Thursday, June 5, 2025
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शर्मिष्ठा पनोली को कलकत्ता हाई कोर्ट ने दी जमानत, पुलिस सुरक्षा के दिए आदेश: कहा- हिरासत में लेकर पूछताछ की नहीं कोई जरूरत, मिल रही थी धमकियाँ

दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद, कोर्ट ने पाया कि पनोली का पता सार्वजनिक हो गया था और उन्हें धमकियाँ मिल रही थीं। कोर्ट ने माना कि अब उनकी हिरासत में पूछताछ की कोई आवश्यकता नहीं है, जिसके बाद उन्हें अंतरिम जमानत दी गई। कोर्ट ने राज्य पुलिस को पनोली की सुरक्षा सुनिश्चित करने का भी आदेश दिया।

कानून की छात्रा और सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर शर्मिष्ठा पनोली को कलकत्ता हाई कोर्ट ने गुरुवार (5 जून, 2025) को अंतरिम जमानत दे दी है। यह जमानत उन्हें ₹10 हजार के निजी मुचलके (बॉन्ड) पर मिली है। हाई कोर्ट ने शर्मिष्ठा के विदेश यात्रा करने पर भी रोक लगा दी है। गौरतलब है कि 3 मई 2025 को हाई कोर्ट ने उनकी जमानत अर्जी खारिज कर दी थी और कहा था कि इससे ‘आसमान नहीं टूट पड़ेगा।’

मामला क्या है?

शर्मिष्ठा पनोली को पश्चिम बंगाल पुलिस ने हरियाणा के गुरुग्राम से 30 मई 2025 को गिरफ्तार किया था। उन पर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ से जुड़े एक वीडियो में अपमानजनक टिप्पणी करने का आरोप है।

इस मामले में वजाहत खान ने शिकायत दर्ज कराई थी। गिरफ्तारी के बाद, शर्मिष्ठा को 13 जून 2025 तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था।

पिता का बयान

शर्मिष्ठा पनोली के पिता पृथ्वीराज पनोली ने गिरफ्तारी के बाद एक बड़ा बयान दिया है। पिता पृथ्वीराज ने दावा किया है कि कोलकाता पुलिस ने उनके परिवार को लेकर गलत दावे किए हैं। जानकारी के अनुसार, पृथ्वीराज ने कहा कि जिस दिन पुलिस कोर्ट से गिरफ्तारी वारंट लेने गई, मैं खुद कोलकाता पुलिस के साथ बैठा था। इसके बावजूद उन्होंने दावा किया कि हमारा परिवार फरार है। यह बिल्कुल गलत है।

पृथ्वीराज पनोली का कहना है कि उनकी बेटी को ‘रेप और मर्डर की धमकियाँ’ मिल रही थीं। उन्होंने बेटी को ढूँढने और सुरक्षा के लिए कोलकाता पुलिस से संपर्क भी किया था, लेकिन इसके बजाय पुलिस ने उन्हें और उनके परिवार को फरार घोषित कर दिया था।

NHRC का हस्तक्षेप

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने इस मामले में हस्तक्षेप किया है। NHRC ने पश्चिम बंगाल पुलिस महानिदेशक को निर्देश दिया है कि शर्मिष्ठा पनोली की सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा जाए। NHRC के सदस्य प्रियंक कानूनगो ने बताया कि शर्मिष्ठा को गिरफ्तार होने के बाद से ‘बलात्कार और जान से मारने की कई धमकियाँ’ मिल रही हैं, जिसके बाद यह कदम उठाया गया है।

NHRC को एक शिकायत भी मिली है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि पश्चिम बंगाल पुलिस ने गुरुग्राम से शर्मिष्ठा को गिरफ्तार करते समय सही कानूनी प्रक्रियाओं का पालन नहीं किया। NHRC ने पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव और DGP से शर्मिष्ठा की सुरक्षा सुनिश्चित करने को कहा है। साथ ही, हरियाणा सरकार से भी यह पूछा गया है कि क्या गिरफ्तारी के दौरान सभी नियम-कानूनों का पालन किया गया था। इन जवाबों के आधार पर ही NHRC आगे की कार्रवाई तय करेगा।

पनोली के वकील का तर्क

पनोली के वकील डीपी सिंह ने तर्क दिया कि उनकी गिरफ्तारी ‘मौलिक अधिकारों का उल्लंघन’ थी क्योंकि उन्हें नोटिस नहीं दिया गया था। वकील ने कहा कि पनोली ने अगले ही दिन अपना आपत्तिजनक वीडियो हटा दिया था और माफी माँग ली थी। डीपी सिंह ने यह भी कहा कि ‘ईशनिंदा देश के कानून में नहीं है’ और उनकी मुवक्किल सिर्फ एक पाकिस्तानी लड़की के साथ सोशल मीडिया पर बातचीत का जवाब दे रही थी।

दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद, कोर्ट ने पाया कि पनोली का पता सार्वजनिक हो गया था और उन्हें धमकियाँ मिल रही थीं। कोर्ट ने माना कि शर्मिष्ठा पनोली की हिरासत में पूछताछ की कोई आवश्यकता नहीं है, जिसके बाद उन्हें अंतरिम जमानत दी गई। कोर्ट ने राज्य पुलिस को पनोली की सुरक्षा सुनिश्चित करने का भी आदेश दिया।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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