Wednesday, May 1, 2024
Homeदेश-समाजराजस्थान के 'कुकर्मी जज' का डर, विधवा माँ ने बेटे सहित छोड़ा राजस्थान: PM...

राजस्थान के ‘कुकर्मी जज’ का डर, विधवा माँ ने बेटे सहित छोड़ा राजस्थान: PM मोदी को पत्र लिख कहा- उलटा हम पर ही केस

"कोतवाल रामनाथ ने उलटा मेरे परिवार पर ही फर्जी मुकदमा दर्ज कर दिया। हमसे कड़ी पूछताछ की। मेरे द्वारा दी गई तहरीर में एडिशनल एसपी का नाम था, लेकिन FIR में इसे नहीं जोड़ा गया। उन्हें बचाने का प्रयास किया गया।"

राजस्थान के भरतपुर में एक जज पर 14 साल के किशोर के रेप का आरोप लगा। अब पता चला है कि भ्रष्टाचार निवारण कोर्ट (एसीबी) के विशेष न्यायाधीश जितेंद्र गुलिया और उसकी कोर्ट के दो क्लर्क अंशुल और राहुल के भय से पीड़ित परिवार को घर छोड़ने को मजबूर होना पड़ा है। परिवार भरतपुर से आगरा शिफ्ट हो गया है। पुलिस उपाधीक्षक सतीश वर्मा पिसित किशोर का बयान लेने पहुँचे थे, लेकिन घर पर कोई नहीं मिला। भरतपुर पुलिस परिवार की तलाश के लिए आगरा गई है।

इसी बीच किशोर की माँ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिख कर सुरक्षा की गुहार लगाई है। माँ ने कहा है कि वो एक विधवा हैं और उनके बेटे का एक महीने से भी अधिक समय तक रेप किया गया। उन्होंने बताया कि ‘मथुरा गेट’ पुलिस थाने में जब वो न्याय के लिए पहुँचीं तो कोतवाल रामनाथ ने घंटों उन्हें, उनके परिवार को और बच्चे को धमकाया। साथ ही कोतवाल पर जज के खिलाफ खिलाफ मुकदमा न लिखवाने के लिए दबाव बनाने का भी आरोप लगाया गया है।

पीड़ित की माँ ने पत्र में लिखा है, “कोतवाल रामनाथ ने उलटा मेरे परिवार पर ही फर्जी मुकदमा दर्ज कर दिया। हमसे कड़ी पूछताछ की। मेरे द्वारा दी गई तहरीर में एडिशनल एसपी का नाम था, लेकिन FIR में इसे नहीं जोड़ा गया। उन्हें बचाने का प्रयास किया गया। पक्षपात पूर्ण कार्रवाई की गई है। मुझे अप्रत्यक्ष रूप से धमकाया जा रहा है। मेरे परिजनों पर कार्रवाई का दबाव बनाया जा रहा है। इस मामले में पुलिस की भूमिका संदिग्ध है। मुझे जान-माल का खतरा है।”

पीड़ित किशोर की माँ का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र

खतरे के कारण पीड़ित की माँ ने राजस्थान छोड़ कर कहीं और सुरक्षित जगह जाने की बात कही। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम भेजे गए पत्र में उन्होंने कहा है कि उन्हें उनसे न्याय की उम्मीद है। उन्होंने माँग की कि उनके परिवार के विरुद्ध दर्ज फर्जी मुकदमा वापस लिया जाए, दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई हो और परिवार को सुरक्षा व न्याय दिलाया जाए। पत्र की प्रति मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के अलावा राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग और राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग को भी भेजी गई है।

इस प्रकरण के सामने आने के बाद हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार (विजिलेंस) प्रवीण भटनागर को भरतपुर भेजा गया है। उन्होंने जिला कलेक्टर हिमांशु गुप्ता और पुलिस अधीक्षक देवेंद्र बिश्नोई से मिलकर पूरे मामले की जानकारी ली। आरोपित न्यायाधीश गुलिया सोमवार को भरतपुर से जयपुर निकल गए, जिसके बाद उनसे गुलिया से पूछताछ के लिए पुलिसकर्मी भेजे गए हैं। पुलिस ने जानकारी दी है कि पीड़ित के घर 5 पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं। पीड़ित परिवार का आरोप है कि समझौते का दबाव बनाया जा रहा है।

बता दें कि मामला सामने आने के बाद जोधपुर हाई कोर्ट ने आरोपित जज को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। उन पर लगे आरोप में बताया गया है कि वह पिछले 1 महीने से पीड़ित के साथ दुष्कर्म कर रहे थे। उन पर बच्चे को नशीला पदार्थ खिलाने का भी आरोप है। पीड़ित कक्षा 8 का छात्र है। उनके कहने पर DSP परमेश्वर लाल ने भी पीड़ित परिवार को मुँह बंद रखने की धमकी दी थी। आरोप है कि जज ने कहा कि जो तेरे साथ किया वही तेरी माँ के साथ भी करूँगा। सबको जेल भेजने की भी धमकी दी।

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

मनोज तिवारी-रवि किशन के गाने शेयर करने वाले राज बब्बर के बलात्कार वाले दृश्यों पर चुप: कॉन्ग्रेस ने गुरुग्राम से बनाया है उम्मीदवार, PM...

एक तो ऐसा दृश्य है जिसमें राज बब्बर सूट-बूट में कुर्सी पर बैठे हुए हैं और एक लड़की को एक-एक कर अपने कपड़े उतारने के लिए मजबूर कर रहे हैं। मनोज तिवारी और रवि किशन के गानों से नेहा सिंह राठौड़ को आपत्ति है, लेकिन राज बब्बर के दृश्यों को लेकर उन्होंने चूँ तक नहीं किया।

जिंदा होते चंदा बाबू तो तेजाब से भी तेज उन्हें गलाता ज्ञानेश्वर की थेथरई, आतंकी की बेवा के लिए बिछने वाले को पत्रकार क्यों...

अपने आपको पत्रकार कहने वाले ज्ञानेश्वर ने शहाबुद्दीन का जिस तरह से महिमामंडन किया है उसे अगर चंदाबाबू देखते तो शायद उनके दुख की सीमा नहीं होती।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -