Wednesday, April 24, 2024
Homeदेश-समाजदंगे की साजिश, मनी लॉन्ड्रिंग और PFI से संबंध: कथित पत्रकार सिद्दीक कप्पन को...

दंगे की साजिश, मनी लॉन्ड्रिंग और PFI से संबंध: कथित पत्रकार सिद्दीक कप्पन को जमानत, 28 महीने बाद जेल से आया बाहर

अक्टूबर 2022 में लखनऊ की सेशन कोर्ट ने PMLA कोर्ट में उसकी जमानत की याचिका को खारिज कर दी। हालाँकि, दिसंबर 2022 में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस मामले में उसे जमानत दे दी। कोर्ट ने कहा कि सह-अभियुक्त अतिकुर रहमान के खाते में 5000 रुपए हस्तांतरण करने के अलावा और कोई लेनदेन उसके खाते में नहीं हुई।

उत्तर प्रदेश के हाथरस में हिंसा भड़काने के आरोप में पिछले लगभग 28 महीनों से जेल में बंद केरल निवासी सिद्दीक कप्पन गुरुवार (2 फरवरी 2023) को जेल से रिहा गया। कप्पन को गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (UAPA) और आईटी एक्ट समेत अन्य सभी मामलों में पहले ही जमानत मिल गई थी। अब मनी लॉन्ड्रिंग मामले में भी जमानत मिल गई है।

कप्पन पर प्रतिबंधित इस्लामी चरमपंथी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के साथ संबंध के आरोप हैं। केरल के मलप्पुरम निवासी सिद्दीक कप्पन को मथुरा पुलिस ने 5 अक्तूबर 2020 को गिरफ्तार किया था। कप्पन पर हाथरस मामले में हिंसा भड़काने की साजिश रचने के आरोप है।

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 23 दिसंबर 2022 को सिद्दीक कप्पन को सशर्त जमानत दी थी। हाईकोर्ट से जमानत मिलने के बाद PMLA कोर्ट के विशेष न्यायाधीश संजय शंकर पांडे ने कप्पन को एक-एक लाख रुपए की दो मुचलके पर जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया था। 

कप्पन की ओर से गत 9 जनवरी को जमानतनामा कोर्ट में दाखिल किए गए थे। इस पर कोर्ट ने जमानतदारों का सत्यापन कराने का आदेश दिया था। बुधवार (1 फरवरी 2023) को जमानतदारों और दस्तावेजों का सत्यापन हो गया। इसके बाद कोर्ट ने आरोपित को रिहा करने का आदेश जारी कर दिया।

जिला जेल के जेलर राजेन्द्र सिंह ने बताया कि बुधवार (1 फरवरी 2023) की रात लगभग 8 बजे कप्पन की रिहाई का आदेश जेल पहुँचा था। इसके बाद कानूनी औपचारिकताएँ पूरी कर उसे सुबह रिहा कर दिया गया। कप्पन ने इसे अपनी जीत बताया है।

सिद्दीक कप्पन को शांति भंग करने के आरोप में तीन अन्य लोगों के साथ गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद सांप्रदायिक हिंसा की साजिश रचने के आरोप में उस पर UAPA लगाया गया था। पिछले साल सितंबर में सुप्रीम कोर्ट ने उसे लंबित मनी लॉन्ड्रिंग (PMLA) मामले को छोड़कर सभी मामलों में जमानत दे दी थी।

अक्टूबर 2022 में लखनऊ की सेशन कोर्ट ने PMLA कोर्ट में उसकी जमानत की याचिका को खारिज कर दी। हालाँकि, दिसंबर 2022 में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस मामले में उसे जमानत दे दी। कोर्ट ने कहा कि सह-अभियुक्त अतिकुर रहमान के खाते में 5000 रुपए हस्तांतरण करने के अलावा और कोई लेनदेन उसके खाते में नहीं हुई।

गौरतलब है कि साल 2020 में हाथरस में एक दलित लड़की की हत्या हो गई थी। इसको लेकर राष्ट्रीय स्तर पर बवाल हुआ था। उस दौरान कप्पन भी अपने साथियों के साथ हाथरस जा रहा था, लेकिन रास्ते में पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया था। कप्पन के साथ अतीकुर्रहमान, आलम और मसूद को गिरफ्तार किया गया था।

पूछताछ के बाद यह खुलासा हुआ था कि उनकी हाथरस में दंगा फैलाने की साजिश थी। इसके बाद यूपी पुलिस ने आरोपितों के खिलाफ 5000 पन्नों की चार्टशीट अदालत में पेश की थी। चार्जशीट में यूपी एसटीएफ ने हाथरस में दंगों की साजिश का खुलासा किया था। चार्जशीट के मुताबिक, कप्पन दंगों का थिंक टैंक और पीएफआई के स्टूडेंट विंग का सदस्य रउफ शरीफ दंगों की साजिश और फंडिंग में शामिल था।

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

माली और नाई के बेटे जीत रहे पदक, दिहाड़ी मजदूर की बेटी कर रही ओलम्पिक की तैयारी: गोल्ड मेडल जीतने वाले UP के बच्चों...

10 साल से छोटी एक गोल्ड-मेडलिस्ट बच्ची के पिता परचून की दुकान चलाते हैं। वहीं एक अन्य जिम्नास्ट बच्ची के पिता प्राइवेट कम्पनी में काम करते हैं।

कॉन्ग्रेसी दानिश अली ने बुलाए AAP , सपा, कॉन्ग्रेस के कार्यकर्ता… सबकी आपसे में हो गई फैटम-फैट: लोग बोले- ये चलाएँगे सरकार!

इंडी गठबंधन द्वारा उतारे गए प्रत्याशी दानिश अली की जनसभा में कॉन्ग्रेस और आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता आपस में ही भिड़ गए।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -

हमसे जुड़ें

295,307FansLike
282,677FollowersFollow
417,000SubscribersSubscribe