प्लेटफार्म 12 से चलती है। इस भगदड़ में 35 साल की महिला और 14 साल के लड़के की मौत हो गई थी।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

'द वायर' जैसे राष्ट्रवादी विचारधारा के विरोधी वेबसाइट्स को कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

आबादी 100 की लेकिन आधार कार्ड 120+… बिहार के किशनगंज से कटिहार में चल रहा घुसपैठियों का खेल, 1 लाख से अधिक फर्जी पहचान...

बिहार के सीमांचल क्षेत्र में किशनगंज, कटिहार, अररिया और पूर्णिया जैसे मुस्लिम बहुल इलाकों में जनसंख्या से ज्यादा फर्जी आधार मिले हैं। यह जानकारी आँकड़ों से सामने आई है।

अरुणाचल के CM ने चीन की कमजोर नस दबाई: जानिए क्यों कहा तिब्बत से लगती है हमारी सीमा, क्या ‘बफर स्टेट’ बना पड़ोसी बदल...

तिब्बत की अपनी अलग पहचान है और भारत का रिश्ता उसी से है, चीन से नहीं। ये बयान चीन की विस्तारवादी नीतियों पर सीधा हमला है।
- विज्ञापन -