भारत सरकार ने शनिवार (31 मई 2025) को जम्मू-कश्मीर से लेकर गुजरात तक पाकिस्तान सीमा से सटे राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में ऑपरेशन शील्ड के तहत मॉक ड्रिल का आयोजन किया। इस अभ्यास का उद्देश्य युद्ध जैसी आपातकालीन परिस्थितियों में नागरिक सुरक्षा उपायों की प्रभावशीलता का परीक्षण करना था।
गुजरात, राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, और कश्मीर में नागरिक सुरक्षा को मजबूत करने के लिए मॉक ड्रिल और ब्लैकआउट अभ्यास किए गए। ये अभ्यास ‘ऑपरेशन शील्ड’ के तहत आयोजित किया गया, जिनका उद्देश्य आपातकाल या युद्ध जैसी स्थिति में तेजी से और सही ढंग से प्रतिक्रिया देना है।
#WATCH जम्मू-कश्मीर: ऑपरेशन शील्ड के तहत श्रीनगर के लाल चौक पर ब्लैकआउट मॉक ड्रिल की गई। pic.twitter.com/7qe5kEvvg0
— ANI_HindiNews (@AHindinews) May 31, 2025
राजस्थान और हरियाणा में मुख्य सचिव सुधांश पंत ने सायरन प्रणाली को ठीक रखने और प्रतिक्रिया समय को कम करने के निर्देश दिए। बारामुला में हुई मॉक ड्रिल में एसडीआरएफ, सिविल डिफेंस, स्वास्थ्य विभाग, अग्निशमन विभाग और एनसीसी कैडेट्स ने भाग लिया। इन गतिविधियों का मुख्य उद्देश्य आम लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करना और आपात स्थिति में त्वरित कार्रवाई की तैयारी करना है।
कोटा- ऑपरेशन शील्ड के तहत हुई मॉक ड्रिल#TheNagariMedia pic.twitter.com/syyvbdncKn
— The Nagari News (@TheNagariMedia) May 31, 2025
ऑपरेशन सिंदूर के बाद की पहली मॉक ड्रिल
ऑपरेशन शील्ड मॉक ड्रिल, ऑपरेशन सिंदूर के बाद की पहली नागरिक सुरक्षा अभ्यास है। ऑपरेशन सिंदूर में भारत ने पाकिस्तान और पीओके में स्थित आतंकवादी ठिकानों पर कार्रवाई की थी, जिसके बाद यह मॉक ड्रिल आयोजित की गई है।
नागरिकों से सहयोग की अपील
सरकार ने नागरिकों से मॉक ड्रिल के दौरान संयम बनाए रखने और अधिकारियों के निर्देशों का पालन करने की अपील की है। यह अभ्यास नागरिक सुरक्षा उपायों की प्रभावशीलता का परीक्षण करने और आपातकालीन परिस्थितियों में त्वरित प्रतिक्रिया सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है। इस मॉक ड्रिल के माध्यम से भारत ने सीमावर्ती क्षेत्रों में नागरिक सुरक्षा उपायों की तैयारी और प्रभावशीलता की जाँच की गई, जिससे भविष्य में किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए बेहतर रणनीतियाँ विकसित की जा सकें।