संभल में एक पुराना मंदिर खोजे जाने के बाद देश भर में मंदिरों के मिलने का सिलसिला जारी है। अब बिहार की राजधानी पटना में सैकड़ों वर्ष से बंद पड़े एक मंदिर को स्थानीय लोगों ने खोजा है। मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। यहाँ एक पुराना शिवलिंग भी मिला है, यह पूरी तरह सुरक्षित है। इस मंदिर में पूजा-अर्चना भी चालू हो गई है। मंदिर में दर्शन के लिए लम्बी-लम्बी लाइन लग रही हैं। प्रशासन भी मंदिर के आसपास व्यवस्था के लिए काम कर रहा है।
कचरे-मिट्टी में दबा था मंदिर
पटना में यह मंदिर आलमगंज थाना क्षेत्र के लक्ष्मणपुर इलाके में मिला है। यहाँ एक मठ भी है। स्थानीय लोगों को मठ से ही लगे हुए मंदिर के होने की कोई जानकारी नहीं थी। एक दिन मठ की चहारदीवारी के पास मिट्टी धंस गई। इसे मंदिर जैसे ढाँचे का कुछ हिस्सा दिखने लगा। इसके बाद स्थानीयों की इस पर नजर पड़ी। इसके बाद यहाँ खुदाई चालू हुई। जब मिट्टी हटाई गई तो मंदिर का ऊपरी हिस्सा दिखा। इसके बाद तेजी से मिट्टी हटाना चालू कर दिया गया।
यहाँ एक छोटा मंडपनुपा मंदिर मिला। इसमें शिवलिंग भी स्थापित था। इसके बाद इसको साफ़ किया गया। यह शिवलिंग भी एकदम सुरक्षित था। इसके बाद इसकी सफाई की गई और पूजा अर्चना चालू कर दी गई। शिवलिंग विशेष प्रकार का बना है और काफी सुंदर है। शिवलिंग के आसपास बना मंडपनुमा मंदिर भी काफी सुंदर है और इसपर नक्काशी भी की गई है। स्थानीयों ने बताया है कि जिस छोटे मंदिर में यह शिवलिंग स्थापित है, वह एक बड़े मंदिर का हिस्सा है।
सैकड़ों साल पुराना है मंदिर
स्थानीय लोगों ने दावा किया है कि यह मंदिर लगभग 500 वर्ष पुराना है। इसके आसपास के क्षेत्र का इलाका लाहौरी ईंट से बनाया गया है। इसमें अंदर जाने के लिए 4 प्रवेश द्वार हैं। इनमें से 2 अभी बंद है। मंदिर के अंदर जिस मंडपनुमा मंदिर में शिवलिंग स्थापित है, वह काले पत्थर का बना है।
संभावना है कि यह एक ही काले पत्थर की चट्टान से काट कर बनाया गया है। इसके अंदर शिवलिंग के साथ ही भगवान विष्णु के चरण स्थापित हैं। मंदिर में जल निकासी की व्यवस्था भी गोमुख के जरिए की गई है। एक स्थानीय व्यक्ति ने ईटीवी से बताया है कि मंदिर 1000 साल पुराना है और इसमें पहले 5 किलो सोना लगा हुआ था।
अब दर्शन के लिए लगी लाइन
लक्ष्मणपुर में यह मंदिर मिलने के बाद अब दर्शनार्थियों की बड़ी भीड़ लग रही है। मंदिर का प्रबंध स्थानीय लोग कर रहे हैं। यहाँ दर्शन के लिए लोगों की लाइन लगाई जा रही है। स्थानीय लोगों ने शिवलिंग को सजाया भी है। हालाँकि, भीड़ का प्रबंधन करना मुश्किल हो रहा है। उन्होंने माँग की है कि मंदिर में प्रबन्धन के लिए अब सरकार दखल दे और उनकी सहायता करे।